मिथिलेश कुमार सिंह
कई लोग ड्राइविंग जल्दी सीख लेते हैं, तो कई लोगों को इसमें काफी समय लग जाता है। वहीं कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो ठीक ढंग से ड्राइविंग टेक्निक्स को नहीं पकड़ पाते हैं और इस वजह से वह आजीवन परफेक्ट ड्राइविंग नहीं कर पाते हैं।
हर किसी की इच्छा होती है कि वह गाड़ी चलाना सीखे। शुरुआत में कई लोग इसके लिए ड्राइविंग स्कूल भी ज्वाइन करते हैं जो कि एक अच्छा कदम है, तो कई लोग इसकी प्रैक्टिस घर के ही किसी सदस्य की देखरेख में करते हैं अथवा किसी मित्र के द्वारा सीखने का प्रयत्न करते हैं।
बहरहाल, कई लोग ड्राइविंग जल्दी सीख लेते हैं, तो कई लोगों को इसमें काफी समय लग जाता है। वहीं कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो ठीक ढंग से ड्राइविंग टेक्निक्स को नहीं पकड़ पाते हैं और इस वजह से वह आजीवन परफेक्ट ड्राइविंग नहीं कर पाते हैं। आइए देखते हैं कुछ पॉइंट्स, जो आपके लिए जानना आवश्यक है।
गाड़ी की समझ रखना और उस पर कंट्रोल जरूरी
गाड़ी चलाना मतलब सिर्फ उसका स्टेयरिंग पकड़ना और उसे घुमाना नहीं होता है, बल्कि उसके तमाम टूल्स / फंक्शन की समझ आवश्यक है।
बेसिक रूप से क्लच का प्रयोग कब करना है, एक्सिलरेटर का प्रयोग कब-कितना करना है, ब्रेक का प्रयोग कब करना है और ऐसे ही इंडिकेटर से लेकर इमरजेंसी लाइट इत्यादि को पहले थ्योरी रूप में आप अवश्य समझ लें। बिना गाड़ी चलाए, अच्छे ढंग से आप इन बातों को समझ लें तो आपको शुरुआत करने में आसानी होगी। इसके बाद किसी खाली फील्ड में गाड़ी चलाना भी आपके लिए लाभदायक हो सकता है और यह इस नजरिए से कि गाड़ी पर आपका कितना कंट्रोल है!
जब आप चाहें, तब आप ब्रेक का इस्तेमाल करें, अपनी सोच के अनुसार क्लच का इस्तेमाल करें, कब गियर बदलें और दूसरे फंक्शन का इस्तेमाल करें, इसकी खुली प्रैक्टिस फील्ड में ही हो सकती है। इसीलिए फील्ड में गाड़ी चला कर उस पर कंट्रोल करें। गाड़ी पूरी तरह आपके इशारों पर नाचनी चाहिए, लेकिन ध्यान रखें कि फील्ड और रियल ट्रैफिक में काफी फर्क होता है।
रोड / ट्रैफिक रूल्स की समझ जरूरी है
रोड के सिग्नल क्या हैं, ट्रैफिक रूल्स क्या हैं, उनका उल्लंघन करने पर क्या फाइन अथवा सजा होती है, इन सारी चीजों की थ्योरी समझना आवश्यक है। जब आप थ्योरी समझ जाएंगे, तो किसी ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में इसका अभ्यास करें।
कॉन्फिडेंस रखें, किंतु ओवर कॉन्फिडेंस से बचें
ध्यान रखें कि वही डूबता है, जो तैरना जानता है। चूंकि जो तैरना नहीं जानता है, वह गहरे पानी में उतरेगा ही नहीं! अतः ओवर कॉन्फिडेंस से बचना ज़रूरी है। इसी तरह ओवर स्पीडिंग से हर हाल में बचना ज़रूरी है तो, ट्रैफिक रूल्स की अनदेखी आपको कई मुसीबतों से बचाएगी।
इसके अतिरिक्त, कई चीजें हैं जो आप अगर ध्यान रखेंगे तो जल्द से जल्द एक अनुभवी व्यक्ति की तरह गाड़ी ड्राइव कर सकेंगे। जैसे-
– क्लच पर हमेशा अपना पैर नहीं रखना चाहिए। ध्यान दें कि ऐसा लगातार करने से क्लच प्लेट्स खराब हो सकते हैं और अगर तेज स्पीड में क्लच का इस्तेमाल करते हैं तो दुर्घटना होने की सम्भावना भी होती है। तेज स्पीड में ब्रेक का पहले इस्तेमाल करें और गियर बदलने के समय ही क्लच का यूज करें।
– आपको कार को मोड़ते समय भी काफी सावधान रहना होता है। किसी ऑब्जेक्ट से थोड़ी दूर से कार मोड़ना चाहिए। किसी मॉल अथवा ऑफिस पार्किंग में और भी सावधान रहना चाहिए और पर्याप्त दूरी से कार मोड़ना चाहिए, जहाँ पिलर इत्यादि नजदीक नजदीक हों!
– इसी प्रकार हाईवे पर चलते समय आगे वाली गाड़ी से कम से कम 70 मीटर का गैप रहना आवश्यक है। साधारणतया, ड्राइविंग के समय अगर आपको सड़क के बीच में वाइट पट्टी (जो अधिकांश सड़कों पर होती ही है), दिखती है तो आप अगली कार से खुद को सुरक्षित दूरी पर मान सकते हैं।
– रियर व्यू मिरर और विंग मिरर (साइड मिरर) का ठीक ढंग से इस्तेमाल किया जाना ज़रूरी है। यहाँ तक कि कार को रिवर्स करते समय पीछे देखने अथवा सिर बाहर निकालने से बचना चाहिए। अब तो पार्किंग कैमरे के साथ कई गाड़ियाँ आ रही हैं और इससे काफी आसानी होती है आपको ड्राइविंग करने में।
– ध्यान रहे कि ड्राइविंग करते समय हमेशा कमर सीधी अवस्था में रहे। इस प्रकार बैठें कि आप सभी जगह आसानी और आराम से देख सकें। कई लोगों की कार में जबरदस्त ढंग से आरामदायक पोजीशन में आकर ड्राइव करने की आदत होती है, यह नुकसानदायक हो सकता है।