नई दिल्ली: पाकिस्तान के शासक चाहे कितने ही ना करें लेकिन उनकी फितरत बदलने वाली नहीं है । कश्मीर को लेकर दुनिया के हर मंच पर मुंह की खाई इमरान खान भी इसी मिट्टी के बने हैं , उनकी फितरत भी विश्वास करने योग्य नहीं है । दुनिया भर में आतंक की पौध तैयार करने के लिए मशहूर हो चुके पाकिस्तान और उसके हुक्मरान अभी भी इस बात से बाज आने को तैयार नहीं हैं कि दुनिया को आतंकवाद से मुक्त करने में पाकिस्तान वास्तविक प्रयास करे। अब इमरान खान एक बार फिर आतंक की नई पौध तैयार करने में जुट गऐ हैं। अफगानिस्तान में जारी अमेरिका और तालिबान की शांति वार्ता के कामयाब होने की खबर जैसे-जैसे पुख्ता होते जारी है, वैसे-वैसे आतंकी आकाओं का ब्लडप्रशेर बढ़ रहा है। इमरान खान की ISI ने अब नया तालिबान बनाने की तैयारी शुरू कर दी है।
पूरी दुनिया में लोग कोरोना के खिलाफ जंग में अपना सबकुछ झौंके हुए हैं और एक पाकिस्तान है, जो आतंक की नई पौध तैयार करने में लगा है। अफगानिस्तान के खुफिया सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की ISI चाहती है कि तालिबान की जगह अब कोई नया संगठन बनाया जाए। क्योंकि अगर अफगानिस्तान में जारी अमेरिका और तालिबान के बीच की शांति वार्ता सफल हो जाती है तो फिर पाकिस्तान दहशतगर्दी के अपने मंसूबे में कामयाब कैसे होगा।
जानकारी के मुताबिक, ईद के मौके पर जब अफगानिस्तान के राष्ट्रपति से पीएम मोदी की फोन पर बातचीत हुई तो अशरफ गनी ने भी इस चिंता को साझा किया था कि पाकिस्तान अफगानिस्तान के बेहतर होते हालात के खिलाफ ये हिमाकत करने की साजिश रच रहा है। इसके अलावा अफगानिस्तान में मौजूद भारतीय राजदूत से भी वहां के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने इस बारे में बात की है।
भारतीय खुफिया ऐजेंसी रॉ के पास भी 2019 से ही ऐसी जानकारी है कि अमेरिका तालिबान शांति वार्ता के कामयाब होने के बाद से कश्मीर में आतंकियों की तादाद और दहशतगर्दी को बढ़ाने की साजिश पाकिस्तान में चल रही है। बड़े पैमाने पर भारतीय युवाओं को भड़का कर उन्हें तालिबान में शामिल किया जा रहा है। NIA के पास इस बात के सबूत है कि 2016 में गर्भवती पत्नी के साथ लापता हुआ भारतीय युवक अफगानिस्तान के सेंट्रल प्राविंस नानगरहर के धमाके का आरोपी है, जिसने विस्फोटकों से भरे वाहन के जरिए आत्मघाती धमाका किया था। इस आत्मघाती हमलावर का नाम अबु रबाहा अल मुजाहिर है, जो केरल के कासरगोड का रहने वाले हो सकता है।
इराक में IS के उन 11 हमलवारों में 3 भारतीय युवक भी शामिल थे, जिन्होनें इस अटैक की प्लानिंग की थी। खास बात ये है कि इसमें से 3 भारतीय युवक थे। इन 11 हमलावरों में से 4 ताजिक्सतान के युवक, 3 भारतीय, 3 अफगानी और 1 पाकिस्तानी मूल के आतंकी हैं। मतलब पाकिस्तान किसी भी कीमत पर बाज आने को तैयार नहीं। अफागानिस्तान और भारत में दहशत फैलाने के लिए अब वो नए हमलावर और संगठन तैयार कर रहा है। वैसे भी जो संगठन अतंरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम होते हैं, उनके नाम बदलकर खौफ का धंधा करना पाकिस्तान की पुरानी आदत है। लेकिन इस बार वो बेनकाब हो चुका है और अफगानसितान भारत अमेरिका से लेकर पूरी दुनिया उसके आतंकी मंसूबे से पूरी तरह वाकिफ है।