आखिर कांग्रेस और किसान आंदोलन को समर्थन दे रही पार्टियां, अपनी राजनीति चमकाने के लिए कब तक अराजकता का माहौल बनाती रहेंगी? इसमें भी कोई दो राय नहीं कि किसान आंदोलन प्रारम्भ होने से पूर्व ही इस पर अराजक तत्वों का एकाधिकार हो चूका था। किसानों की आड़ में देश में अराजकता फ़ैलाने के समाचार सुनने को मिलते ही रहते हैं।
ये लोग सत्ता में रहते और सत्ता से बाहर रहकर जनता को जनहित के नाम पर किस तरह पब्लिक एक्सचेकर पर डाका मार रहे हैं। नगर निगम से लेकर संसद तक कितने भूतपूर्व और वर्तमान जनसेवक हैं, जो शपथ लेते ही पेंशन के हक़दार बन जाते हैं, यानि हर माह करोड़ों रूपए पेंशन के नाम लूट रहे हैं, कोई जन प्रतिनिधि आयकर रिटर्न नहीं भरते क्यों? ये लोग क्या बादशाह हैं? जिस दिन से ये जान प्रतिनिधि टैक्स देना शुरू कर देंगे, खजाने में कोई कमी नहीं होगी, महंगाई भी बहुत कम हो सकती है, उसके लिए किसी में धरना अथवा प्रदर्शन करने का साहस नहीं, बस किस तरह देश में अराजकता फैलानी है, उसकी तरफ ध्यान रहता है।
दिल्ली में चल रहे ‘किसान आंदोलन’ के बीच विवादित बयानों का सिलसिला थम नहीं रहा है। अब कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने हिंसक टिप्पणी की है। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार को धमकाते हुए कहा कि वो सोचते हैं कि हम यहाँ पर बैठे हैं इतने दिनों से तो बैठे-बैठे थक जाएँगे। उन्होंने कहा, “1 तारीख (जनवरी 1, 2021) के बाद हम लाशों के भी ढेर लगाएँगे। हम अपना खून भी देंगे। हम इसके लिए कहीं भी, किसी भी हद तक जा सकते हैं।”
रवनीत सिंह बिट्टू के इस बयान को लेकर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। वो पंजाब के लुधियाना से लोकसभा सांसद हैं। वहाँ से वो लगातार दूसरी बार सांसद बने हैं। जहाँ 2014 में उन्हें 3 लाख वोट मिले थे, 2019 में उन्होंने 3.83 लाख वोट पाकर AAP और भाजपा को हराया। इससे पहले 2009 में वो आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद रह चुके हैं। कहा जाता है कि ‘किसान हितैषी’ दिखने के लिए उन्होंने ही होड़ लगाई थी, जिसके बाद हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दिया।
अब उन्होंने ऐलान किया है कि प्रदर्शनकारी जनवरी 1 के बाद एक नई प्लानिंग के साथ आएँगे। पंजाब में अकाली दल और कांग्रेस के बीच प्रदर्शन में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी और कट्टरता को लेकर एक होड़ सी मची हुई है और इसमें दिल्ली की आम आदमी पार्टी भी घुस गई है। एक के बाद एक विवादित बयान सामने आ रहे हैं, जिनमें प्रधानमंत्री मोदी को जान की धमकी से लेकर अब ‘लाशों के ढेर लगाने’ की बातें की जा रही हैं।
कंगना रनौत और दिलजीत दोसाँझ के बीच ट्विटर पर चली बहस के दौरान भी बिट्टू का नाम आया था। जून 18, 2020 को की गई एक ट्वीट में बिट्टू ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह से माँग की थी कि जत्थेदार हरप्रीत सिंह, दिलजीत दोसाँझ और जैजी बी पर FIR की जाए, क्योंकि इन्होने SFJ और पन्नू के खालिस्तान की माँग का समर्थन किया है। कंगना ने उनकी इस ट्वीट का सहारा लेकर दिलजीत पर निशाना साधा था।
ये पहली बार नहीं है, जब प्रदर्शनकारियों का उनके नेताओं ने मरने-मारने की बात की हो। कुछ ही दिनों पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में एक महिला को कहते हुए देखा जा सकता है, “मोदी मर जा तू, शिक्षा बेच के खा गया रे मोदी, मर जा तू। रेल बेचकर खा गया रे मोदी, मर जा तू। देश बेच के खा गया रे मोदी, मर जा तू। किसानों को धोखा दे गए रे मोदी, मर जा तू।” वहीं सामने बैठी महिला बार-बार ‘हाय-हाय मोदी मर जा तू’ दोहरा रही थी। ( इंडिया फर्स्ट से )