बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई है। तीन चरणों में होने वाले चुनाव के लिए सभी राजीनितक दल अपने-अपने उम्मीदवारों को अंतिम रूप देने में लगे हैं। कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। लेकिन कांग्रेस के 49 घोषित उम्मीदवारों में एक नाम काफी चौकाने वाला है। कांग्रेस ने नाबालिग दलित लड़की से रेप के आरोपी रहे और एनडीटीवी के प्रोपेगैंडा पत्रकार रवीश कुमार के भाई ब्रजेश पांडे को मोतिहारी की गोविंदगंज सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। यहां पर चुनाव दूसरे चरण में होने हैं।
भाजपा शासित राज्यों में दलितों के साथ होने वाली तनिक घटना को उछालने वाले रविश कुमार अपने भाई द्वारा दलित महिला का यौन शोषण करने पर क्यों खामोश हैं?
कांग्रेस और रवीश कुमार का झूठा दलित प्रेम
कांग्रेस और रवीश कुमार का तथाकथित दलित प्रेम जगजाहिर है। लेकिन ये दोनों दलितों से कितना प्रेम करते हैं यह उनके बयान और काम से नजर नहीं आता है। ये दलितों के प्रति जितना प्रेम दर्शाते हैं, उसके ठीक विपरीत काम करते हैं। इसका गवाह कांग्रेस द्वारा रवीश कुमार के भाई ब्रजेश पांडे को उम्मीदवार बनाना है।
पॉक्सो और एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज हुआ था केस
रवीश कुमार के भाई ब्रजेश पांडेय पर बिहार सरकार के पूर्व दलित कांग्रेसी मंत्री की नाबालिग बेटी के साथ यौन शोषण और बलात्कार का आरोप लगा था। जिसके बाद उन्हें बिहार कांग्रेस के उपाध्यक्ष के पद से भी इस्तीफ़ा देना पड़ गया था। यही नहीं, इस आरोप के कारण रवीश कुमार के भाई पर पॉक्सो एक्ट और एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था।
पहले भी कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे चुनाव
बता दें कि हालाँकि ब्रजेश इसके पहले भी इसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उस चुनाव में उन्हें जीत हासिल नहीं हुई थी। साल 2017 में जिस दौरान उन पर यौन शोषण का आरोप लगा उस वक्त वह कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर थे।
महिला सुरक्षा पर सिर्फ ज्ञान देते हैं रवीश कुमार
जुलाई 2018 में एनडीटीवी के प्राइम टाइम शो में रवीश कुमार ने कहा था कि झारखंड के चतरा में 18 साल की एक लड़की बलात्कार के बाद आग लगाकर मर गई। इस घटना के लिए कौन जिम्मेदार है यह बहस के केंद्र में है भी या नहीं भी। दरअसल भारत के मर्द दुनिया के सबसे निर्दोष प्राणी है। वे किसी भी चीज के लिए जिम्मेदार नहीं है। क्योंकि कानून के राज ने उनका सही से कभी इलाज नहीं किया। समाज और राजनीति ने उन्हें हमेशा ही सर पर चढ़ाकर रखा है।
ब्रजेश पांडेय को टिकट मिलने के बाद सोशल मीडिया पर लोग ने रवीश कुमार को महिला सुरक्षा पर ज्ञान देने के लिए जमकर ट्रोल किया।