आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
केरल से शुरू होने वाले लव जिहाद के विरुद्ध जब हिन्दू स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा होने वाले समाचार-पत्र एवं साप्ताहिकों में समाचारों के प्रकाशन किये जाने को समस्त छद्दम सेक्युलरिस्ट फिरकापरस्ती का नाम देकर नज़रअंदाज़ करने का काम करते थे, उस समय कोई अन्य पत्र या पत्रिका इन समाचारों को महत्व नहीं देता था।
2014 में सत्ता परिवर्तन होने से दूसरे मीडिया ने भी इन समाचारों को जगह देनी शुरू की है। जबकि केंद्र में सत्ता पूर्व तक मीडिया भी छद्दम सेक्युलरिस्टों के इशारे पर चल रहा था।
वैसे इसमें कसूरवार लड़कियां एवं उनके परिवार भी हैं, जो आधुनिकता के नाम पर अपने हिन्दू संस्कारों एवं संस्कृति को धता बताकर लव जिहाद के मकालजल में फंस रहे हैं। विरोध करने वालों को दकियानूसी, सठिया हुआ अथवा फिरकापरस्त कहकर बदनाम किया जाता है। आमिर खान ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि “मेरी बीबी हिन्दू होगी, लेकिन बच्चे मुस्लिम मजहब अपनाएंगे।” (विस्तार से पढ़ने के लिए अगस्त 22, 2010 को लिखा लेख के लिए नीचे दिए लिंक को क्लिक करें) दूसरे, सैफ अली खान ने पहले अमृता सिंह से निकाह किया, बच्चे किये छोड़ दिया और उस बच्ची यानि करीना कपूर से शादी की जिसने अमृता सिंह से शादी करने पर Congratulations Uncle कहा था।
फिर एक राजनीतिक पार्टी की युवा ईकाई में एक हिन्दू लड़की ने उस मुसलमान से शादी की, जिसके जीवित बीबी से दो बच्चे थे, और इस बात को पार्टी में सभी जानते थे। इस बात को लड़की भी जानती थी, उसके बावजूद अगर लड़की आग में कूदे कसूरवार तो लड़की ही है। जब इस मुद्दे पर मुझसे सहायता मांगने आए, उस लड़के के परिवार एवं मौहल्लेवालों को हिन्दू होने के नाते उस लड़की के साथ खड़े होने की बजाए सख्ती से कहा था, “ऐसी…लड़की को ठोकर मार कर घर से ही नहीं मोहल्ले से भी निकालो। जिसने जानबूझकर बाल-बच्चो और पहली बीबी वाले से शादी की है।” पार्टी आज भी ऐसे लोगों को सिर पर बैठाए हुए है। कहने का मतलब यह है, जब तक परिवार पश्चिमी सभ्यता को त्याग भारतीय संस्कृति को नहीं अपनाएंगे, देश विरोधी इसका लाभ उठाकर अपने “गजवा-ए-हिन्द” के मकसद में कामयाब होते रहेंगे। “गजवा-ए-हिन्द” को दफ़न करने के लिए हमें सर्वप्रथम, देश से गंगा-जमुनी तहजीब, सेक्युलर शब्दों का जनाजा निकाल कर समुद्र से अधिक गहरे गड्डे में दफ़न करना होगा, अन्यथा देश इस आग में जलता रहेगा।
अभी नागरिकता संशोधक कानून विरोध धरनों और प्रदर्शनों में खुले आम हिन्दुत्व को अपमानित करवाया जा रहा था, और बेशर्म लालची गैर-मुस्लिम कड़कती ठंठ में अपने दूध पीते बच्चों को रात को धरने पर बैठ रहे हैं, चाय बांट रहे हैं, लंगर लगा रहे हैं। जिन-जिन राज्यों में इस तरह के हिन्दू विरोधी नारे लगे थे, वहां की सरकारों ने तुरन्त कार्यवाही क्यों नहीं की? जिन्हें ये बेशर्म नेता गरीब, मजलूम, असहाय और नासमझ कहकर जनता को गुमराह कर अपनी तिजोरियां भर रहे हैं, ये गरीब मजलूम आदि हिन्दुओं की गैर-हाज़िरी में केवल मुस्लिमों की उपस्थिति में क्या षड़यंत्र रचते थे।