बच्चों का थोड़ा बड़े होने पर पेशाब करना एक आम समस्या है | इस समस्या के बहुत से कारण हो सकते हैं | कई अनुभवियों के अनुसार स्नायु विकृति के कारण या पेट में कीड़े होने पर भी बच्चे सोते हुए बिस्तर पर पेशाब कर देते हैं | पेशाब की नली में रोग के कारण भी बच्चा सोते हुए पेशाब कर देता है | कई बार कुछ गरिष्ठ भोजन व ठंडे पदार्थों के अधिक सेवन से भी यह समस्या उत्पन्न हो जाती है | इस समस्या को समाप्त करने के लिए कोई भी औषधि देने से पूर्व माता-पिता को बच्चे के भोजन की कुछ आदतें सुधारनी जरूरी हैं | बच्चों को सोने से एक घंटा पहले भोजन करा देना चाहिए और सोने के बाद उसे जगाकर कुछ भी खाने-पीने को नहीं देना चाहिए | बच्चे को बिस्तर पर जाने से पहले एक बार पेशाब अवश्य करा देना चाहिए |
कुछ औषधियों द्वारा भी इस समस्या का समाधान सम्भव है –
१- पचास ग्राम अजवायन का चूर्ण कर लें | प्रतिदिन एक ग्राम चूर्ण को रात को सोने से पूर्व बच्चे को खिलाएं | ऐसा कुछ दिनों तक नियमित रूप से करने से यह रोग ठीक हो जाता है |
२- दो मुनक्कों के बीज निकालकर उसमें १-१ काली मिर्च डालकर बच्चों को रात को सोने से पहले खिला दें | ऐसा दो हफ़्तों तक नियमित रूप से सेवन करने से यह बीमारी दूर हो जाती है |
३- प्रतिदिन दो अखरोट और बीस किशमिश बच्चों को खिलाने से बिस्तर में पेशाब करने की समस्या दूर हो जाती है |
४- रात को सोते समय बच्चों को शहद खिलाने से यह रोग समाप्त हो जाता है |
५- जामुन की गुठलियों को छाया में सुखाकर बारीक पीस लें | इस चूर्ण का २-२ ग्राम दिन में दो बार पानी के साथ सेवन करने से बच्चे बिस्तर पर पेशाब करना बंद कर देते हैं |
६- २५० मिली दूध में एक छुहारा डालकर उबाल लें | इसे दो घंटे तक रखा रहने दें | इसके बाद इसमें से छुहारा निकाल कर बच्चे को खिला दें और इस दूध को हल्का गर्म करके ऊपर से पिला दें | ऐसा प्रतिदिन करने से कुछ ही दिनों में बच्चों का बिस्तर पर पेशाब करना बंद हो जाता है |
आचार्य बालकृष्ण