चीन ने भारत पर उस समय प्रहार किया है जब उसके निर्यात किये कोरोना से सारा विश्व कराह रहा है। भारत तो ४ .७ लाख कोरोना संक्रमित लोगों की कराह से कराह रहा है। निर्दयी चीन ने इस नाज़ुक मौक़े का चुनाव किया भारत पर प्रहार करने का। इसके पहले चीन की नज़र अरुणाचल पर थीं। अब चीन ने अरुणाचल से अपना ध्यान हटा लिया है। लद्दाख़ पर लगा दिया है। इसका एक मात्र कारण अकसाई चीन को बचाना नही। इसका असली उद्देश्य कश्मीर को प्राप्त करना है। जब से प्रधान मन्त्री मोदी जी ने जम्मू व कश्मीर से ३७० धारा को हटाया है। चीन बेचेंन रहने लगा है उसने कभी सपने में भी नही सोचा था कभी भी भारत सरकार 370 धारा को हटाने का साहस भी जुगाड़ कर पायेगी। पर यह प्रधान मन्त्री श्री मोदी जी ने कर दिखाया। धारा ३७० के हटने से पाक अधिकृत कश्मीर अब असुरक्षित हो गया है। यद्यपि पाक अधिकृत कश्मीर था तो पाकिस्तान की जेब में , पर उसका असली मालिक चीन बना हुए था। वह पाक अधिकृत कश्मीर का पूरा ब्यवहार चीन के लिए ही करता था।
चीन ने वन बेल्ट वन रोड के ज़रिए ग्वादर बंदरगाह तक सड़क व जगह जगह एयर पोर्ट बना कर भारत को पश्चिमी दिशा में घेर लिया है। ग़ुलाम कश्मीर यानी पोल कहने को तो पाकिस्तान के क़ब्ज़े में है पर असल में वहाँ चीन का राज चलता है। गिलगित हो या बाल्टीस्टान हो वहाँ का नियंत्रण चीन अपने अंतरराष्ट्रीय हितों के लिए करता था । धारा ३७० प्रधानमन्त्री श्री मोदी जी द्वारा हटाने पर पाकिस्तान के तो होश उड़ गए । पर यह भी सच है कि उससे अधिक होश उड़े चीन के। मोदी जीं ने धारा 370 ही नही हटाया , लद्धाख को भी जम्मू कश्मीर से अलग केंद्र शासित प्रदेश बन डाला। जम्मू कश्मीर भी दिल्ली की तरह केंद्र शासित प्रदेश बन गया।
इस से यह फ़ायदा होगा कि जम्मू कश्मीर की पुलिस केंद्र के अधीन रहेगी तो कोई भी मुख्यमंत्री हो अब्दुल्ला परिवार या मुफ़्ती परिवार वे पाकिस्तान से भेजे गए आतंकवादियों क़ो संरक्षण नही दे सकेंगे।
चीन क़ो अमेरिका से भविष्य में लड़ना है ताकि वह सम्पूर्ण विश्व का सर्वशक्तिमान राष्ट्र
बन जाए। अमेरिका को पराजित किए बिना यह सम्भव नही । अमेरिका से चीन पंगा ले।अटॉमिक ताक़त मे चीन अमेरिका के सामने ठहरता ही नही । लद्दाख व अकसाई इंडिया में युरेनीयम का प्रचुर उच्च गुणवत्ता वाला युरेनीयम मिला है । २००७ में जर्मनी की एक प्रयोगशाला में यह प्रमाणित हुआ है। यहाँ सोने का भी प्रचुर भंडार मिला है। चीन के लिए गुलाम कश्मीर व आक्शाईचिन का मोदी जी ने नाम बदलकर ऑक्शाई इंडिया कर दिया है , इन दोनो को भारत के हाथों जाने से बचाना जरूरी है।
गुलाम कश्मीर में पाकिस्तान की हालत बहुत ख़राब है। पाकिस्तान की मिलिटेरी हो या पाकिस्तानी प्रशासन इन दोनो पर पंजाबियों का आधिपत्य हैं। गुलाम कश्मीर क़ो तो इन्होंने ज़बरदस्ती गुलाम बना रखा है। जनता सैनिकों के जूते के नीचे रहती है। वहाँ की जनता तो भारत की जनता है। जम्मु कश्मीर विधान सभा की आज भी २४ सीट भारत ने उनके लिए सुरक्षित रखी हैं। प्रधान मन्त्री मोदी जी क़ो गुलाम कश्मीर की जनता पाकिस्तानी अत्याचारी सेना के हाथ से बचाने का प्रयास करना चाहिए। हमारे भूतपूर्व सेनाध्यक्ष श्री शंकर राय चौधरी मेरे परम मित्र राजेश खन्ना से अपना दुःख प्रगट कर रहे थे । यह देश का दुर्भाग्य हैं। हमारे नेताओं ने देश की सीमाओं को सुरक्षित बनाने की लिए कुछ भी नही किया। जबकि चीन ने इस दिशा में बहुत कुछ किया। प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी जीं से हमारा आग्रह है कि यदि हम डर गए तो चीन हमारे कश्मीर को ले जाएगा , इसलिए निर्भीकता के साथ वह आगे बढ़ते रहें पूरा देश उनके साथ है । हमें ध्यान रखना चाहिए कि चीन आज तक ताइवान को तो नही ले सका ज़ो कश्मीर को ले जाएगा। इस उदाहरण से हमें यह सीख मिलती है कि चीन एक कमजोर देश है उससे घबराने की आवश्यकता नहीं । हमारी सेनाओं का हौसला बहुत बुलंद है और हमें अपनी सेनाओं के पराक्रम पर पूरा विश्वास है कि निश्चय ही इस बार हमारी सेना पूर्व के सारे अरमानों का बदला ले लेगी।
हमको गुलाम कश्मीर को आज़ाद करना है व आक्शाई इंडिया को भारत में मिलाना है। यह ध्यान रखना है कि सीमा पर सड़क आदि इतना मज़बूत बना दे कि कोई पूर्व सेनाध्यक्ष को कभी यह शिकायत करने का मौक़ा न मिले कि सीमा पर सरकार ने कुछ नही किया , जो चीन ने किया।