राजग के साथ मिलकर इन चुनावों में चार सीटें जीतने वाले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार की कैबिनेट में शामिल होने की संभावना से इनकार कर दिया है.
पटना: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) सेक्युलर के प्रमुख जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) गुरुवार को अपने चार सदस्यीय विधायक दल के नेता चुने गए. मांझी के यहां स्थित आवास पहुंचे ‘हम’ के सभी नवनिर्वाचित विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री को पार्टी विधायक दल का नेता चुना. बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन को लेकर ‘हम’ के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा मांझी को सम्मानित किया गया. मांझी निवर्तमान विधानसभा में ‘हम’ के अकेले विधायक हैं. मांझी ने कहा कि एक बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद वह अब नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई सरकार में मंत्री नहीं बनेंगे.
बाद में पत्रकारों से बातचीत में मांझी ने कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों को राज्य की प्रगति के लिए एनडीए में शामिल होने की सलाह दी. मांझी ने कहा, ‘व्यक्तिगत तौर पर जहां तक मेरा मानना है तो हम कहेंगे कि कांग्रेस के विधायक विचार करें और नीतीश जी का साथ दें.’
वर्ष 1980 में मांझी ने कांग्रेस से अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था. बाद में वह राष्ट्रीय जनता दल और फिर जनता दल यूनाइेटड में चले गए. 2014 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू की बुरी तरह हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद मांझी को इस पद पर आसीन किया था.
बाद में, नीतीश कुमार के इस पद पर वापसी का मार्ग प्रशस्त करने के लिए जेडीयू से निष्कासित किए जाने पर मांझी ने हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर नाम की एक नई पार्टी बना ली थी और बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के पहले विपक्षी महागठबंधन में शामिल थे.