राहुल, प्रियंका और सोनिया गांधी सहित कोई भी कांग्रेसी नहीं गया फिरोज गांधी की पुण्यतिथि पर उनकी मजार पर फूल चढ़ाने

अपने ससुर एवं दादा फिरोज जहांगीर गाँधी की कब्र पर फूल चढ़ाने नहीं जाओगे?”

आज इंदिरा गांधी के पति, राजीव गांधी के पिता, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ससुर, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के दादा फिरोज खान गांधी की पुण्यतिथि है। लेकिन आज उनकी मजार सूनी पड़ी हुई है। इलाहाबाद प्रयाग के ममफोर्डगंज इलाके में स्थित पारसी कब्रिस्तान के उनकी मजार पर परिवार से ना कोई सजदा करने पहुंचा, ना ही कोई श्रद्धांजलि अर्पित करने आया।
पुण्यतिथि पर फिरोज गांधी की कब्र को परिवार की ओर से एक फूल तक नसीब नहीं हुई। बात-बात पर ट्वीट करने वाले राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने अपने दादा की पुण्यतिथि पर एक भी ट्वीट नहीं किया है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि उनकी कब्र पर फूल चढ़ाने नहीं जाओगे?
फ़िरोज़ वो सांसद थे, जिनके संसद में खड़े होते ही ससुर जवाहर लाल नेहरू के पसीने बहने लगते थे, जबकि सांसद कांग्रेस से ही थे। फिरोज जहांगीर ने भ्रष्टाचार से कभी कोई समझौता नहीं किया। यदि इंदिरा गाँधी से लेकर राहुल और प्रियंका वाड्रा ने फिरोज जहांगीर का अनुसरण किया होता, परिवार की इतनी दुर्गति नहीं होती। लेकिन हैरानी इस बात पर है कि मेनका और वरुण तक अपने ससुर और दादा तक को स्मरण नहीं करते। इन नकली गांधियों द्वारा अपने ससुर एवं दादा को भूल जाने का कारण है, ये नकली गाँधी नहीं चाहते कि इनके मुस्लिम परिवार से होने की बात उजागर हो और हिन्दू बन जनता को पागल बनाकर वोट लेकर अपनी कुर्सी बचाए रखें। सास एवं दादी इंदिरा की समाधि पर फूलों के टोकरे लेकर पहुँच जाते हैं लेकिन दादा एवं ससुर की कब्र पर फूल की एक पत्ती तक नहीं। जो अपने पूर्वजों का नहीं हुआ, किसका होगा? सब बातें संस्कारों की होती हैं, जब मोती लाल ने अपने बाप और जवाहर ने अपने दादा मुग़ल युग में दिल्ली के कोतवाल ग्यासुद्दीन उर्फ़ गंगा धर के नहीं हुए, वही गंदे संस्कार उनकी फुलवारी में भी विराजमान हैं। जो अपने पूर्वजों को अपमानित करेगा/करेगी वही पूर्वज उनको दुनियां में उनको करेंगे, अपनी खुली आँखों से सब देख भी रहे हैं।

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