जीवात्मा क्या है ?जो मनुष्य वेद शास्त्र पढने पर भी आत्मा को नहीं जानता है उन मनुष्यों की स्थिति स्वादिष्ट भोजन की पतीली में कड़छी की भॉति होती है जो स्वादिष्ट भोजन को रखती है परंतु उसे उसके स्वाद का पता नहीं होता | आत्मग्यान से रहित मनुष्य की भी यही अवस्थाएं होती हैं | जो जीवात्मा ईश्वर को प्राप्त करना चाहता है |वह अपने आप को जाने बिना ईश्वर को नहीं जान सकता आत्मा सदा गतिशील रहती है |इसमें कभी बिकार नहीं आता |
बहुत से लेख हमको ऐसे प्राप्त होते हैं जिनके लेखक का नाम परिचय लेख के साथ नहीं होता है, ऐसे लेखों को ब्यूरो के नाम से प्रकाशित किया जाता है। यदि आपका लेख हमारी वैबसाइट पर आपने नाम के बिना प्रकाशित किया गया है तो आप हमे लेख पर कमेंट के माध्यम से सूचित कर लेख में अपना नाम लिखवा सकते हैं।