कहा जाता है कि जब सियार का बुरा समय आता है तो वह जंगल से गांव की ओर भाग लेता है । पाकिस्तान की हालत भी इस समय कुछ ऐसी ही हो चुकी है । अपने भीतरी हालातों से टूटा हुआ आतंकवादी गतिविधियों को संरक्षण और प्रोत्साहन देने वाला यह देश संसार के लिए भस्मासुर बन चुका है । इस्लामिक देशों का नेता बनने की चाह में इसने आतंकवाद सप्लाई की फैक्ट्री अपने यहाँ स्थापित की । अब उसी का परिणाम सामने आता देखकर इसे अपनी स्वयं की छाया से ही भय लगने लगा है। चीन की शह और चालबाजी में फंसे पाकिस्तान को अब अपने अस्तित्व का भी ध्यान नहीं है । यही कारण है कि वह चीन के इशारे पर बिल्कुल वैसे ही काम करता जा रहा है जैसे अभी तक नेपाल ने किए हैं । जी हां , जैसे नेपाल ने विवादित नक्शा जारी कर भारत के साथ विवाद बढ़ने की चेष्टा की , वैसे ही पाकिस्तान ने भी अब विवादित नक्शा जारी कर भारत के साथ विवाद बढ़ाने की कोशिश की है।
नेपाल की राह पर पाकिस्तान भी चल पड़ा है. पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने विवादित नक्शे को मंजूरी दी है. नक्शे में पाकिस्तान ने कश्मीर को अपना बताया है. पहले पाकिस्तान सिर्फ पीओके को अपना हिस्सा बताता था, लेकिन अब नए नक्शे में कश्मीर को शामिल किया गया है. पाकिस्तान ने नए नक्शे से लद्दाख, सियाचिन समेत गुजरात के जूनागढ़ तक पर दावा ठोका है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसे पाकिस्तान के इतिहास में सबसे ऐतिहासिक दिन करार दिया. विवादित नक्शे को मंजूरी इमरान खान की कैबिनेट में मिली. कैबिनेट बैठक के बाद इमरान खान ने नया पॉलिटिकल मैप जारी किया. नक्शे में कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा बताया गया है।
पाकिस्तान से पहले नेपाल ने भी ऐसा ही कारनामा किया है. उसने भी विवादित नक्शे को मंजूरी दी, जिसमें भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को शामिल किया गया. नेपाल ने विवादित नक्शा 20 मई को जारी किया था, जिसे वहां की संसद ने मंजूरी भी दे दी है. इस विवादित नक्शे को वो अब संयुक्त राष्ट्र संगठन (UNO) और गूगल सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भेजने की तैयारी कर रहा है।
पाकिस्तान ने ये विवादित नक्शा जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटने के एक साल पूरा होने के ठीक एक दिन पहले जारी किया है. बता दें कि पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाने का मोदी सरकार ने एतिहासिक फैसला लिया था. भारत के इस कदम के बाद पाकिस्तान की बौखलाहट भी देखी गई थी. वो दुनिया के सामने गुहार भी लगाया था. और अब अपने देश की जनता को खुश करने के लिए उसने नया नक्शा जारी किया है. इस बीच, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि नए नक्शे को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है।
ऐसे में केवल एक ही निष्कर्ष निकलता है कि पाकिस्तान इस समय अपनी धुनाई चाह रहा है और धुनाई भी ऐसी चाह रहा है कि जिसमें उसका अस्तित्व समाप्त हो जाए । उसे नहीं पता कि उसके भीतर बलूचिस्तान और सिंध प्रांत सहित पीओके को भी अलग करने की मांग कितनी तेजी से उठती जा रही है ? यदि उसके भीतर उठने वाली विखंडन की यह मांगे पूरी हो गई तो पाकिस्तान नाम का कोई देश विश्व के नक्शे पर दिखाई नहीं देगा । भारत सरकार को भी चाहिए कि अब वह पाकिस्तान को उसकी सही ‘खुराक’ दे दे , क्योंकि इस देश को खुराक मिले बहुत लंबा समय हो चुका है।
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