कांग्रेस नेता राहुल गाँधी और उनके सार्वजानिक भाषणों में जुटने वाली भीड़ अक्सर चर्चा का विषय रहती है। इसी के चलते कांग्रेस पार्टी और इसके कार्यकर्ता यह प्रयास करते देखे जाते हैं कि जब जिस शहर में राहुल गाँधी बोलें, तो वहाँ श्रोता कम से कम ‘ठीक-ठाक’ मात्रा में नजर आ जाएँ।
जब तक अयोध्या मुद्दा हल नहीं हुआ था, आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद और भारतीय जनता पार्टी द्वारा आवाज़ उठाने पर कांग्रेस और अन्य छद्दम धर्म-निरपेक्ष वोटों के ध्रुवीकरण कर देश में अशांति फ़ैलाने का आरोप लगाते थे, लेकिन खुद अपनी कुर्सी की खातिर मस्जिदों और चर्चों की मदद लेते समय क्या ध्रुवीकरण नहीं किया जाता? तुष्टिकरण नीति के चलते देश के वास्तविक इतिहास को धूमिल करते किसी को शर्म नहीं आयी। भारत ही विश्व में ऐसा अनोखा एकलौता देश है, जहां के वासी शिक्षित होते हुए भी अपने वास्तविक इतिहास से अज्ञान है।
भारतीय मुसलमानों को अपनी ऑंखें खोल दिमाग का इस्तेमाल कर इन सभी छद्दम और पाखंडी धर्म-निरपेक्षों से जितनी ज्यादा हो सके दूरी बनानी होगी, इन पाखंडियों ने अपनी कुर्सी और तिजोरी की खातिर मुसलमानों का हौवा बनाकर इस कौम को बदनाम किया है। जिस कारण गैर-मुस्लिम इन्हें शंका की निगाह से देखते हैं। जीता-जगता उदाहरण : जिस पाकिस्तान का इस्लामिक आतंकवाद को संरक्षण देने हौवा बना रखा था, आज विश्व में अलग-थलग पड़ा है; दूसरे, कोरोना काल में मृत्यु हुई वामपंथियों की शोक सभा में इतिहास को धूमिल करने की सच्चाई भी सामने आ गयी; तीसरे, कश्मीर के PDP सांसद ने भी राज्यसभा से विदा होते कहा कि “दो परिवारों ने कश्मीर को आतंकवाद के हवाले किया।”(नीचे दिए लिंकों का अवलोकन करें) और भी अनेकों मिसालें हैं, विश्व में ऐसा कौनसा देश है जहाँ पार्टियां अपने स्वार्थ की खातिर देश को तोड़ने वालों के समर्थन खड़ी हो, यदि यही काम किसी अन्य देश में हुआ होता, तुरंत ऐसे नेताओं पर नकेल पड़ गयी होती।
इस बार राजस्थान में 13 फरवरी को राहुल गाँधी की एक रैली हुई, जिसमें ‘भीड़ जुटाए जाने’ वाली रणनीति एक वायरल वीडियो के जरिए बहस का विषय बनी हुई है। ठीक एक साल पहले भी इसी तरह के आरोप राहुल गाँधी की रैलियों में भीड़ के जुटान को लेकर राजस्थान सरकार पर लगे थे। आरोप यह था कि राहुल गाँधी की रैली में भीड़ जुटाने के लिए एक ‘वायरल’ आदेश में कॉलेज की कक्षाएँ नहीं लगने की बात कही गईं थीं।
इसे लेकर तब भारी बवाल भी हुआ था और भाजपा ने फेसबुक, ट्विटर और वाट्सऐप पर इस आदेश की फोटो के साथ राजस्थान की राज्य सरकार पर रैली में भीड़ जुटाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करने के आरोप लगाए थे। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने रिट्वीट कर उठाया मुद्दा था।
ऐसे में, अब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि एक मजहबी गुरू लोगों से राहुल गाँधी की रैली में भारी मात्रा में इकठ्ठा होने के लिए कह रहा है।
ट्विटर पर ‘हम लोग We The People’ (@humlogindia) नाम के एक ट्विटर यूजर ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, “आखिर कॉन्ग्रेस का विरोध क्यों जरूरी है.. राजस्थान में राहुल गाँधी की रैली के लिए भीड़ इकट्ठी करने के लिए बाकायदा मस्जिदों से 2025 का डर दिखाकर रैली में इकट्ठा होने का ऐलान किया गया।”
इस वायरल वीडियो में एक व्यक्ति मंच से कह रहा है, “जनाब राहुल गाँधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री जनाब अशोक गहलोत साहब और बहुत सारे मंत्री आ रहे हैं.. और इस मौके पर, जो टाइम दिया गया है… शहर में ऐलान भी हो रहे हैं, उसका आप ध्यान रखें और 13 फरवरी को सुबह 11 बजे अपने काम बंद कर के राज पब्लिक स्कूल के पास सभास्थल पर पहुँचकर अपनी जिंदादिली का सबूत पेश करें और एकजुटता का परिचय दें। ये इसलिए भी जरुरी है क्योंकि आपके सर पर 2025 की भी तलवार लटक रही है।”
लोक सभा चुनाव होने हैं 2024 में, लेकिन मोदी विरोध करने में विरोधियों की बुद्धि ही भ्रष्ट हो गयी है, मस्जिद से ऐलान किया जा रहा है 2025, वैसे तो इस तरह की हरकतों से विपक्ष स्वयं अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार अपने विनाश की पटकथा लिख रहा है। जिन मुद्दों का विरोध करना चाहिए उनमें से किसी एक का गंभीरता से विरोध नहीं हो रहा। जैसे: महंगाई, सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थानों में नौकरियों में होती गिरावट, भ्रष्टाचार, बिगड़ती कानून व्यवस्था और तुष्टिकरण आदि पर कोई नहीं बोलता,क्यों?
हालाँकि, इस वायरल वीडियो के वास्तविक स्रोत और तारीख की पुष्टि नहीं की गई है लेकिन ट्विटर पर इस वायरल वीडियो को बड़े स्तर पर शेयर किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि यही असली सेक्यूलरिज़्म है। वहीं, कुछ लोग इस वीडियो को लेकर कांग्रेस समर्थकों और वामपंथियों से भी सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर मुस्लिम समुदाय के लोग कांग्रेस को वोट क्यों देते हैं?
एक ट्विटर यूजर ने पूछा है कि यही बात अगर किसी मंदिर में पुजारी ने कही होती तो?
लोगों के बीच यह वीडियो इस कारण वायरल हो रहा है क्योंकि उनका मानना है कि वीडियो में नजर आ रहा दाढ़ी वाला व्यक्ति एक मौलवी है और वो मस्जिद से 2025 (माना जा रहा है कि इस व्यक्ति का इशारा 2024 के आम चुनाव की ओर था) के आम चुनाव को ध्यान में रखते हुए राहुल गाँधी की रैली में शामिल होने की अपील कर रहा था।
(इंडिया फर्स्ट से साभार)