नेपाल में खिसकती जा रही है चीन की जमीन
नेपाल में पीएम केपी शर्मा ओली के दांव से संकट में आया चीन अब आनन-फानन में अपने मंत्री को भेज रहा है। चीन को कोशिश है कि किसी भी तरह से नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में आए गतिरोध को दूर किया जा सके।
काठमांडू
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को अपने इशारों पर नचाने वाले चीन को ताजा राजनीतिक संकट के बाद अपनी जमीन खिसकती नजर आ रही है। यही वजह है कि चीन नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टी में चल रहे महासंकट के बीच आनन-फानन में अपने मंत्री को भेज रहा है। चीन के सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के उप मंत्री गूओ येझोउ नेपाल आ रहे हैं और माना जा रहा है कि वह पीएम ओली तथा उनके विरोधी पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के बीच विवाद को सुलझाने के लिए एक अंतिम कोशिश कर सकते हैं।
नेपाली मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक चीनी के उप मंत्री गूओ येझोउ रविवार को राजधानी काठमांडू आ रहे हैं। चीनी नेता की इस यात्रा के संबंध में नेपाल में चीन की राजदूत हाओ यांकी ने नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं के साथ मुलाकात के दौरान बता दिया है। चीनी नेता की इस यात्रा को नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में काफी प्राथमिकता दी जा रही है जो पीएम ओली के संसद को भंग करने के फैसले के बाद काफी हद तक दो फाड़ हो गई है।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि अपनी नेपाल यात्रा के दौरान चीनी मंत्री नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दोनों ही धड़ों के नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। इससे पहले नेपाल में चीनी राजदूत ने राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी, प्रचंड, माधव कुमार नेपाल और झाला नाथ खनल के साथ मुलाकात की थी। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी को टूट से बचाने के लिए चीनी राजदूत ने पूरी ताकत लगा दी है लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिलती दिख रही है।
बता दें कि नेपाल में संसद भंग होने के बाद राजनीतिक अनिश्चितता का माहौल है और खींचतान जारी है। नेपाल में इस राजनीतिक संकट का असर उसके पड़ोसी देश भारत और चीन पर भी पड़ा है। नेपाल के राजनीतिक और विदेश मामलों के जानकारों का मानना है कि कम्युनिस्ट पार्टी में दिक्कत चीन के लिए बुरी खबर है। नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टी के सत्ता में आने के बाद से ही भारत विरोधी सेंटिमेंट्स को हवा मिलनी शुरू हो गई थी लेकिन अगर नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टी कमजोर होती है तो भारत के साथ रिश्ते फिर से बेहतर होने की उम्मीद नेपाल के एक्सपर्ट्स कर रहे हैं।