-डब्ल्यू.एच.ओ. के संदर्भ से यह ज्ञात हुआ है कि अमरीका व अन्य देशों में कुछ दवायें जैसे एस्परीन, डिस्परीन, एनाल्जीन, नोवाल्जिीन, पेरासीटामोल, स्टे्रपीमाइसिन, टेरामाइसनि, बूटाजोल, ऑक्सीजोन, प्रोक्सीजोन, सोफरामाइसीन, निमूस्लाइड सस्पेंशन, नाइस, गैटी, सुमोकोल्ड, विक्स आदि-आदि दवायें वर्जित हो चुकी हैं क्योंकि यह दवायें किडनी, लीवर एवं हृदय के लिए हानिकारक हैं।
-भारत में उपरोक्त सभी वर्जित दवायें भ्रष्टïाचार एवं निजी स्वार्थ के चलते डॉक्टरों द्वारा लिखी जा रही हैं और दुकानों से बेची जा रही हैं। कृपया सावधान रहें। अपनी सुरक्षा आपको स्वयं ही करनी है।
चदुनिया के अधिकांश देश चीनी को छोड़ रहे हैं, क्योंकि इसमें प्रमुख रूप से प्रयोग होने वाला सल्फर खून में जाकर जम जाता है और हृदय रोगों को बढ़ाता है। इसके स्थान पर गुड़ या इससे बनने वाली शक्कर खजूर या शहद का सेवन करें।
-सुगर-फ्री (चीनी के स्थान पर) चीनी, गोलियां या द्रव रूप में प्राय: कसी चीज का प्रयोग भी ना करें। ये भी पूर्णतया नुकसानदेह है। भारत में सरकार का बाजार में सुगर अथवा काले स्टे्रल फ्री वस्तुओं की बिक्री पर कोई नियंत्रण एवं टेस्टिंग का तरीका नही है। अत: इनकी क्वालिटी बहुत खराब होती है और बिक्री कर मुनाफा कमाने का साधन मात्र है।
-नेपाल, बंगलादेश, पाकिस्तान और भारत को छोड़कर कोई देश डालडा (जमा हुआ घी) नही खाता है क्योंकि यह सीधा कोलेस्ट्राल बनाता है।
-इसकी जगह पर देशी गाय का घी अथवा देशी सरसों, तिल, नारियल, मूंगफली, सोयाबीन आदि का कोल्हू में पेरा हुआ तेल जो चिकनाई सहित होता है। प्रयोग करें। इससे त्वचा चिकनी व स्वस्थ रहती है।
-खानाा खाने के एक घंटा पहले या बाद में आंबला जूस एवं एलोविरा जूस बराबर मात्रा में थोड़े ताजे या गुनगुने पानी में मिला कर लें। इससे पाचन क्रिया, हृदय, दांत, आंख बालों के रोग एवं अन्य बीमारियां ठीक होती हैं।
-सादा सफेद आयोडीन युक्त फेेक्टरी निर्मित नमक केमिकल्स से बनने के कारण बहुत नुकसान देह है। इसे घोलें और प्रतिदिन एक से तीन ग्राम तक ही सैंधा या काला नमक खायें। नही तो ब्लड प्रेशर बढ़ेगा और किडनी, लीवर खराब होंगे।
-सब्जियों एवं फलों को तेज गर्म नमक मिले पानी में दस मिनट डाल दें। फिर ताजे पानी से धोयें। आलू शकरकंदी आदि उबलने के लिए पानी में नमक डालकर इन्हें उबालें और फिर छीलकर बिना नमक नींबू डाले खायें।
-इसी प्रकार खीरा, टमाटर, चुकंदर, शलजम, मूली, ककड़ी, गोभियां, पालक आदि सब्जियों को एवं फलों को कच्चा खाने में भी नींबू एवं नमक का प्रयोग ना करें क्योंकि ऐसा करने पर इनके तत्व नष्टï हो जाते हैं।
-एल्युमीनियम के वर्तन में सब्जी बनाने एवं स्टोर करने में प्रयोग ना करें। लोहे की कड़ाई, पीतल, तांबे के अथवा स्टील के वर्तन में ही प्रयोग करें।
-रात को सोते समय पूरब या दक्षिण की तरफ सिर करके सोयें। इससे चिंता, बीमारी और विषाद, विवाद पीछा छोड़ देंगे। सोते समय ‘ओम नमो’ अथवा अन्य मंत्रों का मानसिक जाप करते करते सो जायें। स्वप्न नही आएंगे।
-सोकर या लेटकर जब भी उठें तो दायीं करवट से ही उठें। इससे हृदय पर जोर नही पड़ेगा।
-दोपहर का खाना लेने के बाद 10 मिनट बांयी करवट लेटें। इससे खाना ठीक से पच जाएगा। गैस नही बनेगी।
-सर्दियों में शरीर में गर्मी लाने के लिए बायीं करवट एवं गर्मियों में शरीर में ठंडक लाने के लिए दायी करवट में लेटें।
-घर से चलते समय ो स्वर चल रहा हो (अर्थात जिस नासिका से सांस आ जा रही हो) उसी पैर को दहलीज से बाहर निकालिये एवं उसी साइड के हाथ से चीजें ले एवं दें। इससे नुकसान एवं दुर्घटना नही होगी।
-सर्दियों में गुनगुने पानी से नहाते समय पहले पैरों पर और बाद में सिर पर पानी डालें। गर्मियों में डंडे पानी से नहाते समय पहले सिर पर और बाद में पैरों पर पानी डालें।
-आजकल बाजार में बिना पालिश की दाल, चावल मिलने लगे हैं। इन्हें ही प्रयोग करें।
-बिजेन्द्र कुमार जैन