बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के बांद्रा स्थित ऑफिस पर बीएमसी (BMC) की कार्रवाई को शिवसेना की सहयोगी एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने गलत बताया है। शरद पवार ने कहा कि बीएमसी की कार्रवाई गैर जरूरी है, मुंबई में और भी अवैध निर्माण हैं। शरद पवार ने कहा कि बीएमसी की कार्रवाई ने अनावश्यक रूप से (कंगना को) बोलने का अवसर दे दिया है। मुंबई में कई अन्य अवैध निर्माण हैं। यह देखने की जरूरत है कि अधिकारियों ने यह निर्णय क्यों लिया।
गनीमत है, सुशांत हिन्दू, हत्या षड़यंत्र में शामिल हिन्दू और राज खोलने वाली हिन्दू, फिर भी हिन्दू-मुसलमान, क्यों? लगता है दाल में कुछ काला नहीं, बल्कि सारी ही दाल काली है। फिर, यह बात तो सही है कि अवैध निर्माण बहुत है। मुंबई से लेकर दिल्ली और दिल्ली से लेकर कन्याकुमारी तक कहाँ नहीं है अवैध निर्माण और अतिक्रमण। यदि कंगना ने अवैध निर्माण किया था, इस निर्माण में कितने लोगों ने रिश्वत खाई थी, क्योकि आज स्थिति इतनी भयानक है कि अवैध को तो छोड़िए, वैध निर्माण के लिए भी बिना रिश्वत दिए बिना एक ईंट लगानी किसी जोखिम से कम नहीं। नक़्शे के मुताबिक काम करने पर भ्रष्टाचारी रिश्वत खाने का कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेते हैं। और इस रिश्वतखोरी से पुलिस भी अछूती नहीं। दूसरे, महाराष्ट्र नगर पालिका को तुरंत उन लोगों पर भी कार्यवाही करनी चाहिए, जिन्होंने इस अवैध निर्माण को होने दिया। आज स्थिति यह है नक्शा पास करवाने के लिए रिश्वत, किसी निर्माण को रुकवाने के लिए रिश्वत और उसी निर्माण को पुनः शुरू करने के लिए रिश्वत। आपको एक पुरानी घटना बताता हूँ: लगभग 40 वर्ष पुरानी है। दिल्ली नगर निगम में एक अधिकारी का सिटी जोन से किसी दूसरे जोन में ट्रांसफर हो गया, हाजिरी और वेतन उस जोन से, लेकिन बैठ रहे हैं सिटी जोन, मिंटो रोड में, क्यों? जबकि दिल्ली नगर निगम सत्ता में कांग्रेस, जनता पार्टी और भाजपा भी रही, लेकिन किसी में हिम्मत नहीं उस अधिकारी पर कार्यवाही कर सके। लगता है अब एक तीर से कई निशाने लगने वाले हैं, जैसाकि निम्न लेख में उल्लेख किया है। वास्तव में सुशांत की हत्या से पता नहीं कितने घोटाले सामने आने वाले हैं?
कंगना रनौर, दफ्तर, ध्वस्त
कंगना रनौत के दफ्तर के हिस्सों को ध्वस्त करने की प्रक्रिया
में लगे BMC और मुंबई पुलिस
कंगना रनौत और शिवसेना सांसद संजय राउत के बीच शुरू हुआ विवाद लगातार गहराता जा रहा है। बीएमसी द्वारा मंगलवार (सितंबर 8, 2020) को उनके ऑफिस (मणिकर्णिका फिल्म्स) पर अवैध निर्माण का नोटिस लगाने के बाद बुधवार (सितंबर 9, 2020) को इसे तोड़ने की प्रक्रिया शुरू की। हालाँकि इस पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है।
कंगना के बेबाक बयानों से शिवसेना बौखलाई हुई है। कंगना के मुंबई के कथित अपमान पर शिवसेना खासकर उसके सांसद संजय राउत इस कदर भड़के हुए हैं कि वे असंसदीय भाषा समेत अवैध तरीके से कंगना के खिलाफ कार्रवाई करने से भी गुरेज नहीं कर रही।
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