(विस्तार से पढ़ने के लिए जनवरी 29, 2020 का लिखा ब्लॉग नीचे दिए लिंक को क्लीक करें, जिसे अब तक 1 लाख से अधिक पाठकगण पढ़ चुके हैं। ) जब मीडिया में समाचार आ रहे थे, क्या गैर-मुस्लिम समर्थकों को नहीं मालूम था, जवाब है क्या किसी के पास? किसी भी सदन के लिए होने चुनावों के दौरान हिन्दुओं को इन सत्तारूढ़ दलों को नकारना होगा। इन धरनों और प्रदर्शनों में समर्थन करने वाले लोगो का भी बहिष्कार करना होगा। जिस दिन भारत “गजवा-ए-हिन्द” बन गया, क्या ये समर्थन देने वाले गैर-मुस्लिम बच पाएंगे? सबसे पहली गाज इन बेशर्म लालचियों पर ही गिरेगी। आम नागरिक से अधिक अपमानित होने वाले भी ये ही लोग होंगे।
आजकल देश में लव जिहाद के जरिए धर्म परिवर्तन कराने का काम बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इसके तहत हिन्दू लड़कियों को सब्जबाग दिखाकर प्रेम जाल में फंसाकर मुस्लिम बना दिया जा रहा है। वैसे देखने पर यह एक मुस्लिम लड़के से एक हिन्दू लड़की के प्यार और शादी की बात लगती है, लेकिन इस प्यार के पीछे एक गहरी साजिश है। इसमें लव जिहादी गैंग के लड़के बहला-फुसलाकर हिन्दू लड़कियों को अपने प्रेम जाल में फंसाता है। उत्तर प्रदेश में इन दिनों लव जिहाद के कई मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला मेरठ का है। यहां एक मुस्लिम युवक दानिश ने हिंदू युवती को हिंदू नाम सोनू से पहले प्रेमजाल में फंसाया। शादी के बाद महिला को पता चला कि सोनू का असली नाम दानिश है और उसने अपना धर्म छिपाकर शादी की है। इसके बावजूद उसने सोनू को ही अपना जीवनसाथी मानकर पूरी तरह उसे अपना लिया। इस दौरान दंपती के दो बच्चे भी हुए।
ये होता है लव जिहाद
जानकारों को अनुसार हिन्दू लड़की या गैर मुस्लिम लड़कियों को अपने नकली प्यार मे फंसा कर धर्मांतरित करना ही इस जिहाद का मूल उद्देश्य है। इस षडयंत्र के माध्यम से हिंदू महिलाओं को मुस्लिमों की आबादी बढ़ाने के उपयोग के लिए मजबूर किया जाता है। दरअसल यह इस्लामिस्ट कट्टरपंथी जमात भारत को दारुल हरब यानि काफिरों का देश मानता है और इसे दारुल इस्लाम यानि मुसलमानों के देश में परिवर्तित करने की योजना पर काम कर रहा है जिसका एक बड़ा हथियार लव जिहाद भी है।
ऐसे किया जाता है लव जिहाद
ये भी आरोप कई संगठनों की तरफ से लगाए गए कि हाथ में कलावा और सिर पर तिलक लगाकर लव जिहादी दूसरे धर्म का होने का छलावा करते हैं। इन्हें बाइक और पैसा दिया जाता है ताकि ये लड़कियों को अपने जाल में फंसा सके। ये स्कूल-कॉलेज के इर्द-गिर्द मंडराते हैं और इन्हें इसके लिए पैसा भी दिया जाता है। बीते साल कोझीकोड लॉ कॉलेज से जहांगीर रजाक नाम के एक लव जिहादी ने 42 लड़कियों की अकेले ही फंसा लिया और उन सब को मिलाकर एक सेक्स रैकेट चलाने लगा। ऐसी ही एक लड़की थी गीता। दिल्ली की रहने वाली इस लड़की को जैसे ही पता चला कि उसका ब्वॉयफ्रेंड विशाल दरअसल मोहम्मद एजाज है, तो उसने मौत को गले लगा लिया।
आजकल देश में कुछ संगठन इस काम में जोर-शोर से लगे हुए हैं। ये संगठन भावनात्मक रुप से कमजोर हिन्दू लड़कियों को समझाने-बुझाने से लेकर, शरण देने तक और उसके बाद निकाह कराने तक हर स्थिति में उनके साथ खड़े रहने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसे ये लव जिहाद कहते हैं, क्योंकि यह इस्लाम धर्म के प्रसार का इनका अपना तरीका है।
कोर्ट ने माना होता है ‘लव जिहाद’!
