गाजियाबाद । ( ब्यूरो डेस्क)जब देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का देहांत हुआ था तो विपक्ष के नेता अटल बिहारी बाजपेई ने अपने शोक संवेदना संदेश में कहा था कि भारत माता की गोद खाली है लेकिन कोख खाली नहीं है । कहने का अभिप्राय है कि मां भारती के पास एक से बढ़कर एक प्रतिभाएं हर काल में रही हैं । जो कभी भी शून्य पैदा नहीं होने देती, यूँ कहने के लिए तो लोग किसी के जाने के बाद भी आराम से कह दिया करते हैं कि उनके जाने से शून्य पैदा हो गया है , परंतु भारत माता की अपनी अनोखी परंपरा है कि यहां पर कभी शून्य पैदा नहीं होता । यही कारण है कि एक से बढ़कर एक प्रतिभा हमें हर क्षेत्र में मार्गदर्शन के लिए या नेतृत्व करने के लिए हमेशा उपलब्ध रहती हैं । यदि प्रधानमंत्री मोदी की बात करें तो वह स्वयं तो इस अपेक्षा पर खरे उतरते ही हैं साथ ही उनके कई मंत्री भी ऐसे हैं जो इस जन अपेक्षा पर खरे उतरते हैं ऐसे ही हैं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान।
26 जून 1969 को जन्मे श्री धर्मेंद्र देवेन्द्र प्रधान, एक भाजपा नेता हैं और वर्तमान में भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री और इस्पात मंत्री हैं। उनका जीवन एक मजबूत इरादे वाले नेता के रूप में लक्षित होता है ।उन्होंने हर संघर्ष और हर चुनौती को झेला है और उसमें शानदार ढंग से बाहर निकल कर आए हैं ।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में श्री धर्मेंद्र प्रधान की योग्यता और प्रतिभा को पहचान कर उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी। पिछली मोदी सरकार में वह कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री भी थे। मार्च 2018 में प्रधान मध्य प्रदेश से राज्य सभा के लिए चुने गए। प्रधान चौदहवीं लोकसभा में ओड़ीसा के देवगढ़ से सांसद चुने गये थे। श्री धर्मेंद्र प्रधान ओडिशा की 12 वीं विधानसभा (2000-2004) में पल्ललहारा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे। वह एबीवीपी के सदस्य भी हैं एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. देबेन्द्र प्रधान के पुत्र हैं।
, माना कि वह राजनीति को विरासत में पाकर आगे बढ़े हैं परंतु इसके उपरांत भी उन्होंने अपने आप को स्थापित करने में सफलता प्राप्त की है और राजनीति में यह बहुत बड़ी बात होती है कि कोई व्यक्ति अपने आपको पिता की ओर से स्थापित ना करके अपने कार्य के पद पर स्थापित करे। जो लोग मुंह में सोने की चम्मच लेकर पैदा होते हैं परंतु अपने आपको सफल सिद्ध नहीं कर पाते, उन्हें लोग ‘पप्पू’ कहकर संबोधित करते हैं।
श्री धर्मेंद्र देवेंद्र प्रधान अपनी अनोखी कार्यशैली के लिए पहचाने में जाने जाते हैं ।उनकी विनम्रता उनके अधिकारियों और कर्मचारियों का तो दिल जीत ही लेती है साथ ही जो लोग उनसे मिलने आते हैं, उनके भीतर भी अपनेपन का भाव पैदा करने में वह सफल रहते हैं । यही कारण है कि वह एक जन सेवी और धरती से जुड़े हुए नेता के रूप में जाने जाते हैं ।
आज जब भाजपा जैसी पार्टी के पास एक नहीं लाखों प्रतिभाएं इस इंतजार में है कि कोई आगे से हटे तो वह उसका स्थान लें ,तब अपने पद पर बने रहना बहुत बड़ी बात है । यदि श्री प्रधान अपने आप को स्थापित किए रखने में सफल रहे हैं तो इसका कारण यही है कि वह जन सेवी और धरती से जुड़े हुए नेता है ।
प्रधान, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य हैं। महासचिव होने के अलावा, उन्हें अगस्त 2011 में झारखंड में पार्टी की गतिविधियों की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई थी। धर्मेंद्र प्रधान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के करीबी सहयोगी और भरोसेमंद हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में बिहार में भाजपा की जीत के प्रमुख रणनीतिकार भी प्रधान ही हैं। जोशुआ एल उनका पोता है।
श्री प्रधान कहते हैं कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के साथ काम करना उनका सौभाग्य है। वे कहते हैं कि उन्हें अपने नेता के साथ काम करने में मजा आता है क्योंकि प्रधानमंत्री श्री मोदी 24 घंटे काम करके भी थकते नहीं है। प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व के इस गुण को ग्रहण कर वह भी अपने देश की सेवा में 24 घंटे रत रहना चाहते हैं जिससे कि हमारा देश विश्व गुरु के पद पर विराजमान हो। उनका मानना है कि भारत प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में ही इस पद पर विराजमान हो सकता है । क्योंकि श्री मोदी की टीम जिस प्रकार राष्ट्रवाद के प्रति समर्पित होकर कार्य कर रही है उसके फलितार्थ अब सामने आने लगे हैं। देश का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान बढ़ा है और प्रधानमंत्री श्री मोदी विश्व नेता के रूप में स्थापित होकर मां भारती की अप्रतिम सेवा कर रहे हैं।
रविकांत सिंह (लेखक वरिष्ठ समाजसेवी और ‘उगता भारत’ के समाचार संपादक हैं )