Categories
उगता भारत न्यूज़

मां के दिए हुए संस्कार जीवन भर हमारे काम आते हैं: एडीएम दिवाकर सिंह

माता अशर्फी देवी की मनाई गई 21वीं पुण्यतिथि

दादरी । (अजय आर्य) यहां स्थित ग्राम रूपवास में माता अशर्फी देवी की 21वीं पुण्यतिथि के अवसर पर हर साल की भांति इस बार भी हजारों लोग उपस्थित हुए। कई गणमान्य लोगों ने माता अशर्फी देवी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस बार के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में जनपद गौतमबुद्ध नगर के एडीएम प्रशासन श्री दिवाकर सिंह उपस्थित हुए। जिन्होंने अपने मुख्य संबोधन में कहा कि माता के दिए संस्कार हमारे लिए जीवन भर काम आते हैं। उन्होंने कहा कि मां एक साधना का नाम है। मां सृष्टि का ऐसा पवित्र शब्द है जिसके संबोधन से ही हमें बहुत ऊर्जा प्राप्त हो जाती है।
माँ की ममता पर बोलते हुए श्री सिंह ने कहा कि यदि मां की ममता संसार में ना होती तो सारा संसार जिस प्रेम के आकर्षण में बंधा हुआ है वह कदापि न बंधा होता। इस प्रकार माता का न केवल हमारे जीवन में बल्कि जगत व्यवस्था के बनाए रखने में भी विशेष योगदान है । उसकी सारी व्यवस्था को चलाने में मां का प्यार, मां की ममता और मां का आशीर्वाद पूरे जगत में व्याप्त है। उन्होंने कहा कि माता अशर्फी देवी के जीवन से हमें शिक्षा लेनी चाहिए कि जैसे अच्छी संतान उनका नाम रोशन कर रही है वैसे ही हम भी अपनी मां के प्रति समर्पण और भक्ति का भाव प्रकट करने वाले बने।
उन्होंने कहा कि मां हमारे जीवन की एक ऐसी मोमबत्ती है जो स्वयं जल जाती है पर हमारे जीवन में प्रकाश कर जाती है । वह एक ऐसा दीपक है जो सदा हमारे जीवन में प्रकाश करने के लिए जलता रहता है। उसकी अखंड ज्योति हमारे हृदय में सदा विराजमान रहती है और जब वह इस संसार में भी नहीं रहती तब भी वह हमारे हृदय में समाहित होकर हमारा मार्गदर्शन करती रहती है।
कार्यक्रम में शिक्षाविद् और राष्ट्रपति पदक से सम्मानित रूप सिंह नागर ने कहा कि श्री बालचंद वर्मा की पूरे क्षेत्र में मातृ भक्त के रूप में छवि बन चुकी है। उनके द्वारा मां के लिए किया जाने वाला यह महान कार्य सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रहा है। श्री नागर ने कहा कि मां की स्मृति में जारी की गई स्मारिका अर्पण भी समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाल रही है।
इससे पूर्व दादरी के विधायक मास्टर तेजपाल सिंह नागर ने माता अशर्फी देवी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि मां के प्रति भक्ति भावना यदि समाज में पैदा हो जाए तो समाज में जिस प्रकार इस समय मानवीय मूल्य गिर रहे हैं उनको हम फिर से स्थापित करने में सफल हो सकते हैं। भाजपा के प्रांतीय उपाध्यक्ष और वरिष्ठ नेता नवाब सिंह नागर ने अपने संदेश में कहा कि मां संतान का ही नहीं बल्कि राष्ट्र का निर्माण करती है। वह बड़े बड़े शूरमा, योद्धाओं, समाज सुधारको और क्रांतिकारी लेखकों को पैदा करने का काम करती है। मां की प्रेरणा से संसार में बड़ी बड़ी क्रांतियां सफल हुई हैं। इसलिए मां के अमूल्य योगदान के प्रति हमारे हृदय में विशेष श्रद्धा होनी चाहिए।

इस अवसर पर लेखक और वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ राकेश कुमार आर्य ने कहा कि मां की पूजा से हमें बहुत आनंद की प्राप्ति होती है। सचमुच वह लोग अभागे हैं जो अपनी मां का तिरस्कार करते हैं या उसे गली-गली में भटकने के लिए मजबूर करते हैं। मां के शुभ आशीर्वाद को प्राप्त कर हमें आगे बढ़ना चाहिए। श्री आर्य ने कहा कि श्री बालचंद वर्मा जिस प्रकार प्रत्येक कार्य करें मां को देते हैं वह हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है। श्री आर्य ने कहा कि मां की अखंड ज्योति को जो लोग ह्रदय में धार लेते हैं उन्हें मां अंतिम क्षणों तक प्रकाश देती रहती है और अपने शुभ आशीर्वाद से उनकी सभी समस्याओं का समाधान करती रहती है।
इस अवसर पर वरिष्ठ समाजवादी नेता और सामाजिक कार्यकर्ता जयप्रकाश नागर ने भी अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि उत्तर प्रहरी समाचार पत्र जिस निष्पक्षता से अपना कार्य कर रहा है वह प्रशंसनीय है। उन्होंने पत्र की सालगिरह के अवसर पर पत्र के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी शुभकामनाएं दीं और अर्पण स्मारिका के जारी करने पर भी सभी लेखकों को बधाई देते हुए कहा कि इस पत्रिका में प्रकाशित लेख समाज का मार्गदर्शन करते हैं। जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और समाजसेवी पीताम्बर स्वरूप शर्मा ने मां के योगदान के प्रति श्रद्धा भावना प्रकट करते हुए कहा कि मां को भूलना ईश्वर को भूलने के समान है। जो व्यक्ति मां की भक्ति करने को ईश्वर समझ लेता है उसका जीवन बहुत ही पवित्र हो जाता है।
इस अवसर पर सतपाल दोसा की टीम की रागनियां के माध्यम से भी लोगों का मार्गदर्शन हुआ । उन्होंने माता अशरफी देवी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए एक सुंदर भजन प्रस्तुत किया। जिस पर लोग झूम उठे ।श्री दोसा ने मां की महिमा को प्रकट कर इस भजन के माध्यम से यह सिद्ध करने का प्रयास किया कि हमारे जीवन में मां का अमूल्य योगदान होता है और उसके योगदान को भूलना बहुत बड़ा पाप करना है।

Comment:Cancel reply

Exit mobile version