2014 में प्रधानमंत्री बनने पर नरेन्द्र मोदी ने राजनीति को अपराध मुक्त करने का वायदा किया था, जिस ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। चुनाव आयोग केवल एक सरकारी मोहरा ही सिद्ध हो रहा है, क्योकि जब कोई अपराधी अथवा अपराधी प्रवित्ति वाले को सरकारी/अर्ध-सरकारी या कोई प्रतिष्ठित संस्थान तक नौकरी नहीं देता, फिर किस आधार पर चुनाव आयोग ऐसे लोगों को चुनाव लड़ने की इजाजत देता है? किसी अपराधी प्रवित्ति वाले से किस आधार पर संविधान और कानून का सम्मान करेगा? अपराध में वृद्धि और शायद इसी कारण भ्रष्टाचार देश में व्यापक स्तर पर फैला हुआ है। भ्रष्टाचार का मतलब कानून और संविधान होने का मजाक।
दूसरे जो अपराध इन जनप्रतिनिधियों द्वारा किए जाते हैं, अगर यही अपराध किसी सामान्य व्यक्ति द्वारा करने पर क्या वह किसी सरकारी ऑफिस में काम कर सकता है? यदि नहीं फिर नेता क्यों? आखिर कब तक कानून और संविधान को ये नेता खिलौना बनाते रहेंगे।
दिल्ली के विवादित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार सिर्फ अराजकता से ही नहीं, बल्कि आपराधियों से भी भरी हुई है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के 57 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से आधे से अधिक विधायकों के खिलाफ हत्या, लूट, डकैती, रेप जैसे संगीन अपराधों के तहत केस दर्ज हैं और ये जेल भी जा चुके हैं।
जाने-माने आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. डी सी प्रजापति ने दिल्ली पुलिस से सूचना के अधिकार के तहत आम आदमी पार्टी के विधायकों पर दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी मांगी। उन्हें दिल्ली पुलिस की तरफ से जो जानकारी दी गई है, उससे साफ पता चलता है कि आम आदमी पार्टी सिर्फ अपराधियों की पार्टी बनकर रह गई है। 2005 से आरटीआई एक्टिवस्ट के तौर पर काम कर रहे है डॉ. प्रजापति के मुताबिक ऐसा नहीं है कि 2014 में सत्ता में आने के बाद इन विधायकों पर आपराधिक केस दर्ज हुए हैं। बल्कि सच्चाई ये है कि आधे विधायकों पर 2014 के पहले से ही केस दर्ज हैं, यानि ईमानदारी का ढोल पीटने वाले केजरीवाल ने जानबूझ कर अपराधियों को टिकट देकर दिल्ली वालों को धोखा दिया है।
आरटीआई के जरिए मिली जानकारी के मुताबिक केजरीवाल की सरकार में मंत्री रह चुके सोमनाथ भारतीय के खिलाफ सुरक्षाकर्मी से मारपीट का केस दर्ज है। ओखला से आप विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ महिला से यौन उत्पीड़न का केस दर्ज है। मेहरोली से विधायक नरेश यादव के खिलाफ कुरान फाड़ने का केस है तो देओली से विधायक प्रकाश जरवाल के खिलाफ महिला से छेड़छाड़ का मामला दर्ज है। संगम विहार से विधायक दिनेश मोहनिया के खिलाफ भी महिला से छोड़छाड़ और धमकी देने का केस दर्ज है। विकासपुरी से एमएलए महिंद्रा यादव के खिलाफ दंगे भड़काने का मामला दर्ज है, तो त्रिनगर से विधायक जितेंद्र तोमर के खिलाफ फर्जी डिग्री का केस पुलिस में दर्ज है। कोंडली से विधायक मनोज कुमार के खिलाफ महिला से छेड़खानी के केस दर्ज है तो मटिया महल से रहे आप एमएलए असीम अहमद खान के खिलाफ रिश्वतखोरी का केस दर्ज है।
आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली से सीएम केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ भी कई थानों में केस दर्ज हैं। केजरीवाल, सिसोदिया, गोपाल राय के खिलाफ संसद मार्ग थाने में आईपीसी की धारा 186, 353, 147, 148, 149, 188 के तहत 2012 से केस दर्ज है। केजरीवाल के खिलाफ इसी थान में 2013 में धारा 117, 149 के तक मामला दर्ज हुआ था, जो आज तक लंबित है। केजरीवाल, सिसौदिया, सोमनाथ भारती और राखी बिरला के खिलाफ इसी थाने में 20 जनवरी, 2014 में धारा 349, 147, 149, 186,188 के तहत केस दर्ज हुआ था।
