“गरीबी हटाओ” का नारा सर्वप्रथम 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने दिया था, और तभी से कांग्रेस के हर घोषणापत्र में गरीबी हटाओ का जिक्र होता आ रहा है, लेकिन गरीबी आज तक नहीं दूर करने में पूर्णरूप से असफल रही। लेकिन जनता गरीबी हटाओ, साम्प्रदायिक सौहार्द, भ्रष्टाचार उन्मूलन और रोजगार के लॉलीपॉप के मकडजाल में फंसती रहने के कारण कांग्रेस से चिपकी रही।
बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना में एनडीए की बढ़त को देखकर कांग्रेस के नेताओं के सुर बदल गए हैं। कोई ईवीएम हैक होने की बात कह रहा है, तो कोई जनता को लालच दिए जाने की बात कर रहा है। लेकिन कांग्रेस के नेता अपने बयानों से बिहार के जनादेश को स्वीकार करने की जगह उसे अपमानित करने का काम कर रहे हैं। कांग्रेस नेता अर्चना डालमिया ने ट्वीट कर कहा कि लगता है गरीब बिहारी मुफ्त वैक्सीन के लालच में आ गए।
बिहार जनता को इस तरह अपमानित करने से पूर्व कांग्रेस अपनी कार्यशैली पर मंथन करना चाहिए था, गठबंधन को कांग्रेस के ही कारण कम से कम 50 सीटों का नुकसान हुआ है।
कांग्रेस नेता अर्चना डालमिया के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिला। लोगों ने कहा कि बिहारी गरीब नहीं,मेहनती है। वो किसी लालच में पड़ने वाला नहीं है। कांग्रेस नेता की यह टिप्पणी पूरी तरह बिहार की जनता का अपमान है।