आइए ज्ञान बढ़ाएं
भारतीय प्रतिरक्षा
भारतीय सशस्त्र सेनाएं निम्नलिखित तीन भागों में विभाजित है-
1. थल सेना-इसका प्रधान चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ कहलाता है। यह जनरल के रैंक का होता है। थल सेना को छह कमाण्डस में विभाजित किया गया है। प्रत्येक कमाण्ड का ऑफीसर कमांडिंग लैफ्टीनेंट जनरल के स्तर का होता है। प्रत्येक कमाण्ड अनेक क्षेत्रों व उपक्षेत्रों में विभाजित होती है। क्षेत्र का प्रमुख मेजर जनरल व उपक्षेत्र का प्रमुख बिग्रेडियर होता है।
2. जल सेना-इसका प्रमुख चीफ ऑफ द नेवल स्टाफ कहलाता है। यह एडमिरल रैक का होता है। जल सेना तीन कमाण्डस में विभाजित है। प्रत्येक कमाण्ड का अधिकारी वाइस एडमिरल होता है। भारतीय नेवी में पूर्वी फ्लीट व पश्चिमी फ्लीट है जो क्रमश: विशाखापत्तनम व मुंबई में है।
3. वायु सेना-इसका प्रमुख चीफ द एयर स्टाफ कहलाता है। यह एयर चीफ मार्शल रैंक का होता है। यह 7 भागों में विभाजित है।
उपर्युक्त तीनों सेनाओं का सर्वोच्च सेनापति भारत का राष्टï्रपति होता है। सेनाओं के प्रशासन का कार्य रक्षा मंत्रालय करता है। इसके प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं-
(ए) सेना के तीनों अंगों को सरकारी नीतियों व निर्णयों से अवगत कराना।
(बी) सेना के तीनों अंगों में समन्वय बनाए रखना।
(सी) संसद से रक्षा बजट पास करवाना।
इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ का प्रमुख-यह पद वर्ष 2001 में सृजित किया गया है। सेनाओं में कमीशण्ड अधिकारियों के पदों का क्रम निम्नलिखित है-
थल सेना-जनरल, लेफ्टिनेंट जनरल, मेजर जनरल, ब्रिगेडियर, कर्नल, लेफ्टिनेंट कर्नल, मेजर, कैप्टन, लेफ्टिनेंट। जल सेना-एडमिरल, वाइस एडमिरल, रियर एडमिरल, कोमोडोर, कैप्टन, कमाण्डर, लेफ्टिनेंट कमाण्डर, लेफ्टिनेंट, सब लेफ्टिनेंट वारण्ट ऑफीसर। वायु सेना-एयर चीफ मार्शल, एयर मार्शल, एयर वाइस मार्शल, एयर कोमोडोर, ग्रुप कैप्टन, विंग कमाण्डर, स्क्वाइड्रन लीडर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट फ्लाइंग ऑफीसर, पायलट ऑफीसर।