_-राजेश बैरागी-_
कल एक लग्न-सगाई कार्यक्रम में गया। मेजबान ने शहर के सबसे अच्छे बैंक्वेट हॉल में आयोजन किया था।सौ लोगों की सीमित संख्या का आदेश भी नहीं आया था परंतु समारोह से हर्ष उल्लास लापता था। थोड़ा सहज अनुभव कर रहे शासन प्रशासन की पेशानी पर फिर बल पड़ने लगे हैं। दिल्ली में 87 प्रतिशत आइसीयू व 92 प्रतिशत वेंटिलेटर बिस्तरों पर कोरोना पीड़ितों का कब्जा है। वैक्सीन आने की उम्मीदों के बीच कोरोना एक बार फिर से विकराल हो चला है। एक ओर अर्थव्यवस्था को पटरी पर रखने की विवशता है तो दूसरी ओर महानगरों में रात्रि कालीन कर्फ्यू लगाये जा रहे हैं और फिर से लॉकडाउन लगने की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
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