1. न्याय संबंधी-राज्य सूची के विषय से संबंधित वह अपराधियों की सजा को माफ कर सकता है।
2. वित्त संबंधी-प्रत्येक धन विधेयक पर राज्यपाल की स्वीकृति आवश्यक होती है।
3. व्यवस्थापिका संबंधी-इसे विधानमंडल की बैठक बुलाने, स्थगित करने तथा भंग करने का अधिकार है। वह विधान परिषद के कुछ सदस्यों को भी मनोनीत करता है।
4.कार्यपालिका संबंधी-यह मुख्यमंत्री तथा अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है। राष्ट्रपति को सलाह देकर वहां राष्ट्रपति शासन लागू करा सकता है।
विधानमंडल-इसके अंतर्गत दो सदन होते हैं।
1. विधानसभा
2. विधान परिषद
1. विधानसभा-इसका कार्यकाल 5 वर्ष है। इसके सदस्यों की अधिकतम संख्या 500 तथा न्यूनतम 60 है। इसका अध्यक्ष स्पीकर होता है तथा इसका चुनाव विधानसभा के सदस्यों द्वारा होता है।
2. विधान परिषद-यह स्थायी संस्था है इसके 1/6 सदस्य राज्यपाल द्वारा मनोनीत किये जाते हैं। इनकी 1/3 सदस्य संख्या प्रति दो वर्ष चुनी जाती है। वर्तमान में भारत के 5 राज्यों में विधान परिषद है।
मंत्रिपरिषद व मुख्यमंत्री-मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करता है। संवैधानिक व्यवस्था एवं परंपरा के अनुसार वह विधानसभा में बहुमत वाले दल के नेता को ही मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त करता है। मंत्रिपरिषद के सदस्य मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल द्वारा नियुक्त किये जाते हैं।
उच्च न्यायालय-प्रत्येक राज्य में एक उच्च न्यायालय होता है। इसके मुख्य न्यायाधीश तथा अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है। इसके न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष है।