_-राजेश बैरागी-_
लव के साथ जिहाद का क्या रिश्ता हो सकता है? देश के कई राज्यों की भाजपा सरकारें आजकल लव में जिहाद तलाश रही हैं। इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट के लगभग एक महीने में आए दो उलट-पलट निर्णयों ने इस मामले को विमर्श के केंद्र में ला दिया है। एक लंबे समय से यह माना जा रहा है कि मुस्लिम युवक कलाई में मौली(कलावा) बांधकर, तिलक लगाकर, नाम बदलकर हिंदू लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाते हैं और फिर शादी कर लेते हैं या शारीरिक संबंध बनाकर कहीं की नहीं छोड़ते। मुस्लिम आक्रमणकारियों के आगमन से हिंदू महिलाएं खासतौर पर जवान लड़कियां उनके निशाने पर रही हैं। क्या यह क्रम आज भी जारी है? आमतौर पर दूसरे धर्म की स्त्रियों को हवश का शिकार बनाना हमेशा मनुष्य का शगल रहा है। जहां तक भाजपा सरकारों का सरोकार है तो उनकी राजनीति हिंदुओं के ध्रुवीकरण पर आधारित है। ध्रुवीकरण के लिए अस्मत से बड़ा मुद्दा क्या हो सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 24 नवंबर 2020 को लाए गए अध्यादेश में केवल विवाह के लिए धर्मपरिवर्तन के लिए सजा का प्रावधान किया गया है और ऐसे विवाह को अमान्य ठहराया गया है।