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नाबालिग बच्चों का शोषण करने वाले देबू मुखर्जी के खिलाफ हिंदू महासभा ने खोला मोर्चा : कहा – अपराधियों को जेल पहुंचा कर ही दम लेंगे

जमशेदपुर । ( संवाददाता ) अखिल भारत हिंदू महासभा की झारखंड प्रदेश महिला सभा की अध्यक्ष इंजीनियर सुश्री सरस्वती महतो ने देबू मुखर्जी जैसे उन व्यक्तियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है जो नाबालिग बच्चों का शोषण करते रहे हैं और अमानवीय कार्यों को करने में तनिक भी डरे नहीं । इस मामले में सुुश्री सरस्वती महतो ने कहा कि अपराधियों को जेल के भीतर पहुंचा कर ही दम लेंगे , क्योंकि समाज के खिलाफ अपराध करने वालों का सही स्थान चयन है ।अभी पिछले दिनों शहर में हुई एक बच्चे की निर्मम हत्या को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं । इस संबंध में हिंदू महासभा की महिला महासभा की अध्यक्ष ने मृतक बच्चे की बहन से मुलाकात की तो रोंगटे खड़े करने वाले कुछ तथ्य सामने आए ।

उन्होंने बयान जारी कर कहा है कि अंजलि महानंद अपने भाई की मौत के एकदम बाद बहुत डर गई थी और उसके साथ जो गलत होता था वो वह नहीं बोल पाई। लेकिन बाद में अंजलि ने वो सारी घटनाए बताई जो वो 3 साल से सह रही थी । वो इसलिए क्यूंकि देबु मुखर्जी उसके घरवालों को जान से मार देने की धमकी देता था । जब वो 9 साल की थी तब वो देबु मुखर्जी के घर नौकरानी का काम करने गई थी। उसके बाद से रोज उसके साथ शोषण होता रहा । उसके शरीर में गलत जगह पर देबु मुखर्जी छूता था और विरोध करने पर उसे बहुत मारता था । ये बातें घरवालों को ना बताने की धमकी देता था । उसे वहां रोज बचा – खुचा व बासी भोजन दिया जाता था । ना कभी कोई स्कूल में दाखिला करवाया गया ।
रात के 12 बजे उठा दिया जाता था और कोई भी काम करने के लिए और अगर वह दिन भर की थकावट के कारण उठ नहीं पाती थी तो डंडों से खूब मारा जाता था । वहां उससे 24 घंटे काम करवाया जाता था । एक बंधुआ मजदूर की तरह जिंदगी थी उसकी ।
हिंदू महासभा के नेतागण ने बताया कि ये सारी घटनाए सुनने के बाद हम लोग उसको लेकर महिला थाना गये । लेकिन वहां बोला गया कि इसके घर का FIR पहले ही कदमा थाने में है तो आप लोग वहां जाए । हम लोगों ने एसएसपी को फोन किया उन्होंने फोन नहीं उठाया ।
फिर हम लोग डी एस पी पीएसआर से मिलने गए ।
वहां काफी देर धूप में खड़े रहे , अंदर मीटिंग चलती रही । फिर कुछ जोर से हम लोगों ने कहा कि आप लोगों की मीटिंग शाम 4 बजे तक चलती रहेगी तो क्या हम लोग धूप में यूं ही खड़े रहेंगे । एक महिला न्याय के लिए महिला थाना में आई है , वहां सुनवाई नहीं हो रही है तो आप यहां सुने ।
लगता है डीएसपी साहब के ऑफिस का दरवाजा थोड़ा सा किसी के आने जाने से खुला था और यह आवाज उन तक पहुंच गई ।तब उन्होंने हम लोगों को कहलवाया कि ठीक है एक आदमी अंदर जा सकता है ।
तब केवल अंजली महानंद जो 12 साल की है , उसे भेजा गया और उससे उन्होंने बातचीत करके कहा शायद फोन भी कदमा थाना के बड़ा बाबू को उन्होंने किया और अंजलि महानंद को कहा गया कि कदमा थाना जाएं वहां आपकी कंप्लेंट ले ली जाएगी ।
फिर हम लोग कदमा थाना गए तो जो रिसीविंग देने वाले थे वो बोले मै नहीं दे सकता रिसीविंग बड़ा बाबू देंगे ।
महिला महासभा के अध्यक्ष ने कहा कि हम लोगों ने बड़ा बाबू का काफी देर तक इंतजार किया । लगभग आधे घंटे तक । जब वे नहीं आए तब फिर उनको फोन किया गया । और उनसे आग्रह किया कि अंजलि महानंद के द्वारा जो शिकायत दर्ज करवाई जा रही है , उसे ले लिया जाए ।
उन्होंने कहा कि एक ही परिवार का मामला है । एक परिवार के द्वारा एक f.i.r. दूसरे परिवार पर की गई है और उसी परिवार के द्वारा दूसरी f.i.r. उसी परिवार के व्यक्ति पर नहीं की जा सकती है ।
हमने उनको कहा कि अंजलि महानंद का मामला अलग है । अंजलि महानंद का मामला पोस्को एक्ट एवं जेजे एक्ट 75 में आता है । पहले वाले मामले में क्योंकि यह धाराएं नहीं लगी हुई है और ना ही अंजलि बयान ठीक से दे पाई थी अतः फिर से उसका बयान लिया जाए तब उन्होंने कहा कि यह बाद में देखेंगे और उन्होंने यह भी कहा था कि हम लोग कल गए थे मतलब 1 दिन पहले 22 जुलाई को तो उस समय यह बात क्यों नहीं बताई । हमने उनको बताया भी कि वह इतनी डरी हुई है कि उसको कुछ समझ में नहीं आया और बच्ची भी है । इस पर आप लोगों को सहयोग करते हुए पीड़िता के पक्ष में न्याय दिलवाने के लिए उचित कार्रवाई करनी चाहिए । इतनी बात उनसे हो पाई मामला कुछ भी सही तरीके से नहीं देखता देख हम लोग फिर वहां से चले आए ।
इस मामले की बातचीत के समय में और महिला थाना जाना , डीएसपी पी सी आर अरविंद कुमार जी से मिलना और फिर कदमा थाना जाना इन सारे समय में हिंदू महासभा के लोगों के अलावा आशु महानंद के पिता श्याम महानंद उनकी पत्नी मतलब आशु महानंद एवं अंजलि महानंद की मां , और इन बच्चों के चाचा , चाची , भाई आदि ये सारे लोग वहां गए थे । इन सारी घटनाओं को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस की कार्यवाही में अब यह होना चाहिए कि अंजलि महानंद का बयान दर्ज करके कार्रवाई की जाए और इस मामले को अलग से दर्ज किया जाए या अगर पुलिस के अनुसार उसी मामले में जोड़ा जाना है तो उसी मामले में जोड़ा जाए ।
हमारी मांग है कि दलित व अनुसूचित जाति की अंजलि महानंद को न्याय मिले , ऐसी कार्रवाई अविलम्ब की जाए ।यह जानकारी अखिल भारत हिंदू महासभा की झारखंड प्रदेश महिला सभा के द्वारा जारी की गयी एक विज्ञप्ति में दी गई है ।

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