बहुत पुराना है कुत्ते और मनुष्य का संबंध
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माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कल अपने 68 वे मन की बात कार्यक्रम में जब आत्मनिर्भर भारत की बात की तो उन्होंने कहा हमें सभी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना होगा| उन्होंने pet lovers से आग्रह किया कि भारत के देसी नस्ल के कुत्तों का ही पालन करें भारतीय देसी नस्ल के कुत्ते बेमिसाल है दुनिया में इनकी जबरदस्त डिमांड है| देसी कुत्तों की breeding में बहुत अधिक संभावनाएं हैं|
कुछ लोग सोशल मीडिया पर अंग्रेजी मीडिया में प्रधानमंत्री जी की इस अपील का मजाक उड़ा रहे हैं| ऐसे लोग भारतीय देसी नस्ल के कुत्तों की खासियत से नितांत अपरिचित है| भारतीय देसी नस्ल के कुत्ते जिनमें कुत्तों की कन्नी बंजारा गद्दी भुटिया पहिया मधौल नस्ल शामिल हैं| वह साहस बुद्धिमता मजबूती रोग प्रतिरोधक क्षमता के मामले में दुनिया में अग्रणी है… भारतीय देसी नस्ल के कुत्ते दुनिया के किसी भी माहौल में बहुत तेजी से एडजस्ट हो जाते हैं…. जबकि विदेशी नस्ल के कुत्ते जो किसी एक खास नस्ल से उत्पन्न नहीं है वह दो से तीन नस्लों की हाइब्रिड नस्ल है मौसमी परिवर्तन को सहन नहीं कर पाते स्वास्थ्य त्वचा संबंधी रोग व प्रत्येक महीना उन्हें स्वास्थ्य चेकअप टीकाकरण से गुजरना पड़ता है|
सदियों से भारत के भेड़ बकरी पालन कन्नी नस्ल के कुत्तों को साथ रखते हैं… बड़े गाय भैंस आदि पशुओं के पालक बकरवाल व बंजारा नस्ल के कुत्ते को अहमियत देते हैं| पहाड़ी लोग अपनी सुरक्षा के लिए भुटिया देसी नस्ल के कुत्तों पर ही निर्भर है…. आपदा राहत बचाव कार्य व विस्फोटक आदि सूंघने की क्षमता में भारतीय देसी नस्ल के कुत्तों का कोई तोड़ नहीं है इंडियन आर्मी सुरक्षा बल यह भली-भांति जान चुके हैं अब देसी नस्ल के कुत्तों को सेना सुरक्षा बल Ndrf मैं कुछ वर्षों से प्रशिक्षण दिया जाने लगा है| जिनमें मधौल नस्ल शामिल है|
दिल्ली हरियाणा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जो हम जब खड़े सतर्क कान का देसी कुत्ता देखते हैं यह देसी नस्ल के कुत्तों की परहिया नस्ल है आज तक किसी को इसका नाम तक मालूम नहीं है यह विडंबना ही तो है कोई इसे झबरू तो कोई लालू कालू कह देता है|
कुत्तों को सैन्य प्रशिक्षण व स्पेशल ब्रीडिंग करने वाला भारत दुनिया का पहला देश रहा है| कुछ लोगों को यह सच्चाई हजम नहीं होगी| हम उनसे कहते हैं वह वाल्मीकि रामायण के अयोध्या कांड को खोलिए| दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा| महाराज दशरथ स्वर्ग सिधार जाते हैं राम लक्ष्मण वनवास में हैं राम के अनुज भ्राता भरत इस घटना से अनभिज्ञ वह अपने केकय देश के महाराजा अपने नाना अश्वपति मामा योद्धजीत के राजगृह में छुट्टियां बिता रहे हैं… अयोध्या से राजदूत जाते हैं भरत को शीघ्र अति शीघ्र अयोध्या लौटने का निवेदन करते हैं|
भरत शत्रुघ्न अयोध्या लौटते हैं विदाई में लौटते वक्त उनके मामा युद्धाजित दोनों को उपहार में सुंदर हाथी उत्तम जाति के खच्चर बहुमूल्य वस्त्र आभूषण के साथ-साथ उत्तम नस्ल के देसी कुत्ते भी भेंट करते हैं जिसका प्रमाण यह श्लोक हैं……..|
अन्त:पुरेतिसंवृद्धान् व्याघ्रवीर्यबलान्वितान्|
दंष्टृयुधान्महाकायान्शुनश्चोपायनं ददौ||
(अयोध्या कांड 54 सर्ग श्लोक संख्या 18)
हाथी घोड़ों के अतिरिक्त अंत: पुर में पले हुए भीमकाय और बल वीर्य में व्याघ्र के तुल्य बड़े बड़े दांत वाले बहुत से कुत्ते भी भरत को भेंट किए गए|
वाल्मीकि रामायण का यह प्रसंग सिद्ध करता है भारत में कुत्तों का पालन प्रशिक्षण प्राचीन काल से होता रहा है| आज हमारी मूर्खता से देसी नस्ल की 50 से अधिक कुत्तों की वैरायटी थी हमारे देश में जिनमें अब केवल 10 से कम ही बची है| वर्ष 2016 से ही विदेशी नस्ल के कुत्तों का इंपोर्ट वह ट्रेडिंग प्रतिबंधित है फिर भी चोरी छुपे उनका व्यापार होता है| ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी जी आत्मनिर्भरता भारत के तहत देसी नस्ल के कुत्तों की नस्ल को बचाने के लिए संजीवनी दे रहे हैं तो लोगों को क्या आपत्ति है?
आत्मनिर्भर भारत के तहत देसी नस्ल के कुत्तों की ब्रीडिंग उनका पालन होना चाहिए देसी नस्ल के कुत्तों का खानपान देख रेख पर बहुत कम धनराशि खर्च होती है जबकि विदेशी नस्ल के कुत्ते पालने का मतलब है हाथी पालना… जिनमें लैबराडोर जर्मन शेफर्ड ग्रेट डेन Rottweiler जैसी नस्ल शामिल हैं |जिनमें सांस त्वचा के रोग बहुत जल्दी आ जाते हैं|
आत्मनिर्भर भारत के तहत देसी नस्ल के कुत्तों को लेकर मोदी जी के अपील संजीवनी का काम कर सकती है देसी नस्ल के कुत्तों को बचाने के लिए|
आर्य सागर खारी✍✍✍