जम्मू कश्मीर में बीजेपी का डंका
जम्मू कश्मीर में डीडीसी चुनावों (DDC Election) के नतीजे सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है। बीजेपी ने इन चुनावों में 74 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि स्थानीय पार्टियाँ अकेले इस आँकड़े के पास नहीं पहुँच पाईं।
गुपकार गैंग ने जिला विकास परिषद के चुनावों में 100 से ज्यादा सीटों (101+) के साथ विजय जरूर पाई। मगर, पार्टी लिहाज से देखें तो इसमें 7 राजनीतिक दल एक साथ थे और किसी भी दल को अकेले इतनी सीटों (जितनी पर BJP ने जीत दर्ज की) पर जीत नहीं मिली।
इस गठबंधन में नेशनल कॉन्फ़्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रैटिक पार्टी, पीपल्स कॉन्फ़्रेंस, CPI-CPIM, अवामी नेशनल कॉन्फ़्रेंस और जम्मू और कश्मीर पीपल्स मूवमेंट जैसी क्षेत्रीय पार्टियाँ शामिल थीं। इनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस को 67 सीटें मिली हैं, जबकि पीडीपी को केवल 27।
ऐसे ही पीपल्स कॉन्फ्रेंस को 8, सीपीआई (एम) को 5 और पीपल्स मूवमेंट को 3 मिली हैं। जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी को 12 सीटें मिलने की खबर है और निर्दलीय ने इस चुनाव में 49 सीटें जीत कर उल्लेखनीय बढ़त बनाई है। वहीं कांग्रेस के हिस्से इस बार 26 सीट आई हैं।
अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में पहली बार कुल 280 सीटों पर चुनाव हुए हैं। इन चुनावों में प्रदेश में भाजपा की पकड़ साफ देखने को मिली। लोगों ने पीएम मोदी के नेतृत्व में अपना विश्वास जताया।
मुस्लिम बहुल क्षेत्र में 3 सीटों पर बीजेपी की जीत बताती है कि उनके प्रयास व्यर्थ नहीं हुए। श्रीनगर की खोनमोह-2 में बीजेपी के एजाज हुसैन जीते हैं, बांदीपोरा में एजाज अहमद खान ने जीत हासिल की है और पुलवामा के काकपोरा से मिन्हा लतीफ को जीत मिली है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने बीजेपी की इस बड़ी जीत पर कहा, “श्रीनगर से भाजपा के तीन उम्मीदवारों को जीत मिली है। यह सत्यापित करता है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को केन्द्र शासित प्रदेश के विकास के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण पर भरोसा है।” वहीं बीजेपी के महासचिव विबोध गुप्ता ने पार्टी के विजेता उम्मीदवारों को, विशेष रूप से घाटी के उम्मीदवारों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि घाटी के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अपना विश्वास जताया है।
उधर, नतीजों के स्पष्ट होने के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों ने गुपकार के हक में वोट दिया है और केंद्र द्वारा जिस तरह गलत तरीके से अनुच्छेद 370 को हटाया गया, उसे पूरी तरह नकार दिया गया है। उनके अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इन चुनावों उनकी पार्टी ने रेफरेंडम नहीं बनाया, ना ही उन्होंने अधिक कैंपेन किया, फिर भी लोगों ने उनका साथ दिया है।