_-राजेश बैरागी-_
प्रत्येक पीढ़ी के लिए इतिहास को जानना दिलचस्प होता है। इतिहास केवल वह नहीं है जिसमें सिकंदर महान से लेकर अकबर महान की कथाएं हैं।रूस और अमेरिका ने अंतरिक्ष में यान भेजने की शुरुआत कब और कैसे की यह भी इतिहास ही है। हालांकि मेरी पोस्ट का आज का विषय अकबर सिकंदर वाला इतिहास है जिसको लेकर वर्तमान में अनेक स्वयंभू विद्वान बगैर किसी सिर पैर के अपने शोध प्रस्तुत कर रहे हैं। ताजमहल, कुतुबमीनार सब निशाने पर हैं।इन ऐतिहासिक इमारतों के शीर्ष को निहारने के विरुद्ध इनकी जड़ों को खोदा जा रहा है। वहां मंदिर था कभी और इसके नीचे फलां राजा का किला रहा है,ऐसी जानकारी बांटी जा रही है। व्हाट्स ऐप और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जहां हल्दी फिटकरी के खर्चे के बगैर ज्ञान की दूषित गंगा बहाई जा सकती है, वहां मिथकीय धारणाओं पर इतिहास का सागर लहराया जा रहा है।