*हरियाणा हिसार की भूमि पर विधिवत पूर्णाहुति के साथ संपन्न हुआ 101 कुंटल घी के विराट गायत्री महायज्ञ का वैदिक अनुष्ठान* |
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मैंने अपने तीन दशक के जीवन में आज तक ना इतना विशाल विराट यज्ञ देखा है ना सुना था लेकिन प्रभु कृपा से इसी जीवन में यह अभिलाषा पूर्ण हो गई यद्यपि कोरोना वैश्विक महामारी के कारण सशरीर में इस में उपस्थित ना हो पाया फेसबुक लाइव आदि के माध्यम से आचार्य सूर्य देव वेदांशु जी की कृपा से इस विशाल अनुष्ठान का वर्चुअल साक्षी मैं प्रत्येक दिवस बना रहा | कोरोना वैश्विक महामारी के खात्मे भारत राष्ट्र की शांति सुरक्षा संपूर्णता खुशहाली के लिए किए किए गए इस महा अनुष्ठान कि आज पूर्णाहुति हुई| दिल्ली से 200 किलोमीटर दूर हिसार हरियाणा की पवित्र भूमि जो इस महायज्ञ के सफल अनुष्ठान के कारण और अधिक अधिक पवित्र पवित्र हो गई है| इस विशाल महायज्ञ में शुद्ध 101 कुंटल देसी घी से आहुतियां अर्पित की गई… जी हां सही पढ़ा आपने 101 कुंटल की अर्थात 10,100 kg शुद्ध घी प्रयोग में लाया गया| 150 कुंतल से अधिक शुद्ध मेवा मिष्ठान जड़ी बूटियों से युक्त सामग्री प्रयोग में लाई गई|
300 दिवस से अधिक चले इस यज्ञ में प्रातः शाम प्रतिदिन 900 गायत्री मंत्र पाठ से आहुतियां दी जाती थी| प्रति दिन 30 किलो घी व 40 किलो सामग्री इस विशाल यज्ञ में लगती थी|
यदि मैं कहूं तो इस कथन में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी शायद ही महाभारत काल के पश्चात राम कृष्ण ऋषि-मुनियों की भारत भूमि पर इतना विशाल अनुष्ठान हुआ हो केवल और केवल यज्ञ के मामले में|
इस विशाल अनुष्ठान में एक करोड़ से अधिक की धनराशि लागत स्वरूप लगी है जिसका सारा खर्चा हिसार के यज्ञ अनुष्ठान व दान के मामले में आधुनिक जनक पालेराम गुर्जर जी ने वहन किया है| इस विशाल अनुष्ठान में मंत्र पाठ बहुत ही मधुर गंभीर शैली में आर्य समाज मॉडल टाउन हिसार के विद्वान आचार्य पुरोहित सूर्य देव वेदांशु जी ने किया| ऐसे विशाल यज्ञ का सफल आयोजन करना कोई साधारण कार्य नहीं है इस आधुनिक युग में जब अधिकांश लोग अपनी संस्कृति से विमुख रहे हैं,बड़ी-बड़ी धार्मिक संस्थाएं भी ऐसा आयोजन नहीं करा पाती | सचमुच पाले राम गुर्जर जैसे यज्ञ प्रेमी दानवीर आधुनिक जनक कोटि कोटि अनेकों अनेक प्रशंसा साधुवाद के पात्र हैं|
नीचे चित्रों में जो लंबी कद काठी के पीली टी-शर्ट में नजर आ रहे हैं यही आदरणीय पालेराम गुर्जर है|
आप सभी को सादर नमस्ते!
*आर्य सागर खारी* ✍✍✍