प्रस्तुति – श्रीनिवास आर्य
खाने के तुरंत बाद चाय न पिएं
बहुत लोगों को नाश्ता या खाने के बाद चाय पीना पसंद होता है। लेकिन इस आदत को जितना जल्दी हो सके बदलिए, क्योंकि इस तरह चाय पीने से सेहत को गंभीर नुकसान होता है।
राष्ट्रीय पोषण संस्थान ने भारतीय के खानपान से संबंधित गाइडलाइन जारी की है। इसमें कहा गया है कि सुबह नाश्ते के समय हमारे शरीर को सबसे ज्यादा पोषण की आवश्यकता होती है। लेकिन नाश्ते के एक घंटे के भीतर चाय व कॉफी का सेवन करना गंभीर बीमारियों को बुलावा है। इससे शरीर में आयरन के अवशोषण की क्षमता घटती है और व्यक्ति एनीमिया (खून की कमी) का शिकार हो जाता है। भोजन के साथ या भोजन के तत्काल बाद और चाय या कॉफी का सेवन एक साथ करने से पाचन तंत्र पर भी असर पड़ता है।
वैद्य अमर शुक्ला और वैद्य उमंग पण्ड्या के अनुसार चाय कशाय रस प्रधान और वात-वर्धक होती है। यह स्तंभक का कार्य कर शरीर की पाचक अग्नि को विकृत करती है अर्थात पाचन में अवरोध पैदा किया करती है इसलिए चाय के सेवन का निषेध करना चाहिए।
पोषण संबंधी मसौदा तैयार करने वाली आहार मार्गदर्शन समिति के संयोजक डॉ. डी रघुनाथ राव ने कहा कि नाश्ते या भोजन के एक घंटे तक चाय और कॉफी से दूरी बनाए रखनी चाहिए। इससे नाश्ते या भोजन में लिए गए आहार का संपूर्ण पोषण शरीर को मिल सकेगा। साथ ही तमाम बीमारियों से भी बचाव होगा।
कई बीमारियों को बुलावा
डायबिटीज
चाय में मौजूद कैफीन शरीर कॉर्टिसोल अर्थात् स्टेरॉयड हार्माेस को बढ़ाती है, जिससे शरीर को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इन में दिल से संबंधित समस्याएं, डायबिटीज और वजन बढ़ना शामिल है।
पाचन पर असर
चाय की पत्ती में अम्लीय गुण होते हैं, जो भोजन के प्रोटीन के साथ मिलकर उसे सख्त बन देते हैं। इससे प्रोटीन को पचाने में मुश्किल बहुत होती है और पाचन पर असर पड़ता है, जो पेट की बीमारियों का कारण बनता है।
एनीमिया
चाय या कॉफी में टेनिन रसायन होता है, जो आयरन के अवशोषण को बधित करता है। इससे मानसिक और शरीरिक थकान लगती है। जिन महिलाओं को आयरन, कैल्शियम की कमी होती है, उन्हें खाने के बाद चाय बिलकुल नहीं पीना चाहिए।
ह्रदय रोग से पीड़ित लोग कॉफी से दूरी बनाए रखें।
गाइडलाइन में बताया गया है कि ह्रदय संबंधी बीमारियों से पीडित लोगों को कॉफी का उपयोग नहीं करना चाहिए या बहुत कम करना चाहिए। कॉफी पीने के बाद शरीर में रक्तचाप बढता है, जो ह्रदय की धड़कन को अनियमित बनाता है। इसके चलते ह्रदयाघात की आशंका भी बढ़ जाती है।