केरल में पिछले दस साल के दौरान करीब दस हजार लड़कियों ने धर्म परिवर्तन किया। केरल हाईकोर्ट ने भी आशंका जताई है कि ISIS के इशारे पर लव जिहाद के जरिए लड़कियों को फंसा कर उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। उनका ब्रेनबॉश करके उन्हें आतंकवाद के रास्ते पर भेजा जा रहा है। अब जब सवाल आया कि क्या लव जिहाद होता है भी है या नहीं? लव जिहाद के बारे में लंबी बहस है और इससे इनकार नहीं किया जा सकता। यहां तक कि शुरुआत में इसे सिरे से नकारने वाली कांग्रेस ने भी बाद में कहा लव जिहाद होता है।
ओमन चांडी ने रखे थे तथ्य
25 जून 2014 को मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने विधानसभा में जानकारी दी थी कि 2667 युवतियां 2006 से लेकर अब तक प्रेम विवाह के बाद इस्लाम कबूल कर चुकी हैं। वहीं केरला कैथोलिक बिशप काउंसिल ने इससे पहले 2009 में ये आंकड़ा 4500 बताया था। इसके अलावा एक अन्य संस्था ने कर्नाटक में 30 हजार लड़कियों के लव जिहाद की शिकार होने की बात कही थी। अक्टूबर 2009 में तत्कालीन कर्नाटक सरकार ने लव जिहाद को एक गंभीर मुद्दा माना और इसकी CID जांच के आदेश दिए। तत्कालीन डीजीपी जेकब पुनूज ने कहा था जांच में कई मामले आए, लेकिन लड़कियां यही कहती हैं कि वो अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल रही हैं।
केरल हाई कोर्ट ने जताई थी चिंता
9 दिसंबर 2009 को केरल हाइकोर्ट के जस्टिस के टी. शंकरन ने लव जिहाद के मामले में पकड़े गए दो मुस्लिम युवाओं की जमानत पर सुनवाई करते हुए कहा था कि पुलिस रिपोर्ट इस ओर इशारा कर रही है कि 3 से 4 हजार लड़िकयों के साथ इसी तरह के प्रेम संबंधों के मामले पिछले तीन-चार सालों में आ चुके हैं। उन्होंने ये भी बताया था कि जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाने के भी मामले मिलते हैं। ये भी पाया गया है कि धोखे में रखकर इन लड़कियों से ये संबंध बनाए गए। कोर्ट ने कहा था कि हजारों लड़कियों के इस तरह धर्म परिवर्तन की बात सामने आती है, लेकिन ये साबित नहीं हो पा रहा है कि ये ऑर्गेनाइज्ड तरीके से किया गया काम है।
केरल सरकार ने भी जताई थी चिंता
लव जिहाद के अधिकतर मामले केरल और दक्षिण भारत मे सामने आए हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी इसके पैर पसारने की खबर आई। हालांकि केरल की कई सरकारों ने (कांग्रेस और सीपीएम दोनों ने) बकायदा इस पर अपने निर्णय भी दे दिए हैं कि अब ऐसी घटनाओं को रोकने मे सरकार भी मदद करेगी। सरकार ने यह भी कहा है कि ऐसे मामलों में हर हिन्दू और गैर मुस्लिम परिवार की पूरी सहायता की जाएगी। इतना ही नहीं केरल सरकार ने ये भी वादा किया था कि ऐसी घटनाओं की जांच सीआईडी द्वारा कराई जाएगी ।
नवभारत टाइम्स के अनुसार दानिश ने उसका जयपुर का एक मकान और गहने बिकवा दिए। इसके बाद काफी समय तक महिला के पैसों से ही मौज-मस्ती करता रहा। पैसा खर्च होने के बाद दानिश विदेश भाग गया।
आसिफ और लकी खान ने नाम बदल हिंदू लड़कियों को फंसाया