दिल्ली के नौटंकीबाज मुख्यमंत्री केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री सिसौदिया के खिलाफ तुगलकाबाद थाने में भी 2012 में कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था।
इतना ही नहीं कोंडली से आम आदमी पार्टी के एमएलए मनोज कुमार के खिलाफ 2013 में 323, 341, 506, 34, 354 आदि संगीन धाराओं के तहत 2013 में ही दिल्ली के गाजीपुर, न्यू अशोक नगर आदि थानों में केस दर्ज था। इतने आपराधिक रिकॉर्ड के बावजूद 2014 में उसे केजरीवाल ने टिकट दिया।
आप के चर्चित विधायक मनोज कुमार के खिलाफ 2014 के पहले 1997 और 2012 में कल्याणपुरी थाने में कई धाराओं के तहत आपराधिक मामला दर्ज हो चुका है।
आप विधायक जगदीप सिंह और राजेश ऋषि के खिलाफ भी 2013 और 2014 में दिल्ली के जनकपुरी थाने में 3 डीपीडीपी एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था, जिसमें इन्हें दोषी भी पाया गया था।
आप विधायक और केजरीवाल के करीबी सोम दत्त के खिलाफ सिविल लाइन्स थाने में आईपीसी की धारा 223,341,325 के तहत 11 जनवरी, 2015 को केस दर्ज हुआ था, लेकिन सोम दत्त के खिलाफ 1997 में भी इसी थाने में कई धाराओं में मामला दर्ज हो चुका था। यानि विधायक का टिकट मिलने से पहले ही वो आपराधिक वारदातों में लिप्त थे।
आम आदमी पार्टी के विधायक जगदीश प्रधान के खिलाफ आरटीआई के तहत चौंकाने वाली जानकारी मिली है। केजरीवाल का यह विधायक तीन दशकों से आपराधिक वारदातों में लिप्त है। इसके खिलाफ दिल्ली के तुगलक रोड, भजनपुरा, गोकुल पुरी आदि थानों में सन 1987, 198, 1997 में ही आपराधिक केस दर्ज हो चुके हैं। इसके बावजूद केजरीवाल ने इस अपराधी को टिकट दिया और विधायक बनाया।
केजरीवाल के खासमखास और पूर्व मंत्री सोमनाथ भारती के खिलाफ 2014 और 2015 में दिल्ली के हौजखास थाने में कई केस दर्ज हुए और उन्हें इसके लिए जेल भी जाना पड़ा।
आपराधिक वारदातों में आम आदमी पार्टी की महिला विधायक भी पीछे नहीं है। आप विधायक प्रमिला टोकस के खिलाफ दिसंबर, 2015 में आर के पुरम थाने में 353, 332, 186, 541, 506 आदि संगीन धाराओं के तहत केस दर्ज है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल के एक और करीबी विधायक और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ भी पंजाबी बाग थाने में 2013 में कई मामले दर्ज हुए थे। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक बाद में विधायक बनने के बाद भी उन पर जुलाई, 2015 में इसी थाने में धारा 147,148, 149, 353, 186 के तहत केज दर्ज किया गया।
दिल्ली की त्रीनगर सीट से आप विधायक जीतेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ भी 2013 और 2014 में सुभाष प्लेस थाने में कई मामले में आपराधिक केस दर्ज हो चुका है। इसके बावजूद उन्हें केजरीवाल ने चुनाव में उतारा।
देवली सीट से आप विधायक प्रकाश जरवार के खिलाफ भी अंबेडकर नगर थाने में 2013 में धारा 147,148, 149, 353, 186 के तहत केस दर्ज था। फिर भी ईमानदारी का दंभ भरने वाले केजरीवाल ने उन्हें चुनाव मैदान में उतारा।
आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. डी सी प्रजापति के अनुसार केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के 57 विधायक ऐसे हैं, जिन पर आपराधिक केस दर्ज हैं। जाहिर है कि ये रिपोर्ट केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी का असलियत सामने वाली है।
‘इंडिया फर्स्ट’ से आभार