कांग्रेस नेता रवनीत सिंह बिट्टू
लगता है किसान आंदोलन को लेकर कांग्रेस में ही दो फाड़ होते दिखाई दे रहे हैं। पंजाब के लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा है कि हाल ही में पारित कृषि कानून के खिलाफ हो रहे किसान आंदोलन को खालिस्तानी तत्व हाइजैक करने का प्रयास कर रहे है। बता दें रविवार (24 जनवरी, 2021) को सिंघु बॉर्डर पर कुछ लोगों द्वारा कांग्रेस नेता के साथ की गई हाथापाई और कड़े विरोध के बाद, उनकी यह टिप्पणी सामने आई है।
रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा, हम खालिस्तानी झंडे और नारे लगाने वालों से भयभीत नहीं होंगे। वे (हमला करने वाले) तथाकथित नक्सली, खालिस्तानी या 2020 के लोग (रेफरेंडम 2020) हैं।” उन्होंने आगे दावा किया कि उपद्रवी लोगों को किसान आंदोलन स्थल पर खालिस्तानी झंडा लहराने और फहराने के लिए 1 करोड़ 80 लाख रुपए ऑफर किए जा रहे हैं।
जब यही बात सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में कही थी, तो कांग्रेस पार्टी ने दावा किया था कि सरकार किसानों का अपमान कर रही है। इस बीच, कांग्रेस पार्टी मामले में दोतरफा खेलने का प्रयास कर रही है। जब यही समाचार चर्चा में आया था, तब बिकाऊ नेताओं ने इसे किसानों का अपमान करार दिया था, परन्तु अब वही बात कांग्रेस की तरफ से आने पर प्रमाणित हो जाता है कि मोदी विरोधी अराजक तत्वों के साथ मिलकर देश में दंगों की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता ने कहा है, “किसान अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। ये लोग हमारे अपने हैं। हम अपने किसानों के साथ मजबूती से खड़े हैं।”
इन्हीं कांग्रेस नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने पहले हिंसक धमकी देकर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा था, ”वे (सरकार) सोचते हैं कि हम कुछ समय बाद थक जाएँगे और अपने धरने को छोड़ देंगे। लेकिन नहीं! हम लाशों को ढेर लगा देंगे। हम अपना खून भी देंगे। हम इसके लिए कहीं भी, किसी भी हद तक जा सकते हैं।”
इसके अलावा कॉन्ग्रेस नेता ने कृषि कानूनों के बारे में फर्जी खबरें भी फैलाई थीं और यह दावा किया था कि रिलायंस, गूगल और व्हाट्सएप बड़ी मात्रा में गेहूँ खरीदेंगे और किसानों का शोषण करने के लिए इसे जमा कर के रखेंगे।