राजनीति में ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो लंबे काल की पारी खेलकर भी अपनी चादर को सफेद बनाए रखने में सफल हो पाते हैं । बहुत से राजनीतिज्ञों के विकट इसलिए गिर जाते हैं कि वे समय की रेत पर अपनी कर्तव्य निष्ठा, ईमानदारी, देश के प्रति समर्पण और पार्टी व पार्टी के लोगों के प्रति लगाव को देर तक बनाने रखने में असफल रह गये। लेकिन कुछ राजनीतिज्ञ ऐसे भी हैं जिन्होंने इन सभी गुणों का राजनीति में रहते हुए पूर्ण निष्ठा से परिचय दिया और अपनी अलग छवि बनाकर रखने में भी सफलता प्राप्त की । देश के वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह निश्चित रूप से ऐसे ही कर्तव्यनिष्ठ ईमानदार और अपने कर्तव्य के प्रति पूर्णतया समर्पित व्यक्तित्व के धनी राजनेता हैं ।
10 जुलाई, 1951को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में जन्मे राजनाथ सिंह भारत के एक प्रमुख राजनीतिज्ञ और वर्तमान में भारत के रक्षा मंत्री हैं। वे लखनऊ से सांसद हैं। वे नरेंद्र मोदी की पिछली सरकार के कार्यकाल में देश के गृहमंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं । वह देश के एक सफल गृहमंत्री के रूप में जाने जाएंगे उन्होंने उस समय जो भी निर्णय लिए वे सभी देश हित को सर्वोपरि और प्राथमिकता पर रखकर लिए । जिससे उन्होंने लंबी पारी तक गृह मंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया । इससे पहले राजनाथ सिंह के नेतृत्व में ही भाजपा ने 2014 का लोकसभा का चुनाव लड़ कर बड़ी जीत हासिल प्राप्त की थी ।यह उनके कर्म कौशल का ही प्रभाव था कि भाजपा ने उनके कार्यकाल में तेजी से छलांग लगाई और नरेंद्र मोदी का चेहरा आगे करके पार्टी सत्ता तक पहुंच पाई।
वह पहले भाजपा के युवा स्कंध के और भाजपा की उत्तर प्रदेश (जो उनका गृह राज्य भी है), ईकाई के अध्यक्ष थे। प्रारंभ में वे भौतिकी के व्याख्याता थे, कर्म भूमि मीरजापुर रही पर, शीघ्र जनता पार्टी से जुड़ने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से अपने दीर्घ संबंधों का उपयोग किया, जिसके कारण वे उत्तर प्रदेश में कई पदों पर विराजमान हुए। उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में भी पार्टी का उत्तर प्रदेश में नेतृत्व किया और प्रदेश में शांति व्यवस्था स्थापित कर विकास की गति को बढ़ावा दिया। जब भी वह पार्टी के किसी महत्वपूर्ण पद पर रहे तब तब ही उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं को अपने साथ जोड़ने का अद्भुत कार्य किया। जिससे पार्टी को बहुत अधिक लाभ प्राप्त हुआ। राजनाथ सिंह 17 वीं लोकसभा में भाजपा के उपनेता हैं।
राजनाथ सिंह का जन्म भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिले के एक छोटे से ग्राम भाभोरा में हुआ था। उनका जन्म एक राजपूत परिवार में हुआ था । उनके पिता का नाम राम बदन सिंह और माता का नाम गुजराती देवी था। वे क्षेत्र के एक साधारण कृषक परिवार में जन्में थे और आगे चलकर उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से प्रथम क्ष्रेणी में भौतिक शास्त्र में आचार्य की उपाधी प्राप्त की। वे 13 वर्ष की आयु से (सन् 1964 से) संघ परिवार से जुड़े हुए हैं और मिर्ज़ापुर में भौतिकी व्याख्यता की नौकरी लगने के बाद भी संघ से जुड़े रहे। 1969 में, माथे पर एक चमकदार लाल तिलक के साथ, उन्हें भारतीय जनसंघ का सचिव नियुक्त किया गया। इसी से पता चल जाता है कि श्री सिंह प्रारंभ से ही राष्ट्रवादी हिंदुत्ववादी राजनीति में विश्वास रखने वाले व्यक्ति रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रवाद की उस राजनीति को अपने लिए उचित माना जिसमें देश की संस्कृति और मानवतावादी दृष्टिकोण को प्राथमिकता दी जाती है।
