इसे कहते हैं “नमो” …..
नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बनी सरकार के सभी मंत्रियों को अपनी संपत्ति या देनदारी का ब्याेरा दो महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपना होगा। इसके अलावा, मंत्रियों को कहा गया है कि वे अगर सरकार में अपनी नियुक्ति होने से पहले किसी कारोबार के प्रबंधन से जुड़े थे तो उससे सभी तरह के रिश्ते खत्म कर लें। नई सरकार के बनने के बाद मंत्रियों के लिए गृह मंत्रालय की ओर से जारी आचार संहिता में इस बारे में निर्देश दिए गए हैं।
इसमें मंत्रियों से यह भी कहा गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके पारिवारिक सदस्य न तो कोई ऐसा कारोबार करें न ही ऐसे कारोबार में भागीदारी करें जो कि सरकार को सेवाओं या सामान की आपूर्ति करने वाला हो। मंत्रियों के लिए जारी आचार संहिता के अनुसार उन्हें हर साल 31 अगस्त तक पिछले साल की अपनी सम्पत्ति और देनदारी का ब्योरा प्रधानमंत्री को देना होगा।
खुद मोदी रखेंगे नजर
खास बात यह है कि इस नियम का पालन हुआ कि नहीं, इस बात पर निगरानी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रखेंगे। मोदी ने मंत्रियों से यह भी कहा है कि वे प्रशासनिक आधिकारियों की राजनीतिक निष्पक्षता बनाए रखे तथा किसी अधिकारी को ऐसा काम करने को न कहें जो उनके दायित्वों व जिम्मेदारियों के खिलाफ हो। मंत्रियों की ओर से दिए जाने वाले ब्योरे में उनकी अचल संपत्तियों की सारी जानकारी शामिल होगी। इसमें उनकी खुद की और पारिवारिक सदस्यों के शेयरों की कुल कीमत, नकदी और आभूषणों की जानकारी भी शामिल है।
कुछ अन्य अहम निर्देश
– अगर मंत्री का कोई पारिवारिक सदस्य किसी अन्य कारोबार में है तो उसे इस मामले की जानकारी प्रधानमंत्री को देनी होगी।
-कोई भी मंत्री व्यक्तिगत या अपने पारिवारिक सदस्य के माध्यम से राजनीतिक, परोपकारी या किसी और उद्देश्य के लिए चंदा स्वीकार नहीं करेगा।
-कोई मंत्री सरकार को अपनी अचल सम्पत्ति बेचने या सरकार से सम्पत्ति खरीदने का काम नहीं करेगा।
-इसी तरह मंत्री या उसके पारिवारिक सदस्यों को महंगे उपहार स्वीकार करने में भी सावधानी बरतनी होगी। कोई मंत्री किसी से कोई महंगा उपहार स्वीकार नहीं करेगा।
दीपा शर्मा की फेसबुक प्रोफाइल से