नई दिल्ली ( विशेष संवाददाता) अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बाबा नंद किशोर मिश्र ने कहा है कि दक्षिण की अयोध्या भद्राचलम को पर्यटक स्थल के रूप में स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए । राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी से देश के हिंदू समाज की विशेष अपेक्षाएं हैं । जिस प्रकार उन्होंने वाराणसी में दीपावली के विषय में नई परंपरा का शुभारंभ किया है ,उसी प्रकार उन्हें दक्षिण की अयोध्या भद्राचलम की ओर भी ध्यान देना चाहिए ।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भद्राचलम के ऐतिहासिक महत्व पर विचार प्रकट करते हुए कहा कि गोदावरी नदी के तट पर बसा भद्राचलम नगर अपने भव्य सीतारामचंद्र मंदिर के लिए देश- विदेश तक मशहूर है। हर साल रामनवमी के दिन यहां भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव भारी धूमधाम से मनाया जाता है। दशहरा का त्योहार भी इस मंदिर में खूब धूमधाम से मनाया जाता है। इसके अलावा चैत्र व आश्विन नवरात्रि में भी यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। रामनवमी और यहां चलने वाले दस दिवसीय महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में भक्त यहां आते हैं। इस सीतारामचंद्र मंदिर के निर्माण के पीछे एक रोचक जनश्रुति जुड़ी है। कहा जाता है कि आंध्र प्रांत के खम्मम जिले के भद्रिरेड्डीपालेम ग्राम में पोकला दमक्का नाम की एक रामभक्त वनवासी महिला रहती थी। कहते हैं कि किसी हादसे में उसका समूचा परिवार समाप्त हो गया तो वह रामभक्ति में लीन हो गयी। उसने एक अनाथ बच्चे को गोद ले लिया और उसके भरण पोषण में अपना जीवन बिताने लगी। कहा जाता है कि उसी वनवासी वृद्धा ने भद्राचलम में भगवान श्रीराम की पर्णकुटी बनवायी थी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी और उनकी पार्टी राम मंदिर के हिंदू महासभा के मूल मुद्दे को कैश करके सत्ता तक पहुंची है। ऐसे में भगवान श्रीराम से जुड़ी हुए सभी ऐतिहासिक स्थलों का ऐतिहासिक महत्व स्पष्ट करने की दिशा में उनकी सरकार को विशेष कार्य करना चाहिए। जिसका हिंदू महासभा हार्दिक अभिनंदन करेगी।
बहुत से लेख हमको ऐसे प्राप्त होते हैं जिनके लेखक का नाम परिचय लेख के साथ नहीं होता है, ऐसे लेखों को ब्यूरो के नाम से प्रकाशित किया जाता है। यदि आपका लेख हमारी वैबसाइट पर आपने नाम के बिना प्रकाशित किया गया है तो आप हमे लेख पर कमेंट के माध्यम से सूचित कर लेख में अपना नाम लिखवा सकते हैं।