पिछले दिनों जब मेरा चेनल truth wisdom 2008 के नाम से बना था जिसका पहला वाक्य यही था | इसके बाद सुदर्शन न्यूज़ चेनल में आया डॉ0 जाकिर नाईक का पर्दा फाश |
इस विडिओ को आप लोग जरुर देखना, सिजमें सुरेश चौहान के जी ने चिल्ला चिल्ला कर कहा जाकिर नाईक साहब अगर आप मेरे चेनल में आते हैं तो स्वागत है आपका | और अगर आप अपने पीस टीवी चेनल में बुलाते हैं तो हम अपनी टीम के साथ आ सकते हैं |
आज तक जिसका जवाब जाकिर नाईक से नहीं दिया गया | अब तो उसे भारत भी छोड़ना पड़ा |
मुझे व्यक्तिगत तीन बार समय दिया और आने से मना कर दिया मात्र जाकिर नाईक ही नहीं – इन लोगों में जिन, जिन से, मेरा डिबेट हुवा सबने कहा फिर समय निकाल कर बैठेंगे | परन्तु दुबारा सामने नहीं आया कोई |
2004 के 1 अगस्त को मौलाना फारुख खान, कुरान का हिंदी अनुवादक इनसे खारी बावली आर्य समाज नयाबांस में डिबेट हुवा इन्हों ने भी यही कहा फिर बैठेंगे |
2006 के 20 जून को मौलाना गयासुद्दीन के साथ 15 नो0 हनुमान रोड आर्य समाज में डिबेट हुवा दिन के 12 बजे से शाम 5 बजे तक = ब्र0 राज सिंह जी ने कहा अगर महेन्द्रपाल जी के सवालों का जवाब दे सकते हैं तो मैं अभी इस्लाम स्वीकार करलूँगा | कोई जवाब मौलाना साहब से नहीं दिया गया |
2007 के 27 मार्च को डॉ0 तारिक मुर्तुजा जी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं उनसे बुलन्द शहर में डॉ0 प्रकाश वीर जी के कम्पस में डिबेट बिस्मिल्लाह पर ही उसे रोक दिया | उसने भी कहा समय निकालकर आप के साथ बैठूँगाआज तक सामने नहीं आया |
2008 के 8 फरवरी को बुलन्द शहर खवाज पुर नया गावं आर्य समाज में सैयदअब्दुल्ला तारिक के साथ डिबेट लगभग 3 घंटे से ऊपर चली, इसने भी वादा किया हर सप्ताह आपके साथ बैठूँगा,आज तक सामने नहीं आया बुलाने पर भी |
उसके बाद यह हैयद्राबाद के सूफियों से रंगा रेड्डी जिले में आलियाबाद के एक गुरुकुल में बैठक हुई जिन्हों ने डिबेट के लिए अपनी स्वीकृति पत्र दिया |
उसे स्वीकारते हुए ग्रेटर नॉएडा आर्यसमाज सूरज पुर वालों ने उन्हें यह पत्र लिखा 21 /4 /2016 को आज तक जिसका जवाब नहीं दे पाया | जिस पत्र को आप लोगों तक कई बार पहुँचा चूका हूँ कल भी मेरे पेज में डाला था |
इस बीच और भी लग भग, अब तलक हजारों आलिमों से वार्ता हुई सबने कहा आप हमें समय दें | और मैं समय देता आया इन्हें, किन्तु सामने आने की हिम्मत इन लोगों की नहीं हुई ,और झूठी बातों पर अफवाह फैला रहे हैं | यह लोग विडिओ विडिओ खेल खेलना चाहते हैं, इससे कुछ भी बात बनने वाली नहीं है |
एक मात्र रास्ता है सामने बैठकर डिबेट करना और यह स्टाम्प पेपर में इसलिए होना चाहिए ताहि दोनों पक्षों की रजामंदी रहे कोई उसे मना न कर सके और निर्णायक मंडल निर्णय दें |
पत्र में सभी व्यवस्था का उल्लेख लिखा है विषय सब कुछ स्पष्ट लिखा है इस्लाम ईसाई कोई भी आये स्वागत है | पत्र आज भी दे रहा हूँ =
महेन्द्र पाल आर्य = 2 /7 /20 पहले बहुत बार डाला है |
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