घुसपैठियों का सत्कार और श्री राम को दुत्कार। नीचता के किस रसातल मे पहुंच गयी है हमारी राजनीति, ममता छाती ठोंक कर कह रही है की अगर किसी ने बांग्लादेश के घुसपैठिओ को हाथ भी लगाया तो दिल्ली हिला कर रख दूँगी| सारा देश जानता है की 1971 मे बांगला देश के निर्माण के समय लाखों मुसलमान शरणार्थी के नाम पर देश मे घुस आये थे। ईमानदारी का तकाजा तो यह था की बांग्लादेश बन जाने के बाद यह सब लोग वापिस अपने देश को लौट जाते पर अपना वोट बैंक बनाने के लिये कॉंग्रेस ने इन सबको भारत में ही रोक लिया| उनको मतदान पत्र दे कर इसी देश का नागरिक बना लिया गया और इसके कारण असम और पश्चिम बंगाल मे अनेको ज़िले हिन्दू बहुल से मुस्लिम बहुल हो गये। और ये बाग्लादेशी मुस्लमान हिन्दुओं के साथ कुरान के अनुसार बुरा बर्ताव भी करने लगे। इन बांग्लादेशी मुसलमानो के कारण देश मे अपराधों मे और मेह्गाई मे बेतहाशा वृद्धि हुई है पर उसकी किसी को चिंता ही नही लोकल मुसलमानो ने इस बांग्ला देशी मुसलमानो को यहाँ बसाने मे पूरी मदद की क्योंकि मुसलमानो के लिये तो हमेशा से ही अपने धर्म का हित अपने देश के हित से उपर रहा है| इसी नीति के तहत ही आज भी वो देश के लिये हर तरह से घातक कांग्रेस को सिर्फ इस कारण वोट दे रहे हैं क्योंकि वो उनकी हर उचित अनुचित मांग मानती रहती है उन्हे इस बात से कोई मतलब ही नही की सेकुलरों के कारण यह देश रसातल मे जा रहा है|
किसी और देश मे देश के हितों के खिलाफ कोई इतनी बेशर्मी से बोल सकता है पर अपने देश का तो हाल ही निराला है यहाँ आप पाकिस्तान द्वारा अपनी सेना के लोगो के सिर् काटने पर मौन रहे तो आप धर्मनिरपेक्ष है और आपने अगर इसका विरोध किया तो आप सम्प्रदायिक है| चीन आपकी सीमा मे घुस कर तंबू लगा दे और आप कुछ ना कहे तो आप बहुत महान है और अगर आप इसके खिलाफ कोई कदम उठाने के सोचते है तो आप फासिस्ट और तानाशाह कहे जायेंगे| मोदी ने अपने मंच पर श्री राम की तस्वीर लगा लि तो हर ऐरे गैरे को लोकतंत्र खतरे मे नज़र आने लगा पर सोनिया अगर मौलनायो से वोट की अपील करे तो वो किसी को गलत नही लगता। यह देश है चिडी़याघर। इतना सब कुछ होने के बाद भी गवार हिन्दु सेकुलरों के तलवे चाटते फिरतें है।
नीतू सिंह के फेसबुक प्रोफाइल से