चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर युद्ध का भूत किस प्रकार सवार है इसे वे रह-रहकर दिखाते रहते हैं । उनकी नीतियों ने जिस प्रकार संसार को कोरोना से रुलाया है उस पर भी अब कुछ अधिक कहने लिखने की कोई आवश्यकता नहीं रह गई है। अब उन्होंने अपने सेना के लिए कहा है कि वह युद्ध के लिए हर क्षण तैयार रहें । इतना ही नहीं उन्होंने सशस्त्र बलों को वास्तविक जंगी परिस्थितियों में अभ्यास करने का आदेश दिया है।
चीन के राष्ट्रपति का यह बयान उस समय और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है जब चीन की भारत से इस समय ठनी हुई है । दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर बड़ी चौकसी से खड़ी हुई है और अपने अपने देशों की रक्षा कर रही हैं । चीन के सेनाधिकारी जिस प्रकार की भाषा बोलते रहे हैं, उससे स्पष्ट हो जाता है कि चीन और उसके सैन्य अधिकारियों की बातों पर विश्वास नहीं कर सकता ।
ऐसी परिस्थितियों में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सशस्त्र बलों को वास्तविक जंगी परिस्थितियों में अभ्यास करने का आदेश दिया है। बता दें कि पिछले वर्ष जून में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हो गई थी। इस दौरान जहां 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, वहीं 40 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए थे।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, वर्ष 2021 में केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के चेयरमैन के तौर पर दिए गए अपने पहले आदेश में शी ने कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को किसी भी समय युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। साथ ही वास्तविक लड़ाई की परिस्थितियों में प्रशिक्षण लेकर अपनी स्थिति मजबूत करें, ताकि किसी भी दशा में युद्ध जीता जा सके।
साउथ चाइना मार्निग पोस्ट के मुताबिक, शी ने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की सैन्य इकाई पीएलए को एक जुलाई तक इस संबंध में उत्कृष्टता हासिल करनी है। बता दें कि एक जुलाई को सीपीसी की 100वीं वर्षगांठ है। शी ने अभ्यास के दौरान प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने की भी सिफारिश की। इसमें कंप्यूटर सिमुलेशन और ड्रिल में ऑनलाइन मुकाबला शामिल है। वर्ष 2012 के अंत में सीएमसी के चेयरमैन और प्रमुख का कार्यभार संभालने के बाद से शी पीएलए को हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहने का संदेश देते रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2015 में चीनी सेना को आधुनिक बनाने की शुरुआत की थी।
भारतीय सेना सीमा पर पूरी तरह चौकस है और किसी भी हरकत का माकूल जवाब देने के लिए तैयार है। आपको बता दें कि चीन ने पूर्वी लद्दाख में सीमा टकराव के मद्देनजर रडार, सतह से हवा में और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें और अन्य हथियार भारी संख्या में बीते दिसंबर में ही तैनात कर दिए थे। इधर भारतीय सेना भी पूरी तरह तैयार है। सेना ने बड़ी संख्या में टी-90 और टी -72 टैंक, तोपों, अन्य सैन्य वाहनों को विभिन्न संवेदनशील इलाकों में पहुंचा दिया है। गौरतलब है कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर पिछले नौ महीने से गतिरोध बना हुआ है। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद हल करने के लिए सैन्य और राजनयिक वार्ता भी चल रही है।
इस प्रकार के गतिरोध के बीच चीनी नेतृत्व के अपनी सेना के लिए दिए जा रहे इस प्रकार के निर्देश परिस्थितियों को और भी बोझिल बनाते हैं । इसलिए भारत को भी अपनी ओर से पूरी तैयारी करके चलना चाहिए। किसी भी समय कोई भी बड़ी घटना होने से रोकने के लिए सेना को पूरी तरह सतर्क रहना ही होगा।