सुभास पार्टी ने मनाई धूमधाम से विवेकानंद जयंती
गाााजियाबा। (संवाददाता) सुभाषवादी भारतीय समाजवादी पार्टी (सुभास पार्टी) ने अपने कार्यालय एफ..10, पटेल नगर, जगदीश नगर, गाजियाबाद पर स्वामी विवेकानंद जी की 159 वी जयंती बड़ी धूम-धाम से मनाई।
जयंती समारोह के इस अवसर पर कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव द्वारा विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा स्वामी विवेकानंद के जीवन से हमें प्रेरणा मिलती है कि किस प्रकार भारतीय धर्म एवं संस्कृति विश्व में सर्वश्रेष्ठ हैं जिस प्रकार विवेकानंद ने भारतीय संस्कृति और धर्म का डंका पूरे विश्व में बजाया था उसी प्रकार उनकी शिक्षाओं को अपनाकर भारत भी विश्व में अपना श्रेष्ठ मुकाम हासिल कर सकता है। जयंती समारोह को संबोधित करते हुए मनोज कुमार शर्मा ‘हौदिया’’ ने कहा स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को देशभक्त धार्मिक बनने पर जोर दिया और युवाओं में चरित्र निर्माण कर एक सुंदर और मजबूत भारत का निर्माण करने का रास्ता दिखाया स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को कर्तव्य का पाठ पढ़ाया। जयंती समारोह में संचालन करते हुए संयोजक सत्येंद्र यादव ने कहा विवेकानंद जी का जन्म आज से 158 वर्ष पूर्व आज 12 जनवरी ही के दिन 1863 में कोलकाता में हुआ था और 1902 में 4 जुलाई को वह ब्रह्म विलीन हो गए। अमेरिका के न्यूयाॅर्क शहर में विश्व धर्म संसद में सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व करते हुए 1893 में भारतीय धर्म का डंका पूरे विश्व में स्वामी विवेकानंद जी ने ही बजाया जिसके बाद पश्चिम देश भारत के प्रति नतमस्तक होते चले गए। उड़ीसा प्रदेश अध्यक्ष संग्राम यादव ने कहा कि स्वामी जी ने युवाओं में जो जोश उत्साह भरा उन्होंने कहा था जागो और जब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए। हमारी पीढ़ी अगर उनके विचारों पर चले तो उनका सुन्दर भविष्य होना निश्चित है हमें भारत के सुंदर भविष्य के लिए युवाओं को स्वामी जी की शिक्षा अपनानी चाहिए।
इस अवसर पर मुख्य रुप से अनिल कुमार सिन्हा (प्रभारी बिहार प्रदेश), दीपक चित्तोड़िया, एडवोकेट बागीश शर्मा, उमेश दीक्षित, दीपक शर्मा, गणेश दीक्षित, सुनील दत्त, रिषेक कुमार, सुनील यादव, रामगोपाल, रिंकू, अरविन्द कुमार लाल, नरसिंह राय, सोनू कुमार, जगदीश राय गोयल, नसरुदद्ीन मलिक, आबिद, रोहित, राहुल यादव, विवेक राणा, विकास कुमार, सन्नी, अक्षय, दीपक पाल आदि सैंकड़ों मुख्य रूप से उपस्थित थे।