खालिस्तान को अपने नए पड़ोसी के रूप में मान्यता देने को तैयार रहे पाकिस्तान : खालिस्तान मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू

 

प्रतिबंधित खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस के पाकिस्तान से नापाक गठजोड़ का खुलासा हुआ है। संगठन के मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को लिखी चिट्ठी में कहा है कि खालिस्तान को अपने नए पड़ोसी के रूप में मान्यता देने के लिए पाकिस्तान को तैयार रहना चाहिए। पन्नू ने साफ किया है कि उसके संगठन सिख फॉर जस्टिस को पाकिस्तान और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का समर्थन प्राप्त है। जाहिर है, लंबे समय तक पाकिस्तान से किसी भी प्रकार के संबंध से इनकार करते रहे सिख फॉर जस्टिस का आईएसआई से संबंध जाहिर हो गया है। यह भी स्पष्ट है कि किस प्रकार पाकिस्तान ने खालिस्तान के नाम पर चलाई जा रही इस पूरी साजिश को संचालित किया है।

खालिस्तान के सिख होने पर सिख समाज को शंका है, जिसका प्रमाण ये खुद ही दे रहे हैं, कि पाकिस्तान में महाराजा रंजीत सिंह की प्रतिमा तोड़े जाने पर विरोध में आवाज़ तक नहीं निकली। जिस कारण इनके सिख होने पर शंका की जा रही है।
 

पन्नू ने यह चिट्ठी उस दिन लिखी है जब बांग्लादेश अपना स्वतंत्रता दिवस और भारत विजय दिवस मना रहा है। पन्नू ने ढाका के पतन की तुलना खालिस्तान से की है। सरकारी सूत्रों को कहना है कि पन्नू की यह चिट्ठी उन किसानों के लिए भी आंख खोलने वाली है जिन्हें आंदोलन के नाम पर भ्रमित किया जा रहा है।

भारत में प्रतिबंधित खालिस्तान समर्थक अमेरिका स्थित सिख फॉर जस्टिस संगठन के 16 सदस्यों के खिलाफ हाल में राष्ट्र जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा चार्जशीट किए हैं, जिन पर भारत के खिलाफ साजिश रचने और जनमत संग्रह करने के आरोप है। आरोप है कि विदेश में बैठकर सिख फॉर जस्टिस संगठन के सक्रिय सदस्य भारत के विरूद्ध षडयंत्र रचते हैं। एनआईए ने सभी आरोपियों के खिलाफ UAPA की धारा 12,17,18 और आईपीसी की धारा 120B, 124B, 153A, 153B और 505 चार्जशीट दाखिल की है। संगठन पर किसान आंदोलन की आड़ में खालिस्तानी मूवमेंट चलाने का भी आरोप हैं।

2019 में सरकार सिख फॉर जस्टिस संगठन को प्रतिबंधित किया गया

केंद्र सरकार 10 जुलाई, 2019 को खालिस्तान समर्थक संगठन दि सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) को इसकी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में एसएफजे को गैर कानूनी गतिविधियां निरोधक कानून (UAPA) के तहत प्रतिबंधित घोषित करने का फैसला किया है। खालिस्तान समर्थक सिख फॉर जस्टिस संगठन अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन जैसे देशों में बैठकर चलाया जाता है। इस संगठन को UAPA, 1967 की धारा (1) के प्रावधानों के तहत गैर कानूनी घोषित किया गया है।

क्या है सिख फॉर जस्टिस संगठन

अमेरिका स्थित सिख फॉर जस्टिस संगठन का मुख्य उद्देश्य पंजाब में एक स्वतंत्र व संप्रभु देश स्थापित करना है। यह खालिस्तान के मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखता है और इस प्रक्रिया में भारत की संप्रुभता व अंखडता को चुनौती देता है। प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस संगठन खासकर ऑनलाइन फ्लेटफॉर्म के जरिए ऑपरेट करता है, जिसके लगभग दो लाख समर्थक बताए जाते हैं। हालांकि संगठन के सशरीर सदस्यों की संख्या बहुत कम है, जो कि महज 8-10 हैं। यह अपने अलगाववादी एजेंडा के तहत 2020 में सिख जनमत संग्रह की वकालत करता रहा है।

पंजाब पुलिस और एएनआई कई बार कर चुका है भंडाफोड़ 

पंजाब में अमन चैन भंग करने की जुगत में अक्सर लगा रहने वाला सिख फॉर जस्टिस के सक्रिय सदस्यों में से एक परमजीत सिंह पम्मा ने गत 30 जून, 2019 में वर्ल्ड कप क्रिकेट के एक मैच के दौरान भारत विरोधी बयानबाजी की थी। सिख फॉर जस्टिस के कारनामों का पंजाब पुलिस और एएनआई कई बार भंडाफोड़ कर चुकी है। यह मुख्य रूप से पंजाब के गरीब युवकों को बहकाकर उनसे हिंसा और आगजनी की घटनाएं करवाता था। 

 

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