दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजीव शर्मा नाम के स्वतंत्र पत्रकार को ‘ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट’ के तहत गिरफ्तार किया है। उसके पास से रक्षा सम्बन्धी गोपनीय दस्तावेज़ मिले थे। डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पुलिस (स्पेशल सेल) संजीव कुमार यादव ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि राजीव शर्मा के से पास रक्षा क्षेत्र से जुड़े कई अहम दस्तावेज़ बरामद किए गए हैं।
अब प्रश्न यह भी होता है कि रक्षा मंत्रालय में कौन-कौन लोग गुप्त दस्तावेज सप्लाई कर रहे थे? वैसे ये आज कोई नया अथवा सनसनी खोज समाचार नहीं। बात 1980 की है जब रक्षा मंत्रालय में कार्यरत कर्मचारी(अब स्वर्गवासी) ने भी ऐसे ही समाचार से चौंका दिया था। रक्षा मंत्रालय में एक सूची बनाई जाती थी, जिसकी एक प्रति दलाल को दी जाती थी, जिसके वह उस समय 100 रूपए प्रति कर्मचारी/अधिकारी को देता था। केस बहुत संगीन है, उतना सरल नहीं, जितना शायद लोग समझ रहे हैं। पता नहीं कितने शर्मा देश के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
उन्होंने बताया 14 सितंबर को राजीव की गिरफ्तारी हुई थी और इसके बाद उसे 6 दिन की पुलिस हिरासत में लिया गया था। इसके बाद उसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा। 22 सितंबर को पटियाला हाउस कोर्ट में उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है। संजीव कुमार यादव ने कहा फ़िलहाल इस मामले में राजीव शर्मा से पूछताछ चल रही है।
राजीव शर्मा दिल्ली के पीतमपुरा का रहने वाला है। वह यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ इंडिया, द ट्रिब्यून, फ्री प्रेस जर्नल समेत कई समाचार समूहों में बतौर पत्रकार काम कर चुका है। पिछले 2 दशकों से वह बतौर पत्रकार रक्षा क्षेत्र और विदेशी मामलों से जुड़ी ख़बरें करता था। पत्रकार आदित्य राज कौल के अनुसार राजीव शर्मा चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स (समाचार पत्र) के लिए स्तम्भ भी लिखा करता था। चीनी समाचार पत्र के लिए स्तम्भ लिखने का सिलसिला पिछले कई सालों से जारी था।
हाल ही में राजीव शर्मा ने ग्लोबल टाइम्स के लिए एक लेख लिखा था जिसका शीर्षक था ‘A rapprochement road map for Beijing and New Delhi benefits both countries’ यानी बीजिंग और नई दिल्ली के लिए मेल मिलाप का रोड मैप जिससे दोनों देशों का फ़ायदा होगा। फिर उसने लिखा 5 मई की रात से गतिरोध पैदा होने के बाद से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्ते खराब हुए हैं। नतीजा यह निकला कि दोनों देशों के बीच जितने भी कूटनीतिक लाभ सम्भव थे वह एक झटके में ख़त्म हो गए। राजीव शर्मा पिछले कई सालों से चीनी समाचार पत्र के लिए इस तरह के लेख लिख रहा है।
इसके अलावा राजीव शर्मा ने लिखा, “दोनों देशों के बीच फ़िलहाल जिस तरह के हालात हैं वह साल 1962 के बाद सबसे तनावपूर्ण स्थिति है। दोनों देशों के पास गँवाने को बहुत कुछ है। इसलिए मूल उद्देश्य यह होना चाहिए कि शांतिपूर्ण और बेहतर आने वाले कल की तैयारी हो न कि सीमा पर दोनों देशों की सेनाएँ आमने-सामने हों।” इसके अलावा राजीव क्विंट और डेली ओ जैसे वामपंथी समाचार समूहों के लिए भी लिखता है। उसका अपना यूट्यूब चैनल भी है जिसका नाम है ‘राजीव किष्किन्धा’। इस चैनल को लगभग 11900 लोगों ने सब्सक्राइब किया है।
राजीव ने पिछले साल दावा किया था कि उन्हें कनाडा की एजेंसी ने इजरायल के स्पायवेयर पेगासस के जरिए उनके फोन की निगरानी किए जाने को लेकर सतर्क किया था। गिरफ्तारी के बाद उसके ट्विटर एकाउंट जिस पर 5300 फॉलोवर्स थे, उसे बंद कर दिया गया है।
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