पटना । विगत 29 से 31 अगस्त तक यहां चली अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संदीप कालिया ने बहुत ही महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि ऐतिहासिक तथ्यों साक्ष्यों और प्रमाणों से अब यह बात पूर्णतया स्पष्ट हो चुकी है कि मक्का और मदीना हिंदुओं की पवित्र भूमि रहे हैं । संस्कृत में मख मेदिनी नामक शब्दों से बने मक्का और मदीना का अभिप्राय यज्ञों की भूमि है । जहां पर कभी 360 हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां हुआ करती थीं और वहां पर विशाल मंदिरों का विध्वंस कर संगे अस्वद या काला पत्थर स्थापित किया गया । जिस पर जाकर विश्व भर के मुसलमान लोग अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं। इससे पता चलता है कि सारा विश्व सनातन मूल्यों के प्रति निष्ठा और श्रद्धा व्यक्त करता है । हिंदुओं की प्राचीन पवित्र भूमि मक्का और मदीना में जाकर हिंदुओं को भी अपनी निष्ठा और श्रद्धा संगे अस्वद या शिवलिंग के प्रति प्रकट करने का अवसर उपलब्ध कराया जाना सनातन मूल्यों की रक्षा के दृष्टिगत अत्यंत आवश्यक है । इसके लिए अखिल भारत हिंदू महासभा केंद्र सरकार से मांग करती है कि वह जिस प्रकार मुसलमानों को हज यात्रा के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराती है वैसी ही सुविधा वह हिंदू समाज को भी उपलब्ध कराए और मक्का मदीना की इस पवित्र भूमि पर स्थापित शिवलिंग को हिंदू समाज के लिए एक पवित्र स्थल घोषित कराने के लिए वैश्विक स्तर पर काम करे ।
श्री कालिया ने कहा कि हम डंके की चोट ‘सीना तान सनातन’ का नया संकल्प लेकर पार्टी को नई ऊर्जा से भरने का काम करेंगे । क्योंकि भारत के सनातन की यदि वास्तविक चिंता किसी संगठन को है तो वह केवल अखिल भारत हिंदू महासभा है । जिस पर हमें नाज है । उन्होंने हिंदू महासभा के लिए प्रदान किए गए अपने नारे की व्याख्या करते हुए कहा कि ‘सीना तान सनातन’ का यह संकल्प पूरे देश में तेजस्वी राष्ट्रवाद की स्थापना करने में सहायक होगा और वीर सावरकर जी के राजनीति का हिंदूकरण और हिंदुओं का सैनीकीकरण करने के संकल्प को पूरा करने में सहायक होगा।
राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री कालिया ने कहा कि हिंदुओं के साथ धार्मिक आधार पर भेदभाव आज भी उसी प्रकार जारी है जैसा 1947 से पूर्व ब्रिटिश सरकार या मुगल शासकों के समय में रहा था। उन्होंने इस बात पर गहरी चिंता व्यक्त की कि आज भी हिंदुओं के मंदिरों पर टैक्स लगाकर उनके उस पैसे से अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों का उद्धार किया जाता है । श्री कालिया ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी से हमें विशेष आशाएं हैं और हम चाहते हैं कि वे धार्मिक आधार पर हिंदुओं के साथ किसी भी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाएं।
श्री कालिया ने कहा कि सनातन इस देश की संस्कृति का मूल आधार है और न केवल इस देश का बल्कि सारे संसार का कल्याण केवल सनातन मूल्यों से ही संभव है ।इसलिए सनातन को वैश्विक धर्म घोषित करने के लिए मोदी सरकार को उसी प्रकार प्रयास करने चाहिए जैसे उन्होंने जैसे उसने योग को अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में स्थापित करने के लिए प्रयास किए थे । श्री कालिया ने कहा कि सनातन मूल्यों के सहारे ही विश्व की प्रक्रिया जीवित रह सकती है ,अन्यथा विश्व का विनाश अवश्यंभावी है।