पाकिस्तान में हिंदू मंदिर तोड़े जाने का समर्थन करते हुए जाकिर नाईक ने कहा – इस्लामिक देश में मंदिर बनना स्वीकार नहीं

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इस्लाम की गैर मुस्लिमों के प्रति सोच को उसके कई व्याख्या कार और मुस्लिम विद्वान स्पष्ट करते रहे हैं । वर्तमान समय में जाकिर नायक एक ऐसा ही इस्लामिक विद्वान है जो इस्लाम की कई सच्चाई यों की व्याख्या अपने ढंग से करता रहता है।पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में हाल ही में कट्टरपंथियों की बेकाबू भीड़ ने हिंदुओं के एक मंदिर को तोड़ कर उसमें आग लगा दी. शर्मनाक घटना की दुनिया के कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने निंदा की लेकिन इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक ने इस घटना का समर्थन किया है. भगोड़े जाकिर नाईक ने पाकिस्तान  में मंदिर तोड़े जाने की वारदात का समर्थन किया है. विवादित स्कॉलर ने कहा कि इस्लामिक देश में मंदिर नहीं होने चाहिए. जाकिर नाइक ने कहा कि अगर किसी भी इस्लामिक देश में कोई मंदिर है तो उसे तोड़ देना चाहिए.  विवादित स्कॉलर ने मंदिरों और मूर्ति पूजा पर आपत्तिजनक बयान दिया था. जिसके बाद उसकी जमकर आलोचना हो रही है.

भगोड़े जाकिर नाइक का पूरा विवादित बयान

जाकिर नाइक ने कहा कि इस्लाम में यह छवि बनाना मना है फिर चाहे वो पेंटिंग हो, ड्रॉइंग हो, या फिर किसी जीवित पशु पक्षी की मूर्तिकारी हो या फिर इंसानों की मूर्ति हो या फिर पक्षियों या फिर कीड़े मकौड़ों की. ये सब कुछ इस्लाम में मना है और इसके कई सारे सबूत हैं. जाकिर नाइक ने अपनी बात को साबित करने के लिए पैगम्बर मोहम्मद से जुड़े एक किस्से का उदाहरण दिया. कुरान की एक आयत सुनाते हुए जाकिर ने कहा कि मूर्ति कहीं भी नहीं बनाई जानी चाहिए और अगर ऐसा कुछ है तो इसे तोड़ दिया जाना चाहिए. एक इस्लामिक देश में कोई भी मूर्ति नहीं होनी चाहिए और अगर वह कहीं है तो उसे तोड़ दिया जाना चाहिए.

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