पाकिस्तान में महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति किसने तोड़ी?

 वाशिंगटन में स्थित महात्मा गाँधी की प्रतिमा को अपमानित करते खालिस्तानी

 

हिन्दी दैनिक ‘हिन्दुस्तान’, दिसंबर 13, 2020 
जैसाकि किसान आंदोलन के प्रारम्भ होते ही कयास लगाए जा रहे थे कि किसानों के नाम पर उपद्रवियों, खालिस्तानियों और पाकिस्तान प्रायोजित अराजक तत्वों ने हाईजेक कर लिया है, और इसकी प्रारम्भ से ही इसकी पुष्टि भी हो रही है। लेकिन इस आंदोलन को समर्थन देने वाली कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, अकाली दल और अब वामपंथी आखिर देश को किस आग में झोंकने जा रहे हैं? क्या ये किसान आंदोलन इन पार्टियों के लिए वॉटरलू सिद्ध होगा? जो सिख जिस पाकिस्तान की जयकार के नारे लगाए जा रहे हैं, वह पाकिस्तान में महाराजा रंजीत सिंह को तोड़े जाने पर क्यों खामोश हैं? कौन है जिसने महाराजा की मूर्ति खंडित की? क्या सिख समाज पाकिस्तान के विरुद्ध आवाज़ उठाएगा? अगर अभी भी ये समर्थन देने वाली पार्टियां अपने कदम पीछे कर, पाकिस्तान के विरुद्ध आवाज़ बुलंद करें।
दिल्ली में चल रहे ‘किसान आंदोलन’ को खालिस्तानियों ने हाईजैक कर लिया है, लगातार ऐसी खबरें आ रही थीं। अब भारत के बाहर भी तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों में ऐसी-ऐसी हरकतें हो रही हैं, जिससे ये संदेह और मजबूत होता जा रहा है। अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में शनिवार (दिसंबर 12, 2020) को महात्मा गाँधी की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ और तोड़फोड़ की गई है, साथ ही खालिस्तानी झंडा लहराया गया।

 

ये भी प्रदर्शनकारी भारत में मोदी सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने की योजना के क्रम में लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में चल रहे विरोध प्रदर्शन को अपना समर्थन देने के लिए सड़क पर उतरे थे। कई खालिस्तानी झंडों के साथ पहुँची भीड़ ने स्थानीय पुलिस और सुरक्षा बलों के सामने ही राष्ट्रपति महात्मा गाँधी की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ कर के अपमान किया और फिर तोड़फोड़ भी मचाई।

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