अजय कुमार
अगस्त को लेकर चिंता इसलिए भी है क्योंकि खुफिया एजेंसियों ने 05 अगस्त को अयोध्या में भूमि पूजन के समय आतंकवादी हमले की रिपोर्ट दी है। आतंकी हमले की साजिश के इनपुट के बाद सुरक्षा एजेंसियां अयोध्या को अभेद्य किले में बदलने में लग गई हैं।
अगस्त का महीना आमजन के लिए जहां तमाम खुशियां लेकर आएगा, वहीं खुशियां मनाते समय किसी तरह की लापरवाही की तो चुनौतियां भी कम नहीं होंगी। क्योंकि कोरोना महामारी का संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। कुछ एजेंसियां भी कह रही हैं कि उत्तर प्रदेश में अभी कोरोना का पीक आना बाकी है और यह पीक टाइम 21 अगस्त के आसपास का होगा। पहली अगस्त को बकरीद है। तीन को रक्षाबंधन, पांच को अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर भूमि पूजन होना है जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित तमाम नेता भी अयोध्या आएंगे और इसके बाद 11 अगस्त को जन्माष्टमी एवं 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। ऐसे में शासन-प्रशासन एवं पुलिस के सामने भी कम चुनौती नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बकरीद, रक्षाबंधन, पांच अगस्त को अयोध्या में भूमि पूजन, इसके बाद जन्माष्टमी और स्वतंत्रता दिवस को ध्यान में रखते हुए जिलों में विशेष सजगता व सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। योगी ने जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से कहा है कि शरारती और अराजक तत्वों पर नजर रखी जाए। कोविड के प्रोटोकाल का पालन करते हुए त्योहार मनाए जाएं। बकरीद और रक्षाबंधन पर कोई सार्वजनिक आयोजन नहीं हो। लोग घरों में रह कर ही त्योहार मनाएं।
अगस्त को लेकर चिंता इसलिए भी है क्योंकि खुफिया एजेंसियों ने 05 अगस्त को अयोध्या में भूमि पूजन के समय आतंकवादी हमले की रिपोर्ट दी है। आतंकी हमले की साजिश के इनपुट के बाद सुरक्षा एजेंसियां अयोध्या को अभेद्य किले में बदलने में लग गई हैं। बाहरी लोगों के साथ ही स्थानीय नागरिकों को पहचान पत्र दिखाने के बाद आने-जाने की इजाजत दी जा रही है। जिला प्रशासन ने होटलों और धर्मशालाओं में बाहरी व्यक्तियों के रूकने पर पाबंदी लगा दी है। मंदिर निर्माण के भूमि पूजन पर नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले संवर रही अयोध्या में सुरक्षा की दृष्टि से खुफिया एजेंसियां और पुलिस कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती है। जल, थल और नभ से सुरक्षा व्यवस्था की निगहबानी शुरू कर दी गई है। नगर में प्रवेश करने के साथ ही विभिन्न चरणों में सघन चेकिंग के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है। परिसर के आसपास व प्रधानमंत्री के संभावित दौरे वाले स्थलों पर कई प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैं। सरयू नदी पर भी पुलिस की टीम तैनात कर दी गई है। खुफिया एजेंसी रॉ ने अयोध्या पर 5 अगस्त को आतंकी हमले का इनपुट दिया था। इसके बाद जिले की सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। स्थानीय नागरिकों और बाहरी व्यक्तियों को पहचान पत्र दिखाने के बाद आने जाने की अनुमति दी जा रही है। सीमाओं को भूमि पूजन के दिन सील कर दिया जाएगा।
अलर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने आतंकी हमले की पूरी योजना तैयार की है, इसके तहत लश्कर और जैश के आतंकियों को अफगानिस्तान में भेजकर विशेष ट्रेनिंग कराई गई है। मिली जानकारी के अनुसार, इन आतंकवादियों को तीन से पांच आतंकवादियों के ग्रुप में अलग-अलग भारत भेजा गया है। आईएसआई ने इन आतंकियों को अलग-अलग हमला करने का फरमान सुनाया है ताकि इसे भारत का आंतरिक मामला बताया जा सके। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष रूप से अयोध्या पहुंच रहे हैं। इसके अलावा बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार और आरएसएस के कई नेताओं सहित कई धार्मिक शख्सियतों के भी कार्यक्रम में उपस्थित रहने की संभावना है।
खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार वीआइपी भी आतंकी संगठनों के निशाने पर बताए गए हैं। खुफिया एजेंसियों की इस रिपोर्ट के बाद अयोध्या, जम्मू और कश्मीर तथा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विशेष सुरक्षा दल तैनात करने के निर्देश दिए हैं। खुफिया इनपुट के अनुसार, राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम के अलावा 15 अगस्त के स्वतंत्रता दिवस समारोह और अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने की वर्षगांठ के मौके पर भी आतंकी हमला हो सकता है। जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने की वर्षगांठ भी पांच अगस्त को ही है।