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राकेश छोकर / नई दिल्ली
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अखंड भारत गुर्जर महासभा ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कोविड-19 एवं पर्यावरण पर वेबीनार में गहन चिंतन मंथन किया। इस महत्वपूर्ण विषय पर बोलते हुए विद्वानों ने कहा कि इस वैश्विक आपका से हमें सीख मिली है कि हम प्रकृति के साथ संवेदनशील बने और मानव जनित कुव्यवस्थाएं मिटाएं।
वेबीनार के उद्घाटन भाषण में अखंड भारत गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय संयोजक डॉ मोहनलाल वर्मा ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कोविड-19 की वजह से जो वैश्विक आपदा आज काल के रूप में मंडरा रही है, वह प्रकृति के प्रति मानव द्वारा बरतने वाली असंवेदनशीलता का परिणाम है। मानव ने अपनी राह में खुद काटे बोयें। श्री कृष्ण गीता धाम के संस्थापक आनंद स्वामी ने कहा कि प्रकृति के संयोजन में परमात्मा की जो शक्ति निहित है हमने उसको दरकिनार किया है। आज आवश्यकता इस बात की है कि प्रकृति के साथ भेदभाव न बरतें, प्रकृति के प्रति संवेदनशील बने।
जापान से वरिष्ठ समाजसेवीका एवं लेखिका रमा शर्मा ने कहा कि पर्यावरण के प्रति आज मानव को ईमानदार होना होगा, अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना होगा। अपने आसपास के वातावरण को शुद्ध और हरा-भरा करने के लिए मन से सार्थक प्रयास करने होंगे।
प्रसिद्ध वायर आर्टिस्ट उदित नारायण बैंसला ने कहा कि कोविड-19 ने जिस तरह से वैश्विक आपदा के जरिए मानव को सीख देने का काम किया है। आवश्यकता इस बात की है कि हम अपनी शिक्षा दीक्षा में भी पर्यावरण के प्रति गंभीरता से विचार करना होगा। कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए वरिष्ठ पर्यावरणविद डॉक्टर संजीव कुमारी ने कहा कि आज इंसान प्रकृति को डिस्पोजल संस्कृति से बचाए, यह पर्यावरण के लिए बेहद घातक है। बिहार पटना से डॉ धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि नीम पीपल तुलसी अभियान के अंतर्गत उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़ा काम किया है लेकिन अभी और काम करने की आवश्यकता है। कोविड-19 की वजह से पर्यावरण के प्रति बहुत कुछ सोचने के लिए विवश होना पड़ रहा है। कार्यक्रम में शहीद धन सिंह कोतवाल संस्थान के संस्थापक तस्वीर सिंह चपराना ने कहा कि प्रकृति से खिलवाड़ बेहद चिंताजनक है, कोविड-19 से बचने के लिए पर्याप्त उपाय स्तर पर ही करने होंगे। प्रोफेसर डॉक्टर राकेश राणा ने कोविड 19 से उत्पन्न हालातों पर चर्चा की। अल्ताफ गुर्जर जम्मू, अब्बास गुर्जर जम्मू, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सुरभि भाटी, आदि ने केंद्रीय सरकार द्वारा पर्याप्त उपाय करने के मुद्दों पर पूर्ण विचार व्यक्त किए।
प्रमुख उपस्थिति वरिष्ठ समाजसेवी, इतिहासकार एवं उगता भारत के संपादक डॉ राकेश कुमार आर्य, महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राकेश छोकर, वरिष्ठ कवि जितेंद्र पांडे उत्तेजित, शिक्षाविद यतेंद्र कटारिया, वरिष्ठ पत्रकार महिपाल सिंह, कृपा फाउंडेशन के चेयर पर्सन डॉक्टर महिपाल सिंह आदि की रही।