स्वस्थ्य रहने के कुछ घरेलू नुस्खे
किस रोग में कौन सा रस लेना चाहिए।
भूख लगाने हेतु-प्रात:काल खाली पेट नींबू का पानी पियें। खाने से पहले अदरक का कचूमर सैंधव-नमक के साथ लें।
रक्तशुद्धि के लिए —
नींबू, गाजर, गोभी, चुकन्दर, पालक, सेव, तुलसी, नीम और बेल के पत्तों का रस।
दमा से मुक्ति के लिए- लहसुन, अदरक, तुलसी, चुकन्दर, गोभी, गाजर, मीठी द्राक्ष का रस, भाजी का सूप अथवा मूँग का सूप और बकरी का शुद्ध दूध भी लाभदायक है। घी, तेल, मक्खन वर्जित है।
उच्च रक्तचाप से निदान-गाजर, अंगूर, मोसम्मी और गेहूँ के ज्वारों का रस। मानसिक तथा शारीरिक आराम आवश्यक है।
निम्न रक्तचाप से निदान- मीठे फलों का रस लें, किन्तु खट्टे फलों का उपयोग न करें। अंगूर और मोसम्मी का रस अथवा दूध भी लाभदायक है।
पीलिया का रोग –
अंगूर, सेव, रसभरी, मोसम्मी। अंगूर की अनुपलब्धि पर लाल मुनक्के तथा किशमिश को भिगोने पर शेष पानी। गन्ने को चूसकर उसका रस पियें। केले में 1.5 ग्राम चूना लगाकर कुछ समय रखकर फिर खायें।
मुहाँसों के दाग से मुक्ति- गाजर, तरबूज, प्याज, तुलसी और पालक का रस।
अम्लता या एसीडिटी:- गाजर, पालक, ककड़ी, तुलसी का रस, फलों का रस अधिक लें। अंगूर मोसम्मी तथा दूध भी लाभदायक है।
कैंसर का इलाज –
गेहूँ के ज्वारे, गाजर और अंगूर का रस।
सुन्दर बनने के लिए:–सुबह-दोपहर नारियल का पानी या बबूल का रस लें। नारियल के पानी से चेहरा साफ करें।
फोड़े-फुन्सियों से मुक्ति-
गाजर, पालक, ककड़ी, गोभी और नारियल का रस।
अल्सर का निदान:–
अंगूर, गाजर, गोभी का रस। केवल दुग्धाहार पर रहना आवश्यक है।
सर्दी-कफ का इलाज- मूली, अदरक, लहसुन, तुलसी, गाजर का रस, मूँग अथवा भाजी का सूप।
दाँत निकलते बच्चे के लिए:–
पाइनेपल का रस थोड़ा नींबू डालकर रोज चार औंस लगभग (100-125 ग्राम)।
रक्तवृद्धि के लिए:— मोसम्मी, अंगूर, पालक, टमाटर, चुकन्दर, सेव, रसभरी का रस रात को।
रात को भिगोया हुए खजूर का पानी सुबह लें। इलायची के साथ केले भी उपयोगी हैं।
स्त्रियों को मासिक धर्म के कष्ट से मुक्ति-
अंगूर, पाइनेपल तथा रसभरी का रस।
आँखों के तेज के लिए:— गाजर का रस तथा हरे धनिया का रस श्रेष्ठ है।
अनिद्रा से मुक्ति–
अंगूर और सेव का रस। पीपरामूल शहद के साथ।
वजन बढ़ाने के लिए:— पालक, गाजर, चुकन्दर, नारियल और गोभी के रस का मिश्रण, दूध, दही, सूखा मेवा, अंगूर और सेवों का रस।
डायबिटीज का इलाज- गोभी, गाजर, नारियल, करेला और पालक का रस।
पथरी का इलाज–
पत्तों वाली भाजी न लें। ककड़ी का रस श्रेष्ठ है। सेव अथवा गाजर या कद्दू का रस भी सहायक है। जौ एवं सहजने का सूप भी लाभदायक है।
सिरदर्द का इलाज–
ककड़ी, चुकन्दर, गाजर, गोभी और नारियल के रस का मिश्रण।
किडनी के दर्द का निदान- गाजर, पालक, ककड़ी, अदरक और नारियल का रस।
वजन घटाने के लिए:– पाइनेपल, गोभी, तरबूज का रस, नींबू का रस।
पायरिया से मुक्ति:–
गेहूँ के ज्वारे, गाजर, नारियल, ककड़ी, पालक और सुआ की भाजी का रस। कच्चा अधिक खायें।
बवासीर का इलाज:–
मूली का रस, अदरक का रस घी डालकर।
आपके स्वस्थ एवम् सुखी जीवन की शुभम् कामनाओं के साथ