आखिर शरीर के इतने पार्ट्स आते कहां से हैं ?
( यह लेख हमें आर्य जगत के सुप्रसिद्ध विद्वान और लेखक श्री मनमोहन आर्य जी द्वारा प्रेषित किया गया है । इसके लेखक अज्ञात हैं । पाठकों के ज्ञान वर्धन के लिए यह लेख यहां पर यथावत प्रस्तुत किया जा रहा है :– समाचार संपादक )
अगर आप के पास 5 मिनट का ‘शांत समय’ हो तो ही पढिये..
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क्या आप जानते है। बॉडी पार्ट्स आते कहाँ से है??
कैसे जरूरत के हिसाब से अंगदान नही होता,
अब आप 40 लाख देकर किडनी बदलवा देते हो,
अब पैसे दिए हो तो 16-25 आयु के आसपास की मजबूत किडनी ही लगाएगा डाॅक्टर…
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आखिर *बॉडीपार्ट्स कहाँ से आते है…?? मुर्दाघरो में पड़ी लाशो से या एक्सीडेंट में मरने वालो से…??
_ये पर्याप्त नही होती और 16-25 के लड़के ज्यादातर नशा करके अपने ज्यादातर पार्ट खराब कर चुके होते हैं…
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एक जगह है…!! और वो है…
भारत में मिडिल क्लास फैमिली की लडकियां…!!
ये लडकियां सिगरेट, गुटखा या शराब नही यूज करती और बॉडी को मेंटेन रखती हैं…,
इनके दात, हड्डी, आँते, चमडा़, क्रेनियम, लीवर, किडनी, हृदय सब सही और ट्रांसप्लांट के लिए परफेक्ट होता है…
लव जिहाद का एक पहलू यह भी है…
इन लडकियों में “लवबग” डालकर इनको कहीं भी ले जाना आसान होता है…
*लावबग* का मतलब है *दिमाग मे *प्रेम-प्यार का कीड़ा*
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इसीलिए *दिसम्बर में केदारनाथ, PK जैसी लव जिहाद प्रोमोटिंग फिल्मे* आती हैं..
दिसम्बर में *फ़िल्मी हीरोटाइप राज, करन, राहुल टाइप, अब्दुल, सलीम, जावेद जैसे आशिक घूमना शुरू करते हैं…
“ये बंदे कोई *लवर* नही बल्कि *प्रोफेशनल क्रिमिनल* होते हैं,,
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हर साल फरवरी के अंत तक मिडिल क्लास फैमिली की 2 से 4 लाख लडकियां घर से गायब हो जाती हैं…
व्यौरा दिया जाता है कि…
*आशिकी में घर से भाग गयी..,*ना तो कोई *केस* बनता है, ना कोई *खोजता* है…
अंत में उनका *एक बाल तक नही मिलता…
*जरा सोचिये, *ये लडकिया कहाँ पहुँच जाती है??*
आप अच्छी तरह समझ सकते हो,
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जैसे ही कोई *लव जिहादी* पकड़ा जाता है,
*नेता और मिडिया* इसमें *फुदकना शुरू* कर देते हैं.
असल में पहले तो *इन बच्चियों का भरपूर शारीरिक शोषण किया जाता है उसके पश्चात हत्या कर दी जाती है और अंग व्यापार से इनकी कमाई होती है..
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अभी आप गूगल पर ‘ *Black market price of human body parts* सर्च करके अंगो के भाव देखिएगा..
फिर *Organ Transplant Rate in India* सर्च करके अंग प्रत्यारोपण का खर्च देखना…
“अगर एक *लडकी की बॉडी को ढंग से खोले, और प्रत्यारोपण योग्य अंगों की सही कीमत लगे तो कम से कम 5 करोड़ आराम से* मिल जाता है,,
इसीलिए *लव जिहाद और मानव तस्करी पर ना तो कभी कोई कानून बनता है, और ना ही कोई बनने देता है…
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एक बात और :—
*कभी भी किसी नेता या बिजनेसमेन की बेटी घर से नही भागती/गायब* होती है…
*हमेशा वही लडकिया गायब होती हैं, जिनके परिवार की कोई राजनितिक या क़ानूनी Approach/पकड़ नही* होती..
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2015 में UP से *4000 लडकिया गायब* हुई थी, केवल *ह्यूमन ट्रैफिकिंग* से बचने के लिए ही *Anti-Romio Squad* बनाया गया था,
जिसका *नेताओ, मिडिया और बिना दिमाग वालों ने भरपूर विरोध* किया था,,
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माना कि हमारी लाड़ली बहिन बेटियां *सब जानती* हैं,
लेकिन *क्रिमिनल मार्केटिंग* और *अंग प्रत्यारोपण* के लिए *सही और असली अंग आते कहाँ से हैं..
ये नही जानती,,
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अपनी बहिन बेटियों का ध्यान दें, क्योंकि,
*जो बाहर हो रहा है, वो हमारे घर में कभी भी हो सकता है..
कृपया, पढ़कर अपने संपर्क में सभी को शेयर कीजिये जिससे *किसी की बहन-बेटी इस तरह के षड़यंत्र का शिकार ना हो!
ध्यान रहे कि *यत्र नार्यास्तु पुजयन्ते, रमन्ते तत्र देवता:* का श्लोक केवल हिन्दुओं पर लागू होता है, गैर हिन्दुओं पर नहीं.
मेरा अभिप्राय आप भलीभांति समझ गए होंगे..
घर में, दोस्तों में, *चर्चा करने मेँ शर्माएं नहीं*
हमारी *तथाकथित बेशर्मी* किसी परिवार की *इज्जत* और *बहिन-बेटी की अनमोल जान* बचा सकेगी
आइये हम अपना *नैतिक दायित्व* निभाएं!
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( बच्चियों को छूट तो दे-लेकिन खतरों से भी आगाह करे)
🙏🙏🙏🙏 🙏