उत्तर प्रदेश के कानपुर से भी लव जिहाद के कई मामले सामने आए हैं। शहर के गोविंद नगर में आसिफ शाह ने एक लड़की को अपने प्रेम जाल में फंसा ब्रेनवाश कर जबरन उसको इस्लाम धर्म कबूलने पर मजबूर किया। जागरण के अनुसार परिजनों को उनकी बेटी चार दिन बाद खराब और मानसिक रूप से अस्थिर हालत में मिली है। पिता ने बताया उसका शारीरिक शोषण भी हुआ है।
वहीं एक अन्य मामला कानपुर के बजरिया थाना का है। यहां लकी खान नाम के एक युवक ने अपना हिंदू नाम बता कर नाबालिक लड़की को अपने प्रेम जाल में फंसाया और उसकी अश्लील तस्वीरें लेकर इस्लाम कबूलने और निकाह करने के लिए ब्लैकमेल करने लगा। न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, लड़की एक मंदिर के बाहर फूल की दुकान लगाती थी। इसी दौरान उसकी मुलाकात लकी खान नाम के युवक से हुई। उस समय उसने अपना पूरा नाम न बता कर सिर्फ लकी ही बताया था। उसे पता नहीं था कि जिस लड़के को हिंदू समझ दोस्ती की वह असल में मुसलमान है। शिकायत के बाद पुलिस ने लकी खान को गिरफ्तार कर लिया।
शालिनी यादव को बना डाला फिजा फातिमा
पिछले महीने अगस्त में भी कानपुर में यही हुआ है। शालिनी यादव नाम की हिंदू लड़की पहले भागकर मुसलमान फैजल से शादी करती है फिर धर्म बदल कर अपना नाम शालिनी यादव से फिजा फातिमा बन जाती है। कानपुर में यह पहला मामला नहीं है। मुसलमान लड़के यहां 5 हिंदू लड़कियों को अपना शिकार बना चुके हैं। अगर इस पर लगाम नहीं लगाया गया तो यह लव जिहाद कई हिंदू बहन-बेटियों की जिंदगी बर्बाद कर देगा। शालिनी यादव के भाई विकास यादव का कहना है कि फैसल, लव जेहाद गैंग का सरगना है और यही कारण है कि उसने शालिनी को इस्लाम कबूल करा फिजा फातिमा बना डाला। इस शादी पर मुख्यमंत्री के मीडिया एडवाइजर शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि परीक्षा देने के बहाने निकली कानपुर की शालिनी यादव ने पहले धर्म बदला, फिर फैसल से निकाह कर लिया। सवाल ये कि धर्म बदलने की क्या जरूरत? धर्म शालिनी यादव ने ही क्यूं बदला? फ़ैसल ने क्यूं नहीं? तभी तो कहते हैं, ये लव नहीं, ये है लव जेहाद।
भारत को मुस्लिम देश बनाने के लिए लव जिहाद पर जोर
लव जिहाद या रोमियो जिहाद एक षड्यंत्र है जिसके तहत युवा मुस्लिम लड़के और पुरुष गैर-मुस्लिम लड़कियों के साथ प्यार का ढोंग करके उनका धर्म-परिवर्तन करते हैं। भारत के संदर्भ में यह अधिकतर हिंदु युवतियों के साथ किया जाता है। केरल हाईकोर्ट के द्वारा दिए एक फैसले में लव जेहाद को सत्य पाया है और अब एक स्टिंग ऑपरेशन में भी इसका खुलासा हुआ है। इस स्टिंग ऑपरेशन में साफ है कि यह एक अंतरराष्ट्रीय साजिश है और पूरी दुनिया को इस्लाम में बदल देने के आह्वान से जुड़ा हुआ है।
अरब देशों से होती है ‘धर्मांतरण और लव जिहाद’ की फंडिंग
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ यानी PFI और ‘सथ्य सरानी’ जैसे संगठन पूरी तरह से एक व्यवस्थित मशीनरी इस तरह के काम में लगी हुई है। युवा लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराना और उन्हें कट्टरपंथ की ओर धकेलने में इन संगठनों की अहम भूमिका है। इसके लिए अरब देशों से बजाप्ता फंडिंग भी होती है। India today के स्टिंग ऑपरेशन में भी इस बात का खुलासा हुआ है जिसमें PFI के संस्थापक सदस्य और इसके मुखपत्र ‘गल्फ थेजास’ के प्रबंध संपादक अहमद शरीफ ने इस बात को स्वीकार भी किया है कि इसकी फंडिंग अरब देशों से की जाती है और वह हवाला के जरिये रुपये मंगवाता है।
