कहा : इतिहास के तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करना ओवैसी की पुरानी आदत
कटक ( विशेष संवाददाता ) । हिंदूवादी नेता और अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्याम सुंदर पोद्दार ने कहा है कि मुस्लिमपरस्त राजनीति के लिए मशहूर हो चुके असदुद्दीन ओवैसी इतिहास के तथ्यों के साथ खिलवाड़ करने के पुराने खिलाड़ी हैं। उन्होंने कहा कि ओवैसी का यह कथन पूर्णतया भ्रामक है कि दिल्ली के इंडिया गेट पर जिन 95300 सेनानियों का नाम लिखा है उनमें 61395 मुसलमान, 8050 सिक्ख ,14480 पिछड़े , 10777 दलित, 598 सवर्ण व संघियों की संख्या शुन्य है।
श्री श्याम सुंदर पोद्दार ने कहा कि ओवैसी के द्वारा बताई गई उपरोक्त सूचना पूर्णतया गलत है , क्योंकि दिल्ली के इंडिया गेट पर जिन सैनिकों के नाम लिखे हैं वह सैनिक स्वतंत्रता सेनानी वह सैनिक है जो प्रथम विश्व युद्ध में अंग्रेजों की ओर से लड़े थे। श्री पोद्दार ने कहा कि 1939 तक भारत की सेना में मुस्लिमों की प्रतिशतता 68% और हिंदुओं की 32% थी। 1939 के पश्चात इस स्थिति में परिवर्तन आया। अंग्रेजों की नई सैनिक नीति के अंतर्गत 68 परसेंट हिंदू और 32% मुसलमानों को भारतीय सेना में स्थान दिया गया।
श्री पोद्दार ने कहा कि यही वह समय था जब हिंदू महासभा के नेता वीर सावरकर राजनीति का हिंदूकरण और हिंदुओं का सैनीकीकरण का नारा दे रहे थे । उनके प्रयासों से यह संभव हो पाया कि अधिक से अधिक हिंदू फौज में भर्ती हुए और सारी व्यवस्था को उन्होंने बदल दिया । सावरकर जी की इस योजना के फलस्वरूप जब 1947 में देश को आजादी मिली । क्योंकि 1945 में युद्ध समाप्त होने के पश्चात जब अधिकांश सैनिक बेरोजगार होकर घर बैठ गए तो उनके भीतर अंग्रेजी सरकार के विरुद्ध आक्रोश पैदा हुआ । इनमें से बहुत से सैनिक युद्ध के दौरान ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस से मिल लिए थे। जबकि बहुत बड़ी संख्या ऐसे सैनिकों की थी जो युद्ध के उपरांत अंग्रेजों के विरुद्ध कार्य करने लगे। इतना ही नहीं भारतीय हिंदू सैनिक अब अंग्रेजों के विरोध में उतरने लगे बाद में लार्ड एटली ने यह बात स्वीकार की थी कि हम भारतीय सेना में फैल रहे विद्रोह की संभावना के दृष्टिगत भारत को छोड़कर भागे थे। ऐसे में ओवैसी जैसे लोगों को अपनी बुद्धि ठीक करनी चाहिए और तथ्यों को सही ढंग से समझने और प्रस्तुत करने की कोशिश करनी चाहिए ।