हिन्दू की हत्या पर मिलता है संभोग जैसा सुख : गायिका करालीसा मोंटेरियो
कारालीसा मोंटेरियो के नाम से वायरल हो रहा ट्वीट
भारत की मोदी सरकार द्वारा जब से तीन तलाक बिल से लेकर कृषि बिल तक मोदी विरोधियों के सुरताल एक जरूर हो रहे हैं, लेकिन सभी ये भूल रहे हैं कि विरोध करते-करते हिन्दू विरोध बहुत जल्द इन सबको पाताल में पहुंचा देगा और भारत से विपक्ष नाम ही लुप्त हो जाएगा। आने वाले चुनावों में जनता इन मोदी विरोधियों से पूछे कि “अगर मोदी सरकार द्वारा लाये गए कानून जन विरोधी हैं, फिर क्यों तुम सब अपने-अपने घोषणा पत्रों में इसका उल्लेख कर जनता को लॉलीपॉप दी जा रही थी? इनके हिन्दू उम्मीदवारों से पूछा जाए कि जब आंदोलनों में हिन्दू विरोधी नारे लग रहे थे, तब क्यों और किस आधार पर इन नारों का समर्थन कर रहे थे? क्या तुम हिन्दू नहीं हो?” आदि आदि।
मोदी विरोधियों को जिन मुद्दों का विरोध करना चाहिए, उनमें से किसी एक का विरोध करने का साहस नहीं पा रहे, बस अपनी कुर्सी की खातिर हिन्दुओं को कलंकित करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं, पता नहीं कैसे इनके संस्कार हैं? रही बात हिन्दू राष्ट्र की, वह तो दीवारों पर 1555 से लिखा हुआ है, अगर पढ़ नहीं पा रहे हो तो उसमें किसी का क्या कसूर। तब नॉस्त्रेदमस ने स्पष्ट लिखा कि 2014 चुनाव में एक अधेड़ उम्र के नेतृत्व में नयी पार्टी सत्ता में आएगी। इस विषय पर अपने लेखों में विस्तार से लिख चूका हूँ।
दिल्ली व उसके आसपास के इलाकों में चल रहे ‘किसान आंदोलन’ के समर्थन में लगातार प्रोपेगेंडा फैला रही गायिका कारालीसा मोंटेरियो के नाम से एक ट्वीट सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इस ट्वीट में लिखा है, “जब भी किसी हिन्दू की हत्या होती है, मुझे संभोग जैसा सुख प्राप्त होता है। मोदी भले कॉन्ग्रेस मुक्त भारत का सपना देखते हों, लेकिन हम जल्द ही हिन्दू मुक्त भारत बनाएँगे। आमीन।”
वायरल हो रहे ट्वीट का स्क्रीनशॉट
आगे बढ़ने से पहले बता दें कि कारालीसा मोंटेरियो वही हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर अगस्त 2020 में तब फेक न्यूज़ शेयर की थी, जब कोरोना महामारी अपने चरम पर थी। उन्होंने पीएम मोदी की एक तस्वीर शेयर की थी, जिसमें वो लॉन में बैठ कर अख़बार पढ़ रहे हैं और आसपास कुछ बत्तख घूम रहे हैं। उन्होंने दावा किया था कि जब देश महामारी के संकट से जूझ रहा है, तब पीएम मोदी आराम फरमा रहे हैं।
जबकि सच्चाई ये है कि वो तस्वीर 2013 की थी, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। इसी तरह कारालीसा ने ऑपइंडिया को लेकर भी झूठे दावे किए थे। हाल ही में उन्होंने ऑपइंडिया का एक स्क्रीनशॉट शेयर किया था, जिसमें बताया गया था कि ग्रेटा थनबर्ग का असली नाम गजला भट्ट है, और वो एक कश्मीरी कारोबारी की बेटी हैं। वो स्क्रीनशॉट फर्जी थी और ऑपइंडिया ने कभी ऐसा कुछ लिखा ही नहीं।
अब कारालीसा मोंटेरियो ने हिन्दू की हत्या वाली वायरल ट्वीट के स्क्रीनशॉट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उसे फेक करार दिया है। उन्होंने कहा है कि ये फेक ट्वीट है और इसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि वो कभी ऐसी भाषा का प्रयोग करती ही नहीं हैं। उन्होंने इस मामले में औपचारिक शिकायत दर्ज कराने की बात कही। साथ ही उद्धव कैबिनेट में कॉन्ग्रेस के मंत्री असलम शेख को टैग भी किया।
‘किसान आंदोलन’ के बीच अंतरराष्ट्रीय प्रोपेगेंडा का बाजार गर्म है और रिहाना से लेकर ग्रेटा तक ने इसके लिए ट्वीट्स किए। खबर आई थी कि स्काईरॉकेट (Skyrocket), जो एक पीआर फर्म है और जिसका डायरेक्टर एक खालिस्तानी एमओ धालीवाल है, ने आंदोलन के पक्ष में ट्वीट करने के लिए पॉप स्टार रिहाना को 2.5 मिलियन डॉलर का भुगतान किया। भारतीय करेंसी में यह 18 करोड़ रुपए से अधिक है।