बेंगलुरु दंगों में आरोपितों को बेगुनाह मानकर छोड़ने की मांग के चलते जज को भेजा विस्फोटक से भरा पार्सल

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कर्नाटक में फिल्मी शख्सियतों से जुड़े ड्रग्स के एक मामले और बेंगलुरु दंगों की सुनवाई कर रहे एक एनडीपीएस विशेष न्यायाधीश को बेंगलुरु में सोमवार (अक्टूबर 19, 2020) को दो धमकी भरे पत्रों के साथ एक विस्फोटक सामग्री वाला पार्सल मिला। इस पार्सल के साथ आए पत्रों में सैंडलवुड ड्रग केस की आरोपित रागिनी द्विवेदी और संजना गरलानी की रिहाई की माँग की गई है। इसमें बेंगलुरु में दंगा करने वाले लोगों को ‘बेगुनाह’ कहकर छोड़ने की बात भी कही गई। 

पत्र में जज से कहा गया कि वह आरोपितों को बेल दें और जेसीपी संदीप पाटिल को कहा गया कि वह इस केस दूर रहें। वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार धमकी भरा पत्र भेजने के सिलसिले में दो व्यक्तियों को राज्य के तुमकुरु जिले में हिरासत में लिया गया है।

पत्र लिखने वाले व्यक्ति ने चेतावनी दी थी कि माँगे पूरी नहीं होने पर एक विस्फोट किया जाएगा। बाद में जाँच से पता चला कि पार्सल में कोई विस्फोटक नहीं बल्कि डराने के लिए मात्र कुछ तारें थीं जिससे ऐसा लगा कि यह एक डेटोनेटर है।

रिपोर्ट के अनुसार, सिटी सिविल कोर्ट के हॉल नंबर 37 के बाहर पार्सल छोड़ा गया था। जब कोर्ट स्टाफ ने पार्सल खोला तो उन्हें विस्फोटक जैसा पदार्थ मिला। उन्होंने हलासुरुगेट पुलिस को फोन किया और बॉम्ब स्क्वॉयड भी वहाँ पहुँची। ज्वाइंट कमिश्नर संदीप पाटिल ने कहा कि इस केस में अज्ञात के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है। वहीं दूसरी ओर पुलिस ने अपनी जाँच भी शुरू कर दी है। पता लगाया जा रहा है कि आखिर पत्र आया कहाँ से?

हलासुरुगेट (Halasurugate) के पुलिस अधिकारी अब सीसीटीवी कैमरा फुटेज की जाँच कर रहे हैं और हाउसकीपिंग स्टाफ व मुख्य सुरक्षाकर्मियों से भी पूछताछ कर रहे हैं। इस बीच, पुलिस बम के खतरों के मद्देनजर उक्त मजिस्ट्रेट की सुरक्षा बढ़ाने पर भी विचार कर रही है।

बेंगलुरु दंगों में कांग्रेस की भूमिका

गौरतलब है कि एक ओर जहाँ कांग्रेस पार्टी बेंगलुरु दंगों में अपनी किसी भी प्रकार की भूमिका से इंकार कर रही है वहीं समाचार चैनल ‘टाइम्स नाउ’ ने इस पूरे केस में पार्टी के लिंक निकाले हैं। रिपोर्ट बताती है कि दंगों के मुख्य आरोपित और कांग्रेस के पूर्व मेयर संपथ राय के बीच हुई बातचीत के कॉल रिकॉर्ड सामने आए हैं जिसे टाइम्स नाउ ने एक्सेस किया है।

इनसे मालूम पड़ता है कि दंगाइयों व कांग्रेस नेता के बीच काफी गहरी बातचीत थी। रिपोर्ट की मानें तो इन कॉल डिटेल्स के सामने आने से स्पष्ट हो रहा है कि दंगों में संपथ रॉय की कुछ न कुछ भूमिका थी। उनके कई करीबियों के नंबर से भी ऐसे लोगों को फोन किया गया जो हिंसा के समय घटनास्थल पर थे।

बेंगलुरु में अभी हाल में एक फेसबुक पोस्ट के कारण आगजनी का भीषण नजारा देखने को मिला था। इस पूरे हमले में केजी हल्ली, डीजे हल्ली और पुल्केशी नगर सबसे अधिक प्रभावित हुए थे। सैंकड़ों की तादाद में संप्रदाय विशेष की भीड़ ने स्थानीय विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के घर को घेर कर तोड़फोड़ की थी। उनका आरोप था कि विधायक के रिश्तेदार ने पैगम्बर मुहम्मद को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट किया।

इस मामले में पुलिस ने 5 ऐसे लोगों के नाम दर्ज किए थे जिन्होंने भीड़ का नेतृत्व किया। उस दिन भड़की हिंसा में 3 लोगों की मौत हुई थी और 60 से अधिक घायल हुए थे। दंगाई भीड़ ने 10 वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था और डीजे हल्ली थाने के सामने उनमें आग लगा दी थी।

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