राजनाथ सिंह ने अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत उत्तर प्रदेश राज्य से की, वे 2000 से 2002 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री तथा राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबन्धन के शासन में कृषि मंत्री रहे। राजनाथ सिंह दो बार पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इससे पहले यह उपलब्धि केवल अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी के पास ही थी। राजनाथ सिंह पहली बार 31 दिसंबर, 2005 को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। दूसरी बार जनवरी 23, 2013 से जुलाई 09, 2014 तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे।
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नवगठित सरकार में 26 मई, 2014 को श्री राजनाथ सिंह ने भारत के केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ ली। दूसरी बार मोदी सरकार में रक्षा मंत्री बने । वे 2019 तक केंद्रीय गृहमंत्री रहे ।
30 मई, 2019 को श्री राजनाथ सिंह ने भारत के केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ ली। 1 जून 2019 को श्री सिंह ने केन्द्रीय रक्षा मंत्री का कार्यभार संभाला।
देश के रक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने सेना के अग्रिम मोर्चे पर जाकर जिस साहस का परिचय दिया है उससे पता चलता है कि उनके भीतर का राजपूती व्यक्तित्व आज भी देश के लिए सर्वस्व निछावर करने के लिए तैयार है। वह देश की सशस्त्र सेनाओं का मनोबल बनाए रखने के प्रति पूर्णतया समर्पित हैं। इसलिए उन्होंने देश की सशस्त्र सेनाओं को हर वह सुविधा उपलब्ध कराने का भरसक प्रयास किया है जिससे हमारे सैनिकों का मनोबल बढ़े और वे शत्रु के दांत खट्टे करने में सफल हो सकें।
देशभक्ति का उत्कृष्ट जज्बा उनके हर भाषण के हर शब्द से झलकता है । वह देश के गृहमंत्री रहे तो देश की आंतरिक व्यवस्था को सुधारने में एड़ी चोटी का जोर लगाते रहे और अब रक्षा मंत्री हैं तो इस ग्रुप में देश की सशस्त्र सेनाओं को हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास करते रहते हैं। यह भी एक शुभ संयोग है कि देश को इस समय नरेंद्र मोदी जैसे प्रधानमंत्री का नेतृत्व प्राप्त हुआ है ।जो कि अपने किसी भी मंत्री की देश हित में दी जाने वाली सलाह की उपेक्षा नहीं करते हैं, बल्कि वे उस सलाह को पूर्ण मनोयोग से लागू करने पर बल देते हैं। यही कारण है कि राजनाथ सिंह ने देश के रक्षा मंत्री के रूप में जब भी सशस्त्र सेनाओं को सुविधाएं देने का कोई परामर्श प्रधानमंत्री श्री मोदी को दिया है तब तब ही उन्होंने उसे खुले दिल से स्वीकार कर लागू करने में सहयोग किया है।
श्री सिंह का व्यक्तिगत बातचीत में कहना रहता है कि देश हित को प्राथमिकता देकर काम करते रहो ईश्वरीय शक्तियों का आशीर्वाद निश्चित रूप से आपके साथ रहेगा उनका यह भी कहना होता है कि हमारे देश की प्राचीन संस्कृति ही विश्व शांति स्थापित करने में सहायक हो सकती है वह व्यक्तिगत रूप में इस बात को स्वीकार करते हैं कि हथियारों की दौड़ में पड़ना किसी भी देश के लिए उचित नहीं है ,परंतु इसके उपरांत भी हर देश को अपनी सुरक्षा को मजबूत करने का पूरा हक है। क्योंकि जो देश अपने इस हक से वंचित रह जाते हैं वह अपना अस्तित्व मिटा देते हैं। यही कारण है कि श्री सिंह भारत की अस्मिता के लिए कोई भी संकट मोल लेने को तैयार नहीं हैं।
रविकांत सिंह ( लेखक वरिष्ठ समाजसेवी और ‘उगता भारत’ समाचार पत्र के अवैतनिक समाचार संपादक हैं)