राष्ट्रभक्ति और मानवीय संवेदनाओं की बयार से ओतप्रोत रही काव्य गोष्ठी : काव्य और सामाजिक चेतना पर विद्वत जनों ने किया गंभीर चिंतन मंथन
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अजय आर्य / नई दिल्ली
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“ काव्य और सामाजिक चेतना ” विषय पर देव चेतना परिवार द्वारा आयोजित वेबीनार काव्य गोष्ठी में विद्वत जनों ने साहित्य जगत में काव्य की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्तर पर कवि एवं कवित्रियों ने विशेष रचनाओं का काव्य पाठ कर कार्यक्रम में शमा बांध दिया। कार्यक्रम का संयोजन वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार राकेश छोकर ने तथा कुशल संचालन वरिष्ठ लेखिका एवं प्रमुख पर्यावरणविद डॉक्टर संजीव कुमारी ने किया।
इस महत्वपूर्ण वेबिनार काव्य गोष्ठी में बोलते हुए वरिष्ठ साहित्यकार एवं इतिहासकार ईशम सिंह चौहान ने कहा कि काव्य की विधाओं बगैर साहित्य की कल्पना नहीं की जा सकती। आदिकाल से ही काव्य के माध्यम से मानवीय संवेदनाओं का संप्रेषण हुआ। आज साहित्य में काव्य का अस्तित्व सिरमौर है। हर काल में रचनाकारों ने उत्कृष्ट काव्य सर्जन से जगहित में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। इस अवसर पर उन्होंने श्रेष्ठ कविताओं का वाचन भी किया। कार्यक्रम में देव चेतना के संपादक डॉक्टर मोहन लाल वर्मा ने कहा कि सामाजिक सरोकारों को जीवंत रखने में काव्य सृजनात्मकता की महत्वपूर्ण भूमिका है। कवि हृदय रचनाकारों ने सार्वभौमिकता को सहजता के साथ साहित्य पटल पर उतार कर अंधेरी दुनिया को प्रकाशित किया है।
वरिष्ठ इतिहासकार एवं साहित्यकार डॉ राकेश कुमार आर्य ने कहा कि युगो युगो से काव्य के माध्यम से मानवीय भाव साहित्य में रचे जाते रहे। वास्तव में साहित्य का अस्तित्व काव्य बगैर है ही नहीं। उन्होंने इस अवसर पर राष्ट्रभक्ति की बयार से ओतप्रोत एक विशेष रचना सुनाकर उपस्थित जनसमूह को भाव विभोर कर दिया।कार्यक्रम में वरिष्ठ कवियत्री अनुराधा अच्छवान दिल्ली, ने मानवीय रिश्तो पर अपनी रचना सुनाकर बहुत कुछ सोचने को मजबूर कर दिया। वैशाली गुप्ता सहारनपुर, ने सामाजिक एकता ,अखंडता और भारत की बहुरंगी संस्कृति पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। प्रसिद्ध गीतकार शैलेंद्र कुमार ,बोकारो बिहार, ने गीता उपदेश और प्राचीन संस्कृति की महत्ता पर काव्य पाठ कर मानवीय संदेश देने का काम किया। जितेंद्र पांडे उत्तेजित सहारनपुर, ने भाई बहन के रिश्तो की कसौटी को राष्ट्रभक्ति से जोड़कर अनमोल रचनाएं सुनाई। सुरभि भाटी दिल्ली, बेबी सानवी पानीपत ने भी अपनी विशेष रचनाओ से मंत्रमुग्ध किये रखा। संचालन के दौरान डॉक्टर संजीव कुमारी ने हरियाणवीं कविता सुनाकर सभी को हर्षित कर दिया।अंत में कार्यक्रम के संयोजक राकेश छोकर ने सभी प्रतिभागियों का आभार जताया।