लव जिहाद करने वालों को मदद देता PFI
स्टिंग ऑपरेशन में अहमद शरीफ ने साफ स्वीकार किया कि वह भारत में इस्लामिक स्टेट की स्थापना के छुपे मकसद के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में इस्लामी साम्राज्य की स्थापना उनका मकसद है और इसके लिए वह हर मदद करता है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया है कि धर्मांतरण करने वाले या लव जिहाद करने वाले युवकों को उनकी संस्था मदद करती है। कुछ साल पहले केरल सहित पूरे देश में ‘किस ऑफ लव’ कैंपेन हुआ था, इसके आयोजन के पीछे भी PFI का हाथ था। इस कैंपेन में हिस्सा लेने वाले 90 प्रतिशत युवतियां हिंदू थीं और युवक मुस्लिम।
भारत को इस्लामी राज्य बनाने की साजिश
यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा है और इसका एक सिरा गजवा-ए-हिन्द यानी हिंदुस्तान को इस्लामी साम्राज्य का हिस्सा बनाने से जुड़ा हुआ है। गजवा-ए-हिन्द का मतलब होता है इस्लाम की भारत पर विजय। एक जगह जहां मीडिया हिन्दुओं का ध्यान बांटने में लगी है, वही दूसरी ओर यह कोशिशें जोरों पर जारी है कि कैसे हिंदुस्तान को इस्लामी साम्राज्य में तब्दील कर दिया जाए। फर्क सिर्फ यह है इन कोशिशों को सेकुलर चोला पहनाया जा रहा है। यानी जैसे ही इन कट्टरपंथियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई करने की बात आती है तो तथाकथित सेकुलर जमात इसे अलग ही रंग देने में लग जाता है। जाहिर है यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।
हिंदू लड़कियों से ‘लव जिहाद’ यानी इस्लाम की जीत !
काफिरों यानी गैर मुस्लिमों को जीतने के लिए किये जाने वाले युद्ध को “गजवा” कहते हैं और जो इस युद्ध में विजयी रहता है उसे “गाजी” कहते हैं। जब भी किसी आक्रान्ता और आक्रमणकारी के नाम के सामने गाजी लग जाता है, उसका यह मतलब यह मतलब होता है कि निश्चय ही वह हिन्दुओं का व्यापक नर संहार करके इस्लाम के फैलाव में लगा था। दरअसल हिन्दुओं की सबसे बड़ी कमजोरी है कि हम अपने ही धर्म के बारे में बहुत कम जानते हैं और फिर भी अपने को सेकुलर कहते है। पर क्या हम सेकुलर का मतलब भी जानते है ? कभी भी कोई मुस्लिम अपने को सेकुलर नहीं कहेगा चाहे वह नेता हो या आम नागरिक।
वी एस अच्युतानंदन ने जताई थी आशंका
टाइम्स ऑफ इंडिया की 26 जुलाई 2010 को प्रकाशित एक खबर में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीएस अच्यूतानंदन ने भी इस विषय पर चिंता जताई थी। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि पॉपूलर फ्रंट ऑफ इंडिया और कैंपस फ्रंट जैसे संगठन दूसरे धर्मों की लड़कियों को फुसलाकर उनसे शादी कर इस्लाम कबूल करवाने की साजिश रच रह हैं। 20 वर्षों में केरल का इस्लामीकरण करने का प्लान बना रहे हैं। वो तालिबान के अंदाज में कॉलेजों में हमला कर